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कोडरमा शराब गैंग : गिरोह के लोगों के खाते की होगी जांच, जानिए कैसी रही है संदीप भदानी के गोरखधंधे की कहानी

कोडरमा : जिले में चल रहे अवैध शराब की तस्करी करने वाले गिरोह पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है. एसटीएफ की टीम फरार संजय यादव व गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है. इसी बीच पूरे मामले की जांच बिहार की आर्थिक अपराध शाखा ने भी शुरू कर […]

कोडरमा : जिले में चल रहे अवैध शराब की तस्करी करने वाले गिरोह पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है. एसटीएफ की टीम फरार संजय यादव व गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है. इसी बीच पूरे मामले की जांच बिहार की आर्थिक अपराध शाखा ने भी शुरू कर दी है. यही नहीं, बरामद शराब में मेड इन हरियाणा व ओनली सेल इन पंजाब का डिस्पले होने के बिंदु पर भी पड़ताल की जा रही है. जांच के लिए एक विशेष टीम फिर हरियाणा व पंजाब भेजी गयी है. वहां बरामद शराब के बैच नंबर व अन्य चीजों का मिलान किया जा रहा है.

टीम इस बात का पता लगाने में जुटी है कि यह बैच नंबर असली है या फर्जी और हरियाणा-पंजाब की शराब है तो यह झारखंड कैसे पहुंच रही है. इधर, आर्थिक अपराध शाखा बिहार ने एक जांच अलग से शुरू कर दी है. पटना की टीम शराब के धंधे से अर्जित काली कमाई का पता लगाने में जुट गयी है. एक पदाधिकारी ने बताया कि आर्थिक अपराध शाखा आजसू नेता द्वारा अर्जित काली कमाई का पता लगा रही है. गिरोह में शामिल सभी सदस्यों के बैंक खातों पर भी नजर है. इनके डिटेल खंगाले जा रहे हैं. ज्ञात हो कि एसटीएफ व नवादा पुलिस की संयुक्त टीम ने शनिवार रात को नवादा बस्ती, कोरियाडीह, बंगाली मोहल्ला में छापामारी कर भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब जब्त की थी. वहीं दो युवकों सेवई सिंह, सुनील यादव को गिरफ्तार किया गया था.
दर्ज मामले में संजय यादव को बताया मुख्य सरगना
इधर, बरामद शराब को लेकर तिलैया थाना में मामला ( 12/17) दर्ज किया गया है. थाना प्रभारी महेंद्र सिंह के बयान पर दर्ज केस में आजसू नेता संजय यादव को शराब के अवैध कारोबार का सरगना बताया गया है. थाना प्रभारी के अनुसार, गिरफ्तार लोगों ने पूछताछ में बताया कि वे संजय यादव के लिए काम करते थे. शराब बिक्री व भंडारण का मुख्य काम इसी गिरोह का है. इस गिरोह ने कई ट्रक शराब बिहार में भेजी है. इस गिरोह में मनोज यादव, गुड्डु बहादुर, मनोज चिकना व अन्य शामिल हैं.

बकरा बेचा, दवा बेची, फिर बना गोरखधंधे का सारथी
कोडरमा: कभी जयनगर प्रखंड के सरमाटांड़ के पास स्थित गोहाल में लगने वाले साप्ताहिक हाट में बकरा बेचा करता था. बाद में समय बदला, तो परिवार के सदस्यों के साथ तिलैया आकर दवा की दुकान खोल ली. इसके बाद इसकी आड़ में बीच में ही गोरखधंधे वाले गिरोह का सदस्य बन गया. यह कहानी है अवैध शराब के धंधे के मुख्य सदस्य के तौर पर उभरे संदीप भदानी की.

संदीप भदानी शहर के लोगों के लिए वैसे तो एक अनजाना नाम ही है. लेकिन मोहल्ले के लोगों को उसकी गतिविधियों पर शक जरूर होता था, लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि एक दिन यह एसटीएफ बिहार के लपेटे में होगा. संदीप भदानी (पिता- चिंतामणि राम) मूल रूप से सरमाटांड़ के पास स्थित गांव बेहराडीह का रहने वाला है. जानकारों के अनुसार करीब 20 वर्ष पहले वह अपने पिता व एक भाई के साथ तिलैया शहर आया था, जबकि एक भाई अभी भी बेहराडीह में रहता है. संदीप तिलैया में अपने पिता व पत्नी के साथ अलग घर में रहता था.

पहले उसने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद शहर के प्रतिष्ठित परिवार से मकान का अधिकार हासिल किया, फिर विद्यापुरी में भी आलीशान मकान बनाया. बसंत मेडिकल के नाम से डाॅक्टर गली में एक दुकान खोली और इसके ऊपरी हिस्से में रहने लगा. लोग बताते हैं कि लाखों रुपये के कर्ज में डूबने के बाद उसने विद्यापुरी के मकान को लाखों रुपये में बेच कर बचा पैसा अवैध धंधे में डाल दिया. इससे पूर्व भी वह शराब का अवैध धंधा छोटे-मोटे स्तर पर करता रहा है, पर धीरे-धीरे उसने अपना कद बढ़ा लिया. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद शराब के तस्करों की बांछे खिल गयी और अवैध शराब कोडरमा के सीमावर्ती जिला पड़ने के कारण यहां से भेजी जाने लगी. संदीप बाद में मुख्य गिरोह में शामिल होकर पटना में रह कर इस व्यापार को फैलाने लगा. एसटीएफ बिहार ने शराब बरामदगी मामले में मनोज यादव के बाद संदीप भदानी को ही बड़े सप्लायर के रूप में चिह्नित किया है. इधर, पूरा मामला साफ होने के बाद तिलैया में संचालित बसंत मेडिकल व ऊपरी हिस्से में ताला लगा है. आसपास के लोगों ने बताया कि परिवार के लोग ताला लगा कर कहीं चले गये हैं. उन्हें डर है कि एसटीएफ की दबिश आने वाले समय में यहां भी पड़ सकती है.
सर्च वारंट मांगे जाने पर उठ रहे सवाल
एसटीएफ पटना व नवादा पुलिस की ओर से बीते दिन की गयी छापामारी में भारी मात्रा में अवैध अंगरेजी शराब जब्त की गयी. इसमें दो लोगों की गिरफ्तारी हुई, पर जिस तरह कोडरमा पुलिस का रोल रहा, उससे कई सवाल उठे हैं. सबसे बड़ा सवाल इस बात पर उठा है कि संजय यादव के आवास पर जब एसटीएफ की टीम जाना चाह रही थी, तो यहां के पुलिस पदाधिकारियों ने सर्च वारंट नहीं होने की बात कह कर रोक दिया, जबकि यही पुलिस इससे पहले जब बंगाली मोहल्ला में स्थित आवासीय मकान व कोरियाडीह में स्थित गोदाम में छापा मारने गयी, तो सर्च वारंट की मांग नहीं की. सवाल उठाने वालों का तर्क यह भी है कि कोडरमा पुलिस को तो इन दोनों जगहों पर भी जांच के लिए सर्च वारंट की मांग करनी चाहिए थी. ज्ञात हो कि कोडरमा के एसपी क्रांति कुमार पिछले एक माह से छुट्टी पर थे़ इस दौरान शराब का यह गोरख धंधा चरम पर पहुंचा़ जब एसटीएफ की टीम ने छापेमारी की तो उसी िदन कोडरमा में उनका विदाई समारोह भी आयोिजत हुआ़ हालांकि टीम रात में ही छापामारी कर चुकी थी़.
बड़ी कार्रवाई की तैयारी में एसटीएफ
बताया जा रहा है एसटीएफ की टीम को तिलैया में सर्च वारंट की मांग कर रोके जाने के बाद बिहार के बड़े पुलिस पदाधिकारी ने झारखंड में बातचीत कर मामले की जानकारी ली है. इस बातचीत के बाद एसटीएफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुट गयी है. यही नहीं एसटीएफ के पदाधिकारी ने बताया कि संजय यादव व अन्य की गिरफ्तारी करने का लिए प्रयास किये जा रहे हैं.

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