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मेकन की जगह जुडको लिखने के लिए तीन महीने से घूम रही है फाइल
ढुलमुल रवैया नहीं हो पा रहा राजभवन से कांटा टोली सड़क चौड़ीकरण का टेंडर सुनील चौधरी रांची : राज्य सरकार की कैबिनेट ने 22 जुलाई 2015 को राजधानी रांची की पांच सड़कों के संपूर्ण विकास का फैसला किया था. इन सड़कों के लिए डीपीआर बनाने, टेंडर करने और निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी मेकन […]
ढुलमुल रवैया
नहीं हो पा रहा राजभवन से कांटा टोली सड़क चौड़ीकरण का टेंडर
सुनील चौधरी
रांची : राज्य सरकार की कैबिनेट ने 22 जुलाई 2015 को राजधानी रांची की पांच सड़कों के संपूर्ण विकास का फैसला किया था. इन सड़कों के लिए डीपीआर बनाने, टेंडर करने और निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी मेकन को देने का फैसला किया था. इन सड़कों का निर्माण 36 माह में पूरा किया जाना था. उसे इस काम की जिम्मेवारी 11 अगस्त 2015 को दे दी गयी.
मेकन को दिये गये काम के बदले डीपीआर बनाने के लिए बतौर परामर्शी 1.5 प्रतिशत, टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए 1.5 प्रतिशत और प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग के लिए 4.5 प्रतिशत कंसल्टेंसी फीस देनी थी. सरकार ने बाद में महसूस किया कि मेकन का प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग शुल्क ज्यादा है, इसलिए एक साल बाद 26 जुलाई 2016 को कैबिनेट में संशोधन प्रस्ताव पेश किया गया.
इसमें कहा गया कि मॉनिटरिंग दर अधिक होने की वजह से प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग का काम मेकन के बदले किसी दूसरी एजेंसी काे दिया जाये, जबकि डीपीआर और टेंडर प्रक्रिया पूरा करने का काम मेकन के माध्यम से ही कराया जायेगा. इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की सहमति मिलने के बाद नगर विकास विभाग ने फिर से अपनी योजना संशोधित की और टेंडर का काम मेकन से कराने के बदले जुडको के माध्यम से कराने का फैसला किया. हालांकि, विभाग के इस नये फैसले पर तीन माह बाद भी कैबिनेट की सहमति नहीं ला जी सकी है. इसकी वजह से जुडको सड़क के लिए टेंडर नहीं कर पा रहा है.
एनएमसी भी कर रहा है आनाकानी
कैबिनेट के फैसले के आलोक में विभाग ने राजधानी में बनने वाली पांच सड़कों की प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग के लिए एजेंसी का चयन किया. हैदराबाद की एनएमसी प्रोजेक्ट लिमिटेड ने प्रोजेक्ट कॉस्ट के 0.99 प्रतिशत कंसलटेंसी फीस पर मॉनिटरिंग का काम करेगी.
पांच सड़कों के निर्माण पर तीन हजार करोड़ रुपये खर्च होने हैं. तीन हजार करोड़ की राशि देखते हुए ही एनएमसी ने कंसलटेंसी पर सहमति जतायी. जब डीपीआर उसे मिली, तब वह आनाकानी कर रही है. सूत्रों ने बताया कि तीन हजार करोड़ की परियोजना में 2200 करोड़ पांच सड़कों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण व मुआवजा के लिए स्वीकृत है, जबकि सड़क निर्माण का बजट केवल 800 करोड़ रुपये है. यानी कंपनी को 800 करोड़ रुपये पर ही कंसल्टेंसी शुल्क मिलेगा. इसके बाद से कंपनी भी आनाकानी कर रही है. इधर, मेकन ने पांच सड़कों के लिए डीपीआर सौंप दी है. अब टेंडर की प्रक्रिया जुडको को करना है.
शहर के इन पांच सड़कों
का होना है चौड़ीकरण
1़ राजभवन-रातू रोड चौक-हरमू रोड
– बिरसा चौक तक
2. बिरसा चौक से हिनू चौक-एयरपोर्ट तक
3. राजभवन से कांटाटोली चौक
4. राजभवन कचहरी चौक-मेन रोड-
सुजाता चौक
5. राजभवन-बरियातू रोड-बूटी मोड़ तक
जल्द ही निविदा जारी होगी : सीपी सिंह
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने बताया कि स्मार्ट सिटी के साथ-साथ रांची की सड़कें भी स्मार्ट बनेगी. पांच सड़कें स्मार्ट कॉरिडोर के रूप में विकसित की जायेंगी. यहां इंटेलिजेंट पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम होगा, जहां ट्रैफिक जाम न के बराबर होगी. पार्किंग की उचित व्यवस्था होगी. पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बढ़ाया जायेगा, ताकि निजी वाहन का लोग कम इस्तेमाल कर सकें. पूरी सड़क सीसीटीवी के कवरेज में होगी. स्ट्रीट लाइट, वाइ-फाइ से युक्त सड़कें बनाने का प्रस्ताव है.
जगह-जगह ट्रैफिक सिग्नल भी बनाये जायेंगे. सड़कों के बीच और किनारे ग्रीन एरिया बनाये जाने का प्रस्ताव है. सड़कों के दोनों किनारे फुटपाथ का निर्माण भी किया जायेगा. साइकिल के लिए अलग पथ भी बनाने का प्रस्ताव है. मंत्री ने कहा कि इन सब सुविधाओं के लिए सड़कों के चौड़ीकरण की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विभाग को आदेश दिया गया है कि जल्द से जल्द सड़क निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाये.
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