रांची. पिछले पांच वर्षों में कोल इंडिया की 42 खदानें बंद हुई हैं. इसमें ओपन और अंडरग्राउंड खदानें शामिल हैं. सबसे अधिक खदानें कोल इंडिया की कंपनी वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) की बंद हुई हैं. झारखंड में इस दौरान चार खदानें बंद हुई हैं. इसमें सीसीएल की तीन व इसीएल की एक खदान शामिल है. इसमें दो ओपन कास्ट तथा दो अंडरग्राउंड खदान शामिल है.
पिपरवार में कोयला खदान 1990 में शुरू हुई थी
भारत सरकार ने पिछले पांच वर्षों में बंद होने वाली खदानों की राज्यवार सूची जारी की है. पिपरवार में कोयला खदान 1990 में शुरू हुई थी. यह ओपन कास्ट यानी खुली खदान थी, जो लगभग 1,120.25 हेक्टेयर में फैली हुई थी. हर साल औसतन 120 लाख टन कोयला यहां से निकाला जाता था. जून 2020 आते-आते खदान का कोयला खत्म हो गया और खनन का काम बंद करना पड़ा. उरीमारी खदान भुरकुंडा वाले इलाके में पड़ती है. वहीं, सरुवेरा खदान रामगढ़ के कुजू वाले इलाके में पड़ती है. इन खदानों के बंद होने से आसपास के क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष रोजगार पर भी असर पड़ा है.
झारखंड में बंद खदानों की सूची
सीसीएल : पिपरवार ओपन कास्टसीसीएल : सरुवेरा भूमिगत
सीसीएल : उरीमारी भूमिगतइसीएल : गोपीनाथपुर ओपनकास्ट एवं भूमिगतकिस राज्य में कितनी खदानें हुईं बंद
असम चारछत्तीसगढ़ छहझारखंड चारमध्य प्रदेश 13
महाराष्ट्र नौओडिशा एकपश्चिम बंगाल पांच
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