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झारखंड में घायलों को मदद करने पर मिलेंगे 2000 रुपये, कैबिनेट ने कई अहम प्रस्तावों पर लगायी मुहर

Jharkhand News, Ranchi News, रांची : बुधवार (03 फरवरी, 2021) को झारखंड कैबिनेट ने कई अहम प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी है. इसके तहत जहां झारखंड विधानसभा का बजट सत्र आगामी 26 फरवरी, 2021 से शुरू हो होगा. वहीं, अब राज्य में घायलों की मदद करने पर विशेष सम्मान मिलेगा. सरकार ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए झारखंड गुड स्मारटियन पॉलिसी को स्वीकृति दी है, ताकि सड़क हादसे में घायलों की मदद के लिए लोग आगे आएं और किसी के जीवन की रक्षा हो सके.अब सरकार घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित करेगी. दुर्घटना के एक घंटे यानी गोल्डेन आवर में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर उस व्यक्ति को 2000 रुपये दिये जायेंगे.

Jharkhand News, Ranchi News, रांची : बुधवार (03 फरवरी, 2021) को झारखंड कैबिनेट ने कई अहम प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी है. इसके तहत जहां झारखंड विधानसभा का बजट सत्र आगामी 26 फरवरी, 2021 से शुरू हो होगा. वहीं, अब राज्य में घायलों की मदद करने पर विशेष सम्मान मिलेगा. सरकार ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए झारखंड गुड स्मारटियन पॉलिसी को स्वीकृति दी है, ताकि सड़क हादसे में घायलों की मदद के लिए लोग आगे आएं और किसी के जीवन की रक्षा हो सके.अब सरकार घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित करेगी. दुर्घटना के एक घंटे यानी गोल्डेन आवर में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर उस व्यक्ति को 2000 रुपये दिये जायेंगे.

झारखंड में हर साल 5000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं और 3000 से अधिक मौतें होती हैं. वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के कारण दुर्घटना और इनमें होने वाली मौतों में काफी गिरावट दर्ज की गयी है. इस साल अक्टूबर तक 3366 सड़क हादसे हुए और इनमें 2294 लोगों की मौत हुई है. दुघर्टना में अधिकांश मौत युवाओं की हो रही है. इसको लेकर सरकार संवेदनशील है.

ना रहा पुलिस के सवालों का डर, बेफिक्र होकर करें मदद

झारखण्ड में सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मृत्यु दर अधिक है. अक्सर देखने में आता है कि सड़क किनारे कोई दुर्घटना हो जाती है और कोई मदद को आगे नहीं आता. इसकी वजह होती है कि ऐसे मामलों में मदद करने वाले को पुलिस द्वारा परेशान किया जाता है. लेकिन, अब सरकार ने ऐसे नेक आदमी के संरक्षण के लिए नियम बना दिये हैं. सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की जीवन रक्षा तथा अंग की हानि कम करने के लिए गोल्डन आवर (प्रथम 60 मिनट) में उपचार सर्वाधिक प्रभाव होता है, जिसके लिए घायल व्यक्तियों का गोल्डन आवर में निकटवर्ती अस्पताल में ले जाना आवश्यक है. लेकिन, आम लोग राहगीर द्वारा मानवता के आधार पर सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाने की इच्छा रहने के बावजूद भी पुलिस के सवाल- जवाब एवं कानूनी प्रक्रिया में उलझने के डर से अस्पताल ले जाने का प्रयास नहीं किया जाता है. अब ऐसा नहीं होगा. सड़क दुर्घटना में प्रभावित जख्मी व्यक्तियों के सहायतार्थ नेक नागरिक (Good Samaritian) को प्रेरित करने के उद्देश्य से Jharkhand Good Samaritan Policy को कैबिनेट ने स्वीकृति दी है.

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जानिये क्या खास है इस पॉलिसी में

– सरकारी कर्मी और जन प्रतिनिधियों पर भी सड़क दुर्घटना में घायल को मदद करने की जिम्मेवारी
– दुर्घटना के एक घंटे यानी गोल्डेन आवर में घायल को अस्पताल पहुंचाने पर 2000 रुपये
– 2 व्यक्ति अगर किसी घायल को नजदीकी अस्पताल पहुंचाते हैं, तो दोनों को दो- दो हजार देने की योजना
– 2 से अधिक लोग किसी घायल को अस्पताल पहुंचाते हैं, तो 5000 रुपये सरकार देगी. उक्त राशि सभी के बीच समान रूप से वितरित किया जायेगा
– दुर्घटना से संबंधित जानकारी लेने की स्थित में पुलिस को हर पूछताछ के लिए नेक नागरिक के बैंक एकाउंट में डालना होगा 1000 रुपये
– पुलिस द्वारा Good Samaritan को अपनी पहचान बताने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा
– Good Samaritan को मरीज को अस्पताल में पहुंचाने के बाद अनावश्यक रोका नहीं जायेगा
– सवाल- जवाब के क्रम में पुलिस द्वारा संज्ञान नहीं लिया जायेगा
– गवाही के लिए विशेष परिस्थिति में ही तथा न्यूनतम बार उन्हें सम्मन जा सकेगा

कैबिनेट के कई अन्य अहम फैसले

जलापूर्ति समस्या का हल, प्रति पंचायत 5 चापाकल
ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए राज्य के 4374 ग्राम पंचायतों में 18,431 लाख रुपये की लागत से 21,870 टोलों में चापाकल लगाने की पहल शुरू हुई. वित्तीय वर्ष 2008-10 तक प्रति पंचायत 5 चापाकल के इस्टॉलेशन का कार्य किया जाता था, लेकिन कालान्तर में राज्य सरकार द्वारा इसे बंद करा दिया गया. वर्तमान सरकार राज्य की जनता को जलापूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराने को कृतसंकल्पित है.

कोरोना संक्रमण के दौरान श्रमिकों पर दर्ज मामले होंगे वापस

कोराेना वायरस संक्रमण के दौरान जारी लॉकडाउन प्रावधानों के उल्लंघन के फलस्वरूप दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने की स्वीकृति झारखंड कैबिनेट की बैठक में दी गयी है. पूरे राज्य में प्रवासी मजदूरों द्वारा लॉकडाउन उल्लंघन की कुल 30 प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जिसमें 204 मजदूरों को आरोपी बनाया गया है. इन सभी मजदूरों पर दर्ज मामले वापस होंगे.

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राज्य के अस्पतालों में नियमित रूप से होगी दवा उपलब्ध

झारखंड सरकार द्वारा राज्य के अस्पतालों में नियमित रूप से दवा उपलब्ध कराने के लिए झारखंड वित्त नियमावली के नियम-235 को शिथिल कर दिया गया है. वहीं, नियम-245 के तहत केंद्र सरकार के 5 औषधि निर्माता उपक्रमों से मनोनयन के आधार पर 103 जेनेरिक जीवन रक्षक दवाओं को खरीद कर विभिन्न अस्पतालों को जीवन रक्षक दावा आपूर्ति करायेगी.

अब हर वृद्ध गरीब को मिलेगा पेंशन

झारखंड के करीब 3,65,000 अतिरिक्त वृद्धों को पेंशन देने की कार्ययोजना पर सरकार ने कार्य शुरू कर दिया है. राज्य योजना अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री राज्य पेंशन योजना अंतर्गत योग्य व्यक्तियों पेंशन देने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकृति दी है. मालूम हो कि राज्य में 60 वर्ष से ऊपर के वृद्धों को मुख्यमंत्री राज्य वृद्धापेंशन योजना के अंतर्गत प्रति लाभुक को प्रति माह 1000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. इस योजना के अंतर्गत वर्तमान में 3,65,000 लाभुक लाभान्वित हो रहे हैं. प्रस्तावित स्वरूप के साथ मुख्यमंत्री राज्य वृद्धापेंशन योजना अंतर्गत लाभान्वित हो रहे कुल 3,65,000 लाभुकों की संख्या को दोगुना कर कुल 7, 30,000 लाभुक के आच्छादन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी है.

Posted By : Samir Ranjan.

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