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टूट रहा किसानों का भरोसा : धान बेचने वाले 16 हजार किसानों का 180 करोड़ लटका, बढ़ी परेशानी
संजय निगम में 20 दिन से एमडी नहीं रांची : राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) में प्रबंध निदेशक (एमडी) का पद गत 20 दिनों से रिक्त है. खाद्य आपूर्ति विभाग में विशेष सचिव सह निगम के एमडी बद्रीनाथ चौबे की 31 जनवरी को हुई सेवानिवृत्ति के बाद से यह पद खाली है. इधर एमडी के नहीं […]
संजय
निगम में 20 दिन से एमडी नहीं
रांची : राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) में प्रबंध निदेशक (एमडी) का पद गत 20 दिनों से रिक्त है. खाद्य आपूर्ति विभाग में विशेष सचिव सह निगम के एमडी बद्रीनाथ चौबे की 31 जनवरी को हुई सेवानिवृत्ति के बाद से यह पद खाली है. इधर एमडी के नहीं रहने से निगम के सभी वित्तीय काम लटक गये हैं. सबसे गंभीर मामला किसानों का भुगतान लटक जाना है. अभी 19 फरवरी तक करीब 16 हजार किसानों ने लगभग 91 हजार टन धान सरकार को बेचा है.
इधर सरकार ने खरीफ मौसम 2019-20 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य दो हजार रुपये (बोनस सहित) प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. शुरुआत में थोड़े भुगतान के बाद से किसानों के करीब 180 करोड़ रुपये का भुगतान लटक गया है. गत माह भर में ही ये धान विभिन्न जिलों के धान क्रय केंद्र में बेेचे गये हैं. इधर एमडी के नहीं रहने से खाद्यान्न का उठाव व परिचालन करनेवाले ठेकेदारों को भी भुगतान नहीं हो रहा है.
अधिकतम 15 दिन में होना है भुगतान : धान बेचनेवाले किसानों को अधिकतम 15 दिनों में भुगतान हो जाना चाहिए. धान बेचने वाले किसानों की सूची धान क्रय केंद्र के सचिव/अध्यक्ष, प्रतिनियुक्त जनसेवक तथा प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधकों को उपलब्ध करायी जाती है. इसके बाद उनके खाते में भुगतान किया जाता है. एसएफसी में प्रबंध निदेशक न होने से पैसे रिलीज नहीं हो रहे हैं.
खुले बाजार में धान बेचने की मजबूरी
सरकार के इसी रवैये से किसान अपना धान खुले बाजार में बेचने को मजबूर होते हैं. भले ही उन्हें धान की कम कीमत मिलती है, पर भुगतान नकद हो जाता है. अभी छह फरवरी को राष्ट्रीय कृषि लागत व मूल्य आयोग के अध्यक्ष विजय पॉल शर्मा ने रांची में कहा था कि जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (मिनिमम सपोर्ट प्राइस या एमएसपी) तय है, कम से कम वह किसानों को मिले. अभी खरीफ 2019-20 में धान का एमएसपी 1815 रुपये (झारखंड सरकार द्वारा देय बोनस 185 रु छोड़ कर) प्रति क्विंटल तय है. इधर देखा जा रहा है कि किसान 1200-1300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खुले बाजार में अपना धान बेच रहे हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए.
किस जिले में कितना बकाया
जिला बकाया
गिरिडीह 21.00
हजारीबाग 41.00
सिमडेगा 6.00
कोडरमा 5.00
प.सिंहभूम 5.00
पू.सिंहभूम 41.00
साहेबगंज 2.00
लातेहार 3.00
रांची 10.00
धनबाद 3.00
बोकारो 3.00
गुमला 3.00
जिला बकाया
जामताड़ा 4.40
देवघर 3.00
रामगढ़ 2.00
सरायकेला 1.50
गोड्डा 1.00
खूंटी 1.60
पलामू 10.00
दुमका 1.00
लोहरदगा 2.20
गढ़वा 7.00
पाकुड़ 0.42
चतरा 1.90
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