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रांची : स्किल समिट में युवाओं को दिये गये रोजगार फरजी, जांच हो

विवेकानंद की जयंती पर 2018 व 2019 में 1.26 लाख युवाअों को दिये गये थे रोजगार, सरयू राय ने किया दावा, कहा रांची : रघुवर सरकार में मंत्री रहे व वर्तमान में विधायक सरयू राय ने 2018 में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर आयोजित स्किल समिट व वर्ष 2019 में आयोजित ग्लोबल समिट में लगभग […]

विवेकानंद की जयंती पर 2018 व 2019 में 1.26 लाख युवाअों को दिये गये थे रोजगार, सरयू राय ने किया दावा, कहा
रांची : रघुवर सरकार में मंत्री रहे व वर्तमान में विधायक सरयू राय ने 2018 में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर आयोजित स्किल समिट व वर्ष 2019 में आयोजित ग्लोबल समिट में लगभग एक लाख 26 हजार युवकों को रोजगार देने के मामले में पैसे की बरबादी, तामझाम अौर इसे पूरी तरह से फरजी बताया है. साथ ही इस मामले की जांच कराने का अनुरोध मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की है.
श्री राय ने इस बाबत ट्वीट भी किया है. उन्होंने कहा है कि 12 जनवरी 2018 को 26 हजार युवकों को नौकरी देने की घोषणा राज्य सरकार ने तामझाम के साथ की. इन सभी का व जहां इन्हें नौकरी मिली, उनका नाम, पता, मोबाइल उनके पास है. जांचने पर दावा फरजी निकला, पर लिम्का बुक अॉफ रिकॉर्ड में यह दर्ज हो गया. यह फरजीवाड़ा किसने किया, कृपया इसकी जांच करायें.
मालूम हो कि स्वामी विवेकानंद की जयंती पर खेलगांव होटवार में 12 जनवरी 2018 में स्किल समिट अौर 2019 ग्लोबल समिट में कुल एक लाख 26 हजार 600 युवाअों को नौकरी दी गयी. इतनी संख्या में रोजगार दिलाने पर झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी को स्कॉच अवार्ड भी मिला. बताया जाता है कि वर्ष 2018 में सरकार ने 25 हजार युवाअों को निजी क्षेत्र में रोजगार देने का लक्ष्य रखा था, लेकिन संख्या बढ़ कर 26 हजार हो गयी थी.
इसी प्रकार वर्ष 2019 में एक लाख युवाअों को रोजगार देने का लक्ष्य था, जिसे पूरा किया गया. दोनों समिट में सभी विभाग को लक्ष्य दिया गया था. झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी द्वारा राज्य लगभग 38 प्लेसमेंट सेंटर स्थापित कर प्लेसमेंट ड्राइव भी चलाया गया. समिट में युवाअों को जॉब अॉफर लेटर भी दिये गये. इनमें कई युवाअों को आठ से 10 हजार रुपये प्रतिमाह पर रोजगार दिया गया. कई युवाअों को तमिलनाडु, केरल सहित अन्य राज्यों में रोजगार दिलाने के कंपनी ले भी गयी. लेकिन इनमें से काफी संख्या में युवा रोजगार छोड़ कर वापस भी लौट गये. कॉल सेंटर के लिए दिये गये रोजगार में से आधे युवाअों के मोबाइल फोन ही स्वीच अॉफ मिले. कई युवाअों ने अॉफर लेटर ले लिया, लेकिन योगदान ही नहीं किया.
रोजगार दिलाने वाली प्रमुख कंपनी व लक्ष्य : कौशल विकास विभाग का लक्ष्य 11 हजार युवाअों को रोजगार दिलाने का. इनमें स्किल समिट में प्रमुख रूप से विजनरी नॉलेज एंड मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने 2516 को दिलाया रोजगार. इसी प्रकार सेंटम वर्क स्किल इंडिया लिमिटेड ने दिलाये 1322 युवाअों को रोजगार. जबकि एसजीआरएस एकेडमिक प्राइवेट लिमिटेड ने 1153 को दिलाया रोजगार. वेलस्पून इंडिया लिमिटेड ने दिलवाये 823 युवाअों को रोजगार, एजिश ग्लोबल ने दिलाया था 603 अौर कॉटन ब्लोज्म प्राइवेट ने 410 युवाअों को रोजगार देने का दावा किया.
इसके अलावा बाकी बचे युवाअों को अन्य विभागों की तरफ से रोजगार दिया गया. इन्हें सिक्यूरिटी गार्ड, सेल्फ इंप्लाइड टेलर, फीटर, इलेक्ट्रिशियन, पलंबर, ब्यूटिशियन, पेंटर, अॉटो रिपेयर आदि ट्रेड में रोजगार दिलाये गये. इसी प्रकार वर्ष 2019 के स्किल समिट में उच्च शिक्षा को 12 हजार युवाअों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य दिया गया. जिमसें 12101 को रोजगार दिलाने का दावा किया गया. इसी प्रकार टेक्निकल एडुकेशन में 8000 लक्ष्य के विरुद्ध 5963 को रोजगार दिया गया. जेएसडीएमएस में 40000 लक्ष्य के विरुद्ध 44693, श्रम विभाग में 12000 में 10965 युवाअों को दिया गया रोजगार. इसी प्रकार उद्योग विभाग में 2000 में 998, ग्रामीण विकास में 12000 में 12451, नगर विकास विभाग में 10000 में 14892, कल्याण विभाग में 4000 के लक्ष्य के विरुद्ध 4556 युवाअों को रोजगार दिया गया.
विभागों के कंसल्टेंट पर भी उठाये सवाल
निर्दलीय विधायक सरयू राय ने पिछली सरकार में काम करनेवाले कई कंसल्टेंट कंपनियों के कामकाज पर सवाल उठाया है़ विधायक श्री राय ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा है कि बिग-4 के नाम चर्चित कंपनियों ने पिछले पांच वर्षों में कई विभागों में परामर्शी का काम किया है़ श्री राय ने अपने ट्वीट में इ एंड वाई, पीडब्लूसी, केपीएमजी और एक अन्य विदेशी कंपनी का जिक्र किया है़ उन्होंने कहा है कि इन कंपनियों ने मोमेंटम झारखंड, कौशल विकास, जनसंपर्क, शिक्षा, खान और आइटी सहित कई विभागों में काम किया था़ इनके चर्चित कार्यों के लाभ-हानि की गहन जांच होनी चाहिए़ गौरतलब है कि वर्ष 2015 में इएंडवाइ को उद्योग विभाग व आइटी विभाग ने कंसलटेंट नियुक्त किया था. इन्हें 25 लाख रुपये मासिक भुगतान किया जा रहा था. इएंडवाइ मोमेंटम झारखंड का नॉलेज पार्टनर बना था. इसी तरह पीडब्ल्यूसी को जेएसएमडी, केपीएमजी को खान विभाग का कंसलटेंट नियुक्त किया गया था.

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