रांची : बरियातू थाना क्षेत्र के मोरहाबादी रोड स्थित आभूषण अलंकार ज्वेलरी दुकान के संचालक भैरो प्रसाद की हत्या आलोक प्रसाद ने की थी. इसका खुलासा उसने रिमांड में पूछताछ के दौरान किया है. अरगोड़ा थाना की पुलिस ने लूटपाट के एक दूसरे केस में सरेंडर करने के बाद पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लिया था.
इसी दौरान भैरो प्रसाद हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. उसने बताया कि वह गांधी चौक में दवा दुकान में काम करता था. वर्ष 2018 में वह मारवाड़ी कॉलेज में पार्ट वन में पढ़ रहा था. इसी दौरान उसकी शादी कर दी गयी. जिसके बाद वह अपनी पत्नी के साथ केतारीबागान चुटिया स्थित बबलू साहू के मकान में रहने लगा. दवा दुकान से उसकी मासिक आमदनी 10 से 12 हजार रुपये होती थी, जिससे खर्च पूरा नहीं होता था.
पहले भैरो के घर के समीप ही रहता था:
आलोक के अनुसार एक दिन दवा दुकान में उससे मिलने अभिषेक आया था. उसे भी पैसे की जरूरत थी. इस सिलसिले में दोनों ने एक जगह शराब पी. इसके बाद स्कूटी से अरगोड़ा चौक स्थित सुधा डेयरी पहुंचा और संचालक पर हमला कर रुपये लूट लिया. लूटे हुए रुपये अभिषेक के पास ही थे. घटना के बाद आलोक इधर-उधर छिपकर रहने लगा. इस कारण उसे परिवार का खर्च उठाने में और परेशानी होने लगी.
उसने बताया कि केतारी बागान में रहने से पहले वह भैरो प्रसाद के घर के समीप ही किराये पर रहता था, इसलिए वह भैरो प्रसाद को जानता था. भैरो प्रसाद वृद्ध था इसलिए उसने उसकी दुकान में लूटपाट करने के लिए 25, 27, 29 और 30 नवंबर को रेकी की. उसकी योजना सिर्फ लूटपाट करने की थी. घटना के बाद वह वापस केतारीबागान स्थित घर आया. इसी बीच आलोक का पत्नी के साथ झगड़ा भी हुआ. 10 जनवरी को उसके किराये के घर में गैस सिलिंडर लीक होने की वजह से आग लग गयी थी जबकि जांच में पुलिस को पता चला है कि उसने खुद ही घर में आग लगायी थी और भाग गया था.
हत्याकांड के केस में बरियातू पुलिस और पूछताछ के लिए बाद में रिमांड पर लेगी. पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि आलोक पत्नी के अलावा एक गर्लफ्रेंड भी रखता था. वर्तमान में उसके साथ चुटिया केतारीबागान स्थित घर में रहता था. ऐसे में पत्नी के अलावा गर्लफ्रेंड का खर्च वहन करने के लिए अधिक रुपये की आवश्यकता थी. जिसे वह अपने काम से पूरा नहीं कर पा रहा था. घर का किराया भी नहीं दे रहा था. इस कारण ही उसके घटना को अंजाम दिया.
लूटपाट के दूसरे केस में किया था सरेंडर : जानकारी के अनुसार एक दिसंबर 2019 को शाम करीब 5.50 बजे भैरो प्रसाद मोरहाबादी रोड स्थित आभूषण अलंकार ज्वेलरी दुकान को बंद कर रहे थे. उसी दौरान एक अज्ञात अपराधी दुकान में घुस गया था और चाकू व हथौड़ा से वार कर दुकान में रखे चांदी और सोने के गहने लूट लिये थे.
जेवरात को एक बैग में डालकर भाग रहा था तभी आस-पास के लोगों ने पीछा करना शुरू किया तो वह बैग छोड़ कर भाग निकला. जानकारी मिलने पर पुलिस ने भैरो को रिम्स में भेज दिया और केस का अनुसंधान शुरू किया. कुछ दिनों बाद इलाज के दौरान भैरो प्रसाद की मौत हो गयी. इधर सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी अनुसंधान के दौरान पुलिस को आलोक सोनी उर्फ आलोक प्रसाद के बारे में जानकारी मिली. वह सिराजुद्दीन लेन नील रतन स्ट्रीट का रहनेवाला था.
पुलिस ने उसके घर पर छापेमारी भी की थी. लेकिन वह फरार चल रहा था. इसी बीच अरगोड़ा थाना में 17 सितंबर 2019 को जानलेवा हमला कर लूटपाट के आरोप में केस में आलोक प्रसाद ने 14 जनवरी को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इसी केस में अरगोड़ा थाना की पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था, तब जाकर भैरो हत्याकांड की जानकारी मिली.
आरोपी का दूर का रिश्तेदार था मृतक
जानकारी के मुताबिक भैरो प्रसाद आरोपी आलोक प्रसाद का दूर का रिश्तेदार भी था. घटना को अंजाम देने के बाद जब भैरो प्रसाद की मौत की जानकारी मिली, तब उसे बड़ा दुख हुआ था. इसके बाद उसने दीवार में सिर टकराकर फोड़ लिया था.
