रांची : कल्याण विभाग के 69 आवासीय उच्च विद्यालयों की प्रयोगशाला में रसायन व उपकरणों सहित अन्य सामग्री की आपूर्ति के लिए 24 अक्तूबर 2019 को टेंडर निकाला गया. इसे अॉनलाइन भरने की अंतिम तिथि 15 नवंबर 2019 थी. बाद में विभाग ने टेंडर भरने की अंतिम तिथि बढ़ा कर 18 नवंबर 2019 की शाम छह बजे तक कर दी. अारोप है कि इन तीन दिनों के दौरान भरे गये टेंडर मान्य नहीं किये गये.
इनमें चार-पांच स्थानीय आपूर्तिकर्ता भी थे. इन्होंने इस संबंध में आदिवासी कल्याण आयुक्त (टीडब्ल्यूसी) से मुलाकात कर अपनी समस्या बतायी. आपूर्तिकर्ताअों के अनुसार, आयुक्त ने आश्वासन दिया कि सभी टेंडर स्वीकृत कर लिये जायेंगे, पर ऐसा नहीं हुआ.
इधर, पहले तकनीकी बिड तथा पखवारा भर पहले टेंडर का फिनांशियल बिड भी खोल दिया गया. आपूर्तिकर्ताअों ने आरोप लगाया है किएक करोड़ रुपये के इस टेंडर में उन्हें जानबूझकर दरकिनार कर दिया गया. यही नहीं, टेंडर में एक ऐसी शर्त जोड़ी गयी, जिसे गिने-चुने आपूर्तिकर्ता ही पूरे करते हैं. यह था- अापूर्तिकर्ताअों के लिए यूरोपियन कंफर्मिटी सर्टिफिकेशन का होना. सूत्रों के अनुसार, यह शर्त स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के टेंडर में भी नहीं जोड़ी जाती.
अारोप है कि कुछ खास लोगों को ही टेंडर में शामिल करने के लिए यह शर्त जोड़ी गयी. इस संबंध में टीडब्ल्यूसी शिशिर कुमार सिन्हा ने कहा कि पूरा पेपर नहीं होने के कारण कुछ लोगों का टेंडर स्वीकार नहीं किया गया. जहां तक यूरोपियन कंफर्मिटी सर्टिफिकेशन का मुद्द है, तो सामग्री की खरीद जेम पोर्टल से होगी. जेम पोर्टल के प्रावधान केंद्र सरकार तय करती है. इसमें वह फेरबदल नहीं कर सकते हैं. इधर, आपूर्तिकर्ताअों ने जेम पोर्टल से खरीद की बात गलत बतायी. उन्होंने कहा कि टेंडर झारखंड सरकार की अपनी साइट पर अपलोड किये गये थे.