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रांची :एएनएम अब फील्ड से ही अपलोड करेंगी स्वास्थ्य संबंधी आंकड़े
रांची : सरकार मातृ व शिशु मृत्यु दर (एमएमआर व सीएमआर) को कम करने के लिए मातृ व शिशु स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों पर नजर रखती है. इसके लिए प्रजनन व शिशु स्वास्थ्य (रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ) का एक पोर्टल बना हुआ है, जिस पर गर्भवती व धातृ महिलाओं सहित नवजात से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी आंकड़े […]
रांची : सरकार मातृ व शिशु मृत्यु दर (एमएमआर व सीएमआर) को कम करने के लिए मातृ व शिशु स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों पर नजर रखती है. इसके लिए प्रजनन व शिशु स्वास्थ्य (रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ) का एक पोर्टल बना हुआ है, जिस पर गर्भवती व धातृ महिलाओं सहित नवजात से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी आंकड़े अपलोड किये जाते हैं.
अब तक इन आंकड़ों को पोर्टल पर अपलोड करने का काम जिला व प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएस व बीपीएम) सहित प्रखंड डाटा प्रबंधक (बीडीएम) कर रहे हैं. अब यह काम राज्य की 40 हजार सहिया की सहायता से नौ हजार एएनएम खुद करेंगी. फील्ड से ही पोर्टल पर आंकड़े अपलोड किये जायेंगे.
ये आंकड़े दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के सर्वर पर सीधे लोड होंगे. इससे केंद्र सरकार भी इसे देख सकेगी. जिस सॉफ्टवेयर पर अांकड़ों को लोड करने का काम होगा, उसे अनमोल (एएनएम अॉनलाइन) नाम दिया गया है. टैबलेट उपलब्ध कराने तथा प्रशिक्षण के बाद सभी एएनएम को यूजर आइडी दिया गया है. इसकी सहायता से सभी एएनएम अभी ट्रायल बेसिस पर डाटा लोड कर रही हैं. मार्च-अप्रैल 2020 से यह काम विधिवत शुरू हो जाने की संभावना है.
नौ हजार टैबलेट व सिम उपलब्ध कराया जायेगा : नौ हजार एएनएम को टैबलेट दिये गये हैं. इसकी सहायता से ही वह अारसीएच के आंकड़े अपलोड करेंगी. स्वास्थ्य विभाग अब सभी एएनएम तथा सहिया को सिम उपलब्ध करा रहा है. नेटवर्क व कनेक्टिविटी के आधार पर उन्हें संचार कंपनी चुनने का विकल्प दिया गया है.
सीधे केंद्र सरकार के सर्वर पर अपलोड होंगे
किसी गर्भवती महिला के सरकारी अस्पताल में निबंधन के साथ ही उसे नौ अंकों वाला पहचान नंबर (आइडी) दिया जाता है. संबंधित महिला के प्रसव पूर्व व प्रसव बाद हुई जांच के तथ्य, उसके टीकाकरण तथा बच्चे के जन्म के बाद उसके पूर्ण टीकाकरण, वजन व ऊंचाई सहित अन्य आंकड़े अारसीएच पोर्टल पर अपलोड होते हैं. इसका मकसद महिला व बच्चे के स्वास्थ्य पर नजर रखना है. अब ये आंकड़े सीधे केंद्र सरकार के सर्वर पर अपलोड होंगे.
क्या होगा लाभ
जिला व प्रखंड स्तर से अांकड़ों के अपलोड होने से पहले इन्हें मैनुअल तरीके से रजिस्टर में उपलब्ध कराया जाता है. इससे फील्ड का डाटा प्रखंड को मिलने तथा इसे अपलोड होने में विलंब होता है. नतीजतन मां-बच्चे के स्वास्थ्य पर नजर रखने में परेशानी होती है. अब फील्ड से सीधे एएनएम द्वारा ही ये अांकड़े पोर्टल पर लोड होने से समय पर वास्तविक अांकड़े मिल सकेंगे.
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