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रांची : रिम्स में 12 साल के बच्चे के हार्ट की हुई पहली सर्जरी
रांची : ओरमांझी निवासी 12 वर्षीय दिवांश महतो (बदला हुआ नाम) को रिम्स के सीटीवीएस विभाग के डॉ अंशुल कुमार की टीम ने नयी जिंदगी दी है. सीटीवीएस विभाग में पहली बार बच्चे के दिल की सर्जरी की गयी है. मेडिकल भाषा में इसे एड्रिय सेप्टल डिफेक्ट (एएसडी) कहा जाता है. परिजन बच्चे को हर्निया […]
रांची : ओरमांझी निवासी 12 वर्षीय दिवांश महतो (बदला हुआ नाम) को रिम्स के सीटीवीएस विभाग के डॉ अंशुल कुमार की टीम ने नयी जिंदगी दी है. सीटीवीएस विभाग में पहली बार बच्चे के दिल की सर्जरी की गयी है.
मेडिकल भाषा में इसे एड्रिय सेप्टल डिफेक्ट (एएसडी) कहा जाता है. परिजन बच्चे को हर्निया की समस्या का इलाज कराने पहले सर्जरी विभाग में ले गये थे. डाॅक्टरों ने जब 12 साल की उम्र में बच्चे का वजन सिर्फ 24 किलो देखा, तो उनको हार्ट की समस्या का अंदेशा हुआ. सामान्य बच्चा की इस उम्र मेें 30 से 35 किलो वजन होना चाहिए था. इसके बाद उसे कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग में भेज दिया गया. विभागाध्यक्ष डॉ अंशुल कुमार ने बताया कि बच्चे का वजन कम होने के अलावा सांस फूलने व दिल की गति तेज होने की समस्या थी.
जांच में दिल में छेद की जानकारी मिली, जिसका एएसडी क्लोजर कर बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि अभी तक हम बड़े लोगों के ओपन हार्ट सर्जरी करते थे, लेकिन अब 12 साल के बच्चे की सर्जरी किया है. शीघ्र ही 12 साल से नीचे उम्र के बच्चे का ओपन हार्ट सर्जरी की जायेगी. ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ अंशुल कुमार, डॉ अंकित, डॉ प्रियंका व एनेस्थिसया से डॉ शिवो, डॉ मुकेश, डॉ नितिश, डॉ हर्ष व डॉ फुजैल आदि शामिल थे.
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