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नक्सलवाद पर मतदाताओं की राय

ज्योति मिश्रा विभा अत्रि (लोकनीति- सीएसडीएस से जुड़े शोधार्थी ) अत्यंत नक्सल-प्रभावित राज्य के रूप में झारखंड ने वर्ष 2014 के विधान सभा चुनावों की अपेक्षा इस बार नक्सलियों के प्रति समर्थन में किंचित कमी महसूस की है. नक्सलियों के बारे में एक सामान्य नजरिया यह है कि वे हिंसा फैलाते हैं. लोकनीति के मतदान […]

ज्योति मिश्रा

विभा अत्रि

(लोकनीति- सीएसडीएस से जुड़े शोधार्थी )

अत्यंत नक्सल-प्रभावित राज्य के रूप में झारखंड ने वर्ष 2014 के विधान सभा चुनावों की अपेक्षा इस बार नक्सलियों के प्रति समर्थन में किंचित कमी महसूस की है. नक्सलियों के बारे में एक सामान्य नजरिया यह है कि वे हिंसा फैलाते हैं.

लोकनीति के मतदान पश्चात सर्वेक्षण में जब मतदाताओं के समक्ष तीन कथन पेश कर उनसे यह पूछा गया कि वे उनमें किससे सर्वाधिक सहमत हैं, तो प्रत्येक पांच में दो से कुछ अधिक मतदाता (44 प्रतिशत) नक्सलियों के विषय में यह नकारात्मक राय रखते पाये गये कि ‘वे अनावश्यक हिंसा फैलाते हैं.’

कुछ इसी अनुपात में मतदाताओं (43 प्रतिशत) ने वर्ष 2014 के विधान सभा चुनावों के वक्त भी यही विचार व्यक्त किये थे. लगभग एक चौथाई मतदाताओं (24 प्रतिशत) ने यह राय प्रकट की कि ‘जहां नक्सलियों की मांगें उचित हैं, वहीं उनका तरीका गलत है.’

पर इस विचार के समर्थकों में वर्ष 2014 की अपेक्षा 2 प्रतिशत की कमी आयी है. जहां तक नक्सलियों तथा उनके संघर्ष का सवाल है, तो प्रत्येक पांच में एक मतदाता नक्सलियों के विषय में पूरी तरह सकारात्मक राय रखते पाये गये – 11 प्रतिशत का यह विचार था कि ‘नक्सली निर्धनों के अधिकारों के लिए लड़ते हैं.’ ऐसे मतदाताओं की संख्या में वर्ष 2014 की अपेक्षा 2 प्रतिशत की कमी आयी है.

उस वक्त 13 प्रतिशत मतदाताओं का यही मत था (तलिका 1). हालांकि नक्सलियों के साथ सहानुभूति रखनेवालों में कुछ कमी आयी है, पर यह नवीनतम सर्वेक्षण यह बताता है कि झारखंड के कम से कम तीन में एक मतदाताओं में अभी भी नक्सलियों के प्रति पूरी अथवा आंशिक सहानुभूति बरकरार है और अनुसूचित जनजातियों के मतदाताओं में यह अनुपात कुछ और अधिक (पांच में दो मतदाताओं में) मौजूद है.

ज्यादातर मतदाताओं ने माना कि नक्सली हिंसा में कमी आयी

कुल 36 48 16

उत्तर 36 48 17

उत्तर पश्चिम 47 41 12

संथाल परगना 26 51 23

दक्षिण 36 50 15

नोट – संख्याएं प्रतिशत हैं.

स्रोत : लोकनीति- सीएसडीएस पोस्ट पोल सर्वे 2019 इन झारखंड

पूछा गया सवाल- आपकी राय में पिछले पांच वर्षों में झारखंड में नक्सली हिंसा बढ़ी है या घटी है?

विभिन्न वर्गों और समुदायों द्वारा नक्सलियों के बारे में राय

आर्थिक वर्ग द्वारा

गरीब 45 8 22 25

निम्न वर्ग 41 12 28 19

मध्य वर्ग 42 13 24 22

अमीर 52 11 18 19

समुदाय द्वारा

अनुसूचित जातियां 49 12 17 22

अनुसूचित जनजातियां 40 15 26 19

अन्य 44 10 25 22

नोट – संख्याएं प्रतिशत हैं.

स्रोत : लोकनीति- सीएसडीएस पोस्ट पोल सर्वे 2019 इन झारखंड

नक्सलवाद पर झारखंड के मतदाताओं की राय

नक्सली अनावश्यक ही हिंसा फैलाते हैं 44 43

गरीबों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हैं नक्सली 11 13

नक्सलियों की मांग वास्तविक है, लेकिन उनके तरीके गलत हैं 24 26 कोई राय नहीं 21 17

जहां पर लोगों ने नक्सलवाद का पूरी तरह से विरोध किया, वहां भाजपा ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. जहां पर लोगों की नक्सलवाद से सहानुभूति रही, वहां जेएमएम

गठबंधन ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया

आर्थिक वर्ग द्वारा

अनावश्यक हिंसा फैलाते हैं नक्सली 34 33 40 34 7 1 5 13 15 20

गरीबों के हक के लिए संघर्ष करते हैं नक्सली 42 38 26 31 6 2 5 12 22 16 नक्सलियों की मांग वास्तविक, तरीके गलत 34 35 29 36 9 1 8 8 19 20 कोई राय नहीं 34 36 29 29 10 7 5 5 22 23

नोट :साल 2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान जेएमएम और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं था, लेकिन 2019 की उससे तुलनात्मक मिलान के लिए उनके समर्थकों की राय को यहां जोड़ा गया है.

उत्तर पश्चिम क्षेत्र में नक्सलियों को समर्थन न्यूनतम

आर्थिक वर्ग द्वारा

अनावश्यक हिंसा फैलाते हैं नक्सली 33 44 58 40 45 64 46 40

गरीबों के हक के लिए संघर्ष करते हैं नक्सली 10 13 8 12 12 8 13 15 नक्सलियों की मांग वास्तविक, तरीके गलत 28 35 14 16 23 25 26 24 कोई राय नहीं 29 8 21 31 19 3 15 21

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