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निर्दोष ग्रामीणों की जान ले रहा लैंडमाइन, बचाव के कोई कारगार उपाय अब तक नहीं, पढ़ें ये खास रिपोर्ट

प्रणव रांची : नक्सलियों द्वारा लगाये गये लैंडमाइन सुरक्षाबलों के जवानों के साथ-साथ ग्रामीणों के लिए काल बन रहे हैं. रांची के तमाड़ थाना क्षेत्र में 13 दिसंबर को नक्सलियों के आइइडी ब्लास्ट में सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के दो जवान घायल हो गये थे. इसी दिन लोहरदगा के पेशरार थाना क्षेत्र के बुलबुल जंगल […]

प्रणव
रांची : नक्सलियों द्वारा लगाये गये लैंडमाइन सुरक्षाबलों के जवानों के साथ-साथ ग्रामीणों के लिए काल बन रहे हैं. रांची के तमाड़ थाना क्षेत्र में 13 दिसंबर को नक्सलियों के आइइडी ब्लास्ट में सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के दो जवान घायल हो गये थे. इसी दिन लोहरदगा के पेशरार थाना क्षेत्र के बुलबुल जंगल में आइइडी विस्फोट में ग्रामीण एतवा परहिया की मौत हो गयी, जबकि सूरज परहिया घायल हो गये थे.
23 दिसंबर को लोहरदगा के केकरांग घाटी में झरना के पास ही लकड़ी चुनने गयी एक लड़की भी मौत आइइडी ब्लास्ट के कारण हो गयी थी.
वहीं, 25 दिसंबर को लोहरदगा-पेशरार मुख्य पथ पर बगड़ू थाना क्षेत्र के केकरांग घाटी में झरना के पास बुधवार को लैंडमाइन विस्फोट में सीआरपीएफ 158 बटालियन का जवान अभिजीत उरांव का बायां पैर उड़ गया था. यह चार घटनाएं सिर्फ दिसंबर 2019 की है. लेकिन लैंडमाइन विस्फोट का सिलसिला पिछले 19 सालों से जारी है. सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन को लैंडमाइन वाले क्षेत्र में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेषज्ञ माना जाता है.
लेकिन इसके जवान भी लैंडमाइन की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में ग्रामीण जिसे लैंडमाइन पहचानने का कोई तरीका नहीं पता है, उसके लिए यह और भी खतरनाक है. नक्सलियों द्वारा जहां-तहां लगाये गये लैंडमाइन से निपटने का कोई कारगर उपाय अब तक नहीं निकाला गया है. ऐसे में लैंडमाइन से होनेवाले नुकसान का सिलसिला कब खत्म होगा, इसका जवाब फिलहाल राज्य या केंद्रीय बलों के पास भी नहीं है.
जहां-तहां लगाये गये लैंडमाइन से निपटने का कोई कारगर उपाय अब तक नहीं
कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं
07 अप्रैल 2004
चाईबासा के गुवा थाना क्षेत्र के बोलवा में नक्सलियों ने आइइडी विस्फोट कर घात लगा कर हमला किया था. इसमें राज्य के 20 और सीआरपीएफ के नौ जवान शहीद हो गये थे. जबकि जिला पुलिस के सात और सीआरपीएफ के तीन जवान घायल हो गये थे.
02 मार्च 2012
पलामू के छतरपुर थाना क्षेत्र के मदयैभलही टोला में नक्सलियों ने आइइडी विस्फोट कर पुलिस वाहन को उड़ा दिया था. इसमें छह पुलिसकर्मी और एक चालक शहीद हो गये थे.
07 फरवरी 2005
पलामू के मनातू में पसहर मिटार कच्ची सड़क पर नक्सलियों के बारूदी सुरंग विस्फोट में बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया था. जबकि तीन पुलिसकर्मी एक ग्रामीण घायल हो गये थे.
16 अप्रैल 2009
लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के लाधुप में आइइडी विस्फोट कर बीएसएफ के बस को उड़ा दिया था. इसमें बीएसएफ पी-3 बटालियन इ कंपनी के छह जवान शहीद हो गये थे.
17 अप्रैल 2009
लातेहार के ओरया में अाइइडी विस्फोट में बीएसएफ के एक जवान शहीद व तीन घायल हो गये.
19 नवंबर 2009
जमशेदपुर के गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र के भाखर में कच्ची सड़क पर लैंडलाइन विस्फोट कर पुलिस के लैंडमाइन वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया था. इसमें एक दारोगा शहीद हो गये थे. जबकि 10 अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
22 नवंबर 2009
गुमला जिले के विशुनपुर थाना क्षेत्र के लापु में लैंडमाइन विस्फोट कर सीआरपीएफ के वाहन काे उड़ा दिया था. इसमें सीआरपीएफ के दो जवान और चालक की मौत हो गयी थी.
26 नवंबर 2009
खूंटी के अड़की थाना क्षेत्र के जरंगा पुल के समीप लैंडमाइन विस्फोट कर पुलिस वाहन को नक्सलियों ने उड़ा दिया था. इसमें थानेदार, एएसआइ और चालक गंभीर रूप से घायल हो गये थे.
02 दिसंबर 2009
गिरिडीह के पीरटांड़ थाना क्षेत्र के तेलिया बरियार नाला के पास लैंडमाइन विस्फोट में सीआइएसएफ 153 बटालियन का एक जवान हरिपाल सिंह की मौत हो गयी थी.
14 दिसंबर 2009
लोहरदगा के किस्को थाना क्षेत्र के केकरांग घाटी में नक्सलियों ने लैंडमाइन विस्फोट किया था. इसमें एक हवलदार और एक सिपाही की मौत हो गयी थी.
16 दिसंबर 2009
गढ़वा के रंका थाना क्षेत्र के तसरार घाटी में नक्सलियों ने लैंडमाइन विस्फोट कर तत्कालीन राजद नेता (अभी भाजपा में) गिरिनाथ सिंह की पुलिस स्काॅट पार्टी की जीप को उड़ा दिया था. इसमें जैप के एक हवलदार, एक जवान और एक चालक घायल हो गये थे.
18 दिसंबर 2009
चाईबासा के गुवा थाना क्षेत्र के तितलीघाट में नक्सलियों के लैंडमाइन विस्फोट में सीआरपीएफ 85 बटालियन के जवान रंजीत कुमार शहीद हो गये थे.
18 दिसंबर 2009
पलामू के मोहम्मदगंज थाना क्षेत्र के सीताचुआ जंगल में नक्सलियों के लैंडमाइन विस्फोट में जैप-6 के एक हवलदार की मौत हो गयी थी. वहीं, एक दारोगा व एक चौकीदार जख्मी हो गये थे.
17 अप्रैल 2014
बोकारो के गोमिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ललपनिया में पहाड़ी के समीप नक्सलियों के लैंडमाइन विस्फोट में पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था. इसमें सीआरपीएफ के तीन जवान और एक निजी चालक घायल हो गये थे.
पर्यटन स्थलों पर भी सचेत रहने की जरूरत
लोहरदगा के केकरांग घाटी में झरना के पास हाल में दो लैंडमाइन विस्फोट की घटना हुई. यहां पर पर्यटकों का आना-जाना रहता है. प्रदेश में कई और भी पर्यटन क्षेत्र हैं, जो नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं. ऐसे में अगर पर्यटक वहां घूमने के लिए जाते हैं, तो उनको सतर्कता बरतने की जरूरत है.
24 अप्रैल 2014
दुमका जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पलासी सरसाजोल में नक्सलियों ने लैंडमाइन विस्फोट कर पोलिंग पार्टी की बस उड़ा दी थी. इसके बाद घात लगा कर हमला किया था. घटना में पोलिंग पार्टी के आठ कर्मी और तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे.
13 दिसंबर 2019
लोहरदगा के पेशरार थाना क्षेत्र के बुलबुल जंगल में आइइडी विस्फोट में ग्रामीण एतवा परहिया की मौत हो गयी थी. जबकि सूरज परहिया घायल हो गये थे.
23 दिसंबर 2019
लोहरदगा के केकरांग घाटी में झरना के पास ही लकड़ी चुनने गयी एक लड़की भी मौत आइइडी ब्लास्ट में हो गयी.
25 दिसंबर 2019
लोहरदगा-पेशरार मुख्य पथ पर बगड़ू थाना क्षेत्र के केकरांग घाटी में झरना के पास लैंडमाइन विस्फोट में सीआरपीएफ 158 बटालियन का जवान अभिजीत उरांव का बायां पैर उड़ गया.

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