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रांची : इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 के लिए छह से जमा होगा आवेदन
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 के लिए परीक्षा फॉर्म जमा करने की तिथि घोषित कर दी है. छह से 19 दिसंबर तक विद्यार्थी बिना विलंब शुल्क के परीक्षा फॉर्म जमा कर सकते हैं. 20 से 26 दिसंबर तक विलंब शुल्क के साथ परीक्षा फॉर्म जमा होगा. फॉर्म ऑनलाइन जमा लिया जायेगा. […]
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 के लिए परीक्षा फॉर्म जमा करने की तिथि घोषित कर दी है. छह से 19 दिसंबर तक विद्यार्थी बिना विलंब शुल्क के परीक्षा फॉर्म जमा कर सकते हैं. 20 से 26 दिसंबर तक विलंब शुल्क के साथ परीक्षा फॉर्म जमा होगा. फॉर्म ऑनलाइन जमा लिया जायेगा. सत्र 2015-17 के विद्यार्थी जिनके पंजीयन के तीन वर्ष की अवधि समाप्त हो गयी है, उन्हें फिर से पंजीयन कराना होगा.
11वीं के परीक्षा फॉर्म जमा करने की भी तिथि घोषित
इधर, सत्र 2019-21 की कक्षा 11वीं के विद्यार्थियों के 2020 की परीक्षा में शामिल होने के लिए परीक्षा फॉर्म और 2021 की इंटर परीक्षा को लेकर पंजीयन फॉर्म जमा करने की तिथि भी घोषित कर दी गयी है.
बिना विलंब शुल्क के साथ फॉर्म दो से 21 दिसंबर तक जमा होगा. विलंब शुल्क के साथ विद्यार्थी 23 दिसंबर से तीन जनवरी तक फॉर्म जमा कर सकते हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बिना विलंब शुल्क के जमा फॉर्म को दो से 23 दिसंबर तक और विलंब शुल्क के साथ जमा फॉर्म को 27 दिसंबर से चार जनवरी तक सत्यापित किया जा सकता है.
11वीं की परीक्षा ओएमआर शीट पर ली जायेगी. वैसे विद्यार्थी जो वर्ष 2019 की कक्षा 11वीं की बोर्ड परीक्षा में असफल हुए हैं उनका भी परीक्षा फॉर्म जमा लिया जायेगा. 11वीं में असफल विद्यार्थी पंजीयन फॉर्म जमा नहीं करेंगे. 11वीं की परीक्षा फॉर्म व पंजीयन के लिए सभी शिक्षण संस्थानों को अपना मेल आइडी देने को कहा गया है. स्कूल-कॉलेज द्वारा अगर दूसरे का मेल आइडी दिया जाता है और इससे परीक्षा से संबंधित गोपनीयता भंग होती है, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित स्कूल-कॉलेज की होगी. परीक्षा फॉर्म से संबंधित जानकारी जैक की वेबसाइट www.jac.jharkhand.gov.nic.in से प्राप्त की जा सकती है.
आगमन काल में यीशु हमारा इंतजार कर रहे हैं
परम पिता परमेश्वर ने एक दिन एलान किया कि एक तय दिन स्वर्ग का द्वार खोल कर रखा जायेगा. पापी हो या धार्मिक, कोई भी व्यक्ति उस दिन स्वर्ग में प्रवेश कर सकता है़ उस दिन कोई न्याय नहीं होगा. जीवन की किताब नहीं खोली जायेगी. जो भी आयेगा, उसे स्वर्ग में प्रवेश मिल जायेगा़ परमेश्वर ने अपने पुत्र यीशु मसीह और पेत्रुस को स्वर्गद्वार पर खड़े रहने का निर्देश दिया़
जब तय दिन आया, तब स्वर्ग के सामने एक लंबी कतार लग गयी़ छोटे-बड़े, धनी-गरीब, धर्मी-पापी, नैतिक-अनैतिक, योग्य-अयोग्य सबको स्वर्ग में प्रवेश मिल गया. उस दिन लाखों-करोड़ों ने स्वर्ग में प्रवेश किया़ शाम होने लगी थी़
अब स्वर्ग के द्वार पर कोई नहीं था़ पेत्रुस ने सुझाव दिया कि अब द्वार बंद कर देना चाहिए. यीशु ने कुछ और इंतजार करने की बात कही़ रात होने को आयी़ पेत्रुस ने फिर स्वर्ग द्वार बंद करने की बात कही़ यीशु ने फिर से इंतजार करने को कहा़ परेशान होकर पेत्रुस ने यीशु से पूछा, जिन्हें आना था, सब आ गये़
आप किसका इंतजार कर रहे हैं? यीशु ने कहा- मैं प्रतीक्षा कर रहा हूं कि शायद यूदस इस्कारयोति आ जाये़ यूदस वही शिष्य था, जिसने यीशु से विश्वासघात किया था और धोखे से पकड़वाया था़ आगमन काल में यीशु हमारा इंतजार कर रहे है़ं इस पवित्र काल का संदेश यह है कि हमारा ईश्वर क्षमा करने वाला है. दंड देने वाला नहीं. स्वर्ग जाना बहुत आसान है. पाप स्वीकार संस्कार में भाग लेकर अपने पापों के लिए सच्चा प्रायश्चित करना़ अगर यीशु यूदस जैसे विश्वासघाती के लिए प्रतीक्षा कर सकते हैं, तो हमारे पाप यूदस के पाप की तुलना में कुछ भीनहीं है़ं
लेखक डॉन बॉस्को यूथ एंड एजुकेशनल सर्विसेज, बरियातू के निदेशक हैं
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