रांची : चतरा में पुलिस हिरासत में मृत बेचन गंझू को नक्सलियों का समर्थक बताते हुए इसकी रिपोर्ट चतरा एसपी ने पुलिस मुख्यालय और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेज दी है.
रिपोर्ट में लिखा है कि कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन के शीर्ष उग्रवादी गौतम, इंदल, अमरजीत, आलोक, नीरू उर्फ सलीम , संतोष भुइयां, रामजतन, सहदेव, चंदन सक्रिय सदस्यों के सहयोग से आइइडी लगाकर सुरक्षा बलों को उड़ाने की योजना बना रहे हैं.
22 नवंबर को चतरा जिला बल एवं कोबरा बटालियन की टीम ने संयुक्त रूप से अभियान चलाया. इस क्रम में वशिष्ठ नगर थाना क्षेत्र के चुनौटिया जंगल में 23 नवंबर को दिन के 12 बजे संदिग्ध हालत में एक व्यक्ति को देखा गया, जिसने अपना नाम मिथिलेश और पता जोरी बताया. उसकी निशानदेही पर 24 नवंबर की सुबह केडिमो जंगल में दो व्यक्तियों को पकड़ने का प्रयास किया गया. भागने के क्रम में वे लड़खड़ा कर गिर गये. उन्हें हल्की चोट आयी. एक ने अपना नाम बेचन गंझू और दूसरे ने कैलाश गंझू बताया.
चतरा एसपी ने रिपोर्ट में लिखा है कि पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे शीर्ष माओवादी गौतम, इंदल, अमरजीत, आलोक, नीरू, संतोष, रामजतन, सहदेव और चंदन के दस्ते के साथ चलते थे. वर्तमान में गांव में ही रहकर सब जोनल कमांडर इंदल के संपर्क में रहकर पुलिस की सूचना उस तक पहुंचाते हैं.
मौका मिलने पर विस्फोटक से पुलिस को लक्षित कर फंसाने की योजना बनाते हैं. दोनों को गिरफ्तार कर बरामद सामान के साथ प्राथमिकी के लिए थाना ले जाने के दौरान बेचन गंझू अस्वस्थ हो गया. उसे इलाज के लिए 2.35 बजे हंटरगंज प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराया गया. प्राथमिक इलाज के बाद उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया. वहां चिकित्सा के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना को लेकर सदर थाना में 25 नवंबर को अस्वाभाविक मौत का केस दर्ज किया गया.
रिपोर्ट में लिखा है कि अभियान के दौरान केडिमो से लगभग 500 मीटर उतर जंगल में स्थित बरगद के पेड़ के नजदीक मिट्टी और पत्थर के नीचे लाल रंग का गैस सिलिंडर, लोहे का भट्ठी पंखा जंग लगा हुआ, एक कुल्हाड़ी और एक टॉर्च बरामद किया गया. शव का पोस्टमार्टम मेडिकल टीम से मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कराया गया है.