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झारखंड विधानसभा में लगातार बढ़ा है महिलाओं का प्रतिनिधित्व, जानें 2019 में अबतक कितनों को मिला टिकट…

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान 30 नवंबर को होना है, इससे पहले अबतक विभिन्न पार्टियों ने जितने उम्मीदवारों की सूची जारी की है, उसके अनुसार भाजपा ने पांच और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने एक महिला को टिकट दिया है. भाजपा ने जिन महिला उम्मीदवारों पर अपना विश्वास जताया है […]

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान 30 नवंबर को होना है, इससे पहले अबतक विभिन्न पार्टियों ने जितने उम्मीदवारों की सूची जारी की है, उसके अनुसार भाजपा ने पांच और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने एक महिला को टिकट दिया है. भाजपा ने जिन महिला उम्मीदवारों पर अपना विश्वास जताया है उनके नाम हैं- डॉ लुईस मरांडी जो दुमका से उम्मीदवार हैं, वे रघुवर कैबिनेट में महिला एवं बाल विकास के साथ-साथ अल्पसंख्यक मामलों की भी मंत्री हैं. डॉ नीरा यादव कोडरमा से विधायक हैं और सरकार में शिक्षा मंत्री के पद पर है. मेनका सरदार पोटका से विधायक है. इस बार जो दो नया चेहरा प्रत्याशियों की सूची में शामिल हुआ है उसमें पहला नाम रागनी सिंह का है जो (झरिया विधायक संजीव सिंह की पत्नी हैं. दूसरा नाम पुष्पा देवी का है जो पूर्व सांसद मनोज भुइयां की पत्नी हैं. जेवीएम ने विश्रामपुर से अंजू देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है.

झारखंड विधानसभा पर अगर नजर डालें तो हम पायेंगे कि हर बार महिला विधायकों की संख्या बढ़ती गयी है. वर्ष 2000 में झारखंड गठन के बाद मात्र चार महिला विधायक विधानसभा में थीं. झारखंड में अबतक कुछ तीन विधानसभा चुनाव हुए हैं जिनमें 2005, 2009 और 2014 में क्रमश : महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है. वर्ष 2000 में कुल चार महिलाएं विधानसभा में थीं, जो अविभाजित बिहार में चुनी गयीं थीं, उनके नाम हैं –

वर्ष 2000
अन्नपूर्णा देवी (राजद, कोडरमा)
सुशीला हांसदा (झामुमो, लिट्टीपाड़ा)
मेनका सरदार (भाजपा, पोटका)
जोबा मांझी (निर्दलीय मनोहरपुर)
झारखंड में पहला विधानसभा चुनाव 2005 में हुआ जिसमें कुल पांच महिला विधायक चुनकर आयीं, जिसमें दो नया नाम था. कुंती देवी और अपर्णा सेनगुप्ता. कुंती देवी झरिया से भाजपा की उम्मीदवार थीं, जबकि अपर्णा निरसा से फारवर्ड ब्लॉक की प्रत्याशी थीं. उनके नाम हैं-


वर्ष 2005

अन्नपूर्णा देवी (राजद, कोडरमा)
सुशीला हांसदा (झामुमो, लिट्टीपाड़ा)
जोबा मांझी (निर्दलीय, मनोहरपुर)
कुंती देवी (भाजपा, झरिया)
अपर्णा सेनगुप्ता (फारवर्ड ब्लॉक, निरसा)

वर्ष 2009 में विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़कर आठ हो गया और गौर करने वाली बात यह थी कि इस आठ में से पांच नया चेहरा थीं.
वर्ष 2009
अन्नपूर्णा देवी (राजद, कोडरमा)
कुंती देवी (भाजपा, झरिया)
मेनका सरदार (भाजपा, पोटका)
विमला प्रधान (भाजपा, सिमडेगा)
सुधा चौधरी (जदयू, छतरपुर)
सीता सोरेन (झामुमो, जामा)
गीताश्री उरांव (कांग्रेस, सिसई)
गीता कोड़ा (निर्दलीय, जगन्नाथपुर)

वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं का प्रतिनिधित्व एक बार फिर बढ़ा और कुल 09 महिला विधायक चुनकर आयीं थीं, बाद में वर्ष 2018 में हुए उपचुनाव में दो और महिला विधायक चुनकर आयीं और कुल महिला विधायकों की संख्या 11 हो गयी. 2014 के विधानसभा चुनाव में चुनकर आयी महिला विधायक हैं-

वर्ष 2014
गंगोत्री कुजूर (भाजपा, मांडर)
मेनका सरदार (भाजपा, पोटका)
डॉ नीरा यादव (भाजपा, कोडरमा)
डॉ लुइस मरांडी (भाजपा, दुमका)
विमला प्रधान (भाजपा, सिमडेगा)
सीता सोरेन (झामुमो, जामा)
जोबा मांझी (झामुमो, मनोहरपुर)
निर्मला देवी (कांग्रेस, बड़कागांव)
गीता कोड़ा (निर्दलीय, जगन्नाथपुर)
उप चुनाव 2018
सीमा देवी (झामुमो, सिल्ली)
बबिता देवी (झामुमो, गोमिया)

ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि वर्ष 2019 में महिलाओं विधायकों की संख्या में वृद्धि का ट्रेंड कायम रहेगा और आधी आबादी विधानसभा में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायेगी.

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