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रांची : परिवहन विभाग से नहीं जुड़े हैं प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी करनेवाले जांच केंद्र, वैधता पर सवाल

प्रणव जुर्माने का डर. "10,000 के जुर्माने से बचने के लिए "50 में प्रमाण पत्र ले रहे लोग रांची : मोटरयान (संशोधन) बिल-2019 के लागू होने के बाद वाहनों का पॉल्यूशन अंडरकंट्रोल सर्टिफिकेट लेने के लिए राजधानी में जांच केंद्रों पर भीड़ लगी है. यहां पर 50 रुपये में दोपहिया और 120 रुपये में चारपहिया […]

प्रणव
जुर्माने का डर. "10,000 के जुर्माने से बचने के लिए "50 में प्रमाण पत्र ले रहे लोग
रांची : मोटरयान (संशोधन) बिल-2019 के लागू होने के बाद वाहनों का पॉल्यूशन अंडरकंट्रोल सर्टिफिकेट लेने के लिए राजधानी में जांच केंद्रों पर भीड़ लगी है. यहां पर 50 रुपये में दोपहिया और 120 रुपये में चारपहिया के लिए सर्टिफिकेट लेकर लोग 10 हजार रुपये के जुर्माने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
लेकिन कागज वैद्य है या नहीं इसकी जांच के लिए परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस के पास तात्कालिक कोई सिस्टम है.वाहन का रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस सही है या नहीं डीजी लॉकर व एम परिवहन एेप के जरिये ट्रैफिक पुलिस तत्काल इसकी जांच कर लेती है. लेकिन वाहन का पॉल्यूशन अंडरकंट्रोल सर्टिफिकेट सही है या नहीं यह उक्त एेप में भी शो नहीं करता. इस प्रमाण पत्र की तत्काल जांच का सिस्टम केवल जुर्माना वसूलने वाली एजेंसी के पास ही है.
प्रभात खबर ने शुक्रवार को पॉल्यूशन अंडरकंट्रोल सर्टिफिकेट बनाने और इसके उपयोग का जायजा लिया. इसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. राजधानी में वाहनों की जांच के लिए विभिन्न पेट्रोल पंपों और अन्य स्थानों पर 40 पॉल्यूशन जांच केंद्र बनाये गये है.
लेकिन कोई भी परिवहन विभाग से लिंक नहीं है. सभी केंद्र अपने स्तर से वाहनों का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट अंधाधुंध जारी कर रहे हैं. कोई 150 वाहन, कोई 300 से ज्यादा वाहनों की जांच एक दिन में कर दे रहा है. इसकी मॉनीटरिंग भी परिवहन विभाग से नहीं हो रही है. जांच केंद्रों पर वाहनों में कार्बन मोनो डायअॉक्साइड की जांच मुख्य रूप से की जाती है.
दोपहिया में कार्बन मोनो डायऑक्साइड की मात्रा 3.5 से ज्यादा और बड़े वाहनों में 3.0 से ज्यादा नहीं होने पर वाहनों को प्रदूषित माना जाता है. जांच केंद्र के संचालक निपुण के मुताबिक लोगों का पर्सनल वाहन में प्रदूषण न के बराबर पाया जा रहा है. ऑटो, बस, ट्रक आदि व्यावसायिक वाहनों में पॉल्यूशन की समस्या ज्यादा होती है. सड़क पर चलते इनकी जांच हो तभी प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सही तरीके से कार्रवाई की जा सकती है.
लाइसेंस समाप्त, फिर भी जारी कर रहे सर्टिफिकेट
कुछ जांच केंद्रों को लाइसेंस समाप्त हो गया है, लेकिन ये भी वाहनों की जांच कर पॉल्यूशन अंडरकंट्रोल सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं. गुमला पेट्रोल पंप जांच केंद्र के संचालक निपुण मृणाल ने स्वीकार किया कि उनके जांच केंद्र का लाइसेंस मई 2019 में ही समाप्त हो चुका है. नवीकरण के लिए एक माह पूर्व इन्होंने परिवहन विभाग में आवेदन के साथ शुल्क जमा किया था. दस्तावेज भी दिये थे, लेकिन अब तक लाइसेंस का नवीकरण नहीं हुआ.
लिये जा रहे ज्यादा पैसे मौके पर नहीं होती जांच
कई केंद्रों पर दोपहिया के पॉल्यूशन जांच के लिए निर्धारित 50 रुपये की जगह 60 से 70 रुपये तक वसूल किये जा रहे हैं. लेकिन किसी उपभोक्ता को जांच केंद्र द्वारा रसीद नहीं दी जा रही है.
हालांकि, कई केंद्र निर्धारित पैसा लेकर जांच कर रहे हैं. ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंश, ट्रिपल राइडिंग, पीलियन राइडिंग आदि का ऑन स्पॉट जांच कर लोगों का चालान काटा जाता है. लेकिन पॉल्यूशन में ऐसा नहीं होता. जबकि ऑटो, मिनी ट्रक, हाइवा, बस आदि सड़कों पर पॉल्यूशन छोड़ते साफ नजर आते हैं.
वाहनों का जांच केंद्र विभाग
प्रकार का शुल्क का हिस्सा
दोपहिया "50 " 20
तीन पहिया " 80 " 30
चार पहिया " 120 " 40
मध्यम " 200 " 80
भारी " 300 " 100
वाहनों के पॉल्यूशन की जांच करनेवाले सभी केंद्रों से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गयी है. डाटाबेस तैयार किया जा रहा है. अगले सप्ताह बैठक होगी. इसके बाद 15-15 दिनों पर रिपोर्ट ली जायेगी. सभी केंद्रों को परिवहन विभाग से लिंक करने के लिए सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जा रहा है. उसके बाद ऑन स्पॉट पॉल्यूशन प्रमाण पत्र की भी जांच की जा सकेगी.
-संजीव कुमार, डीटीओ, रांची
रांची : डीटीओ ऑफिस खुलने से पहले लग गयी लाइन
रांची : यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की रकम कई गुना बढ़ गयी है. ऐसे में जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, वे डीटीओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. हालत यह है कि हर दिन डीटीओ कार्यालय खुलने से पहले ही यहां लोगों की लंबी लाइन लग जा रही है.
शुक्रवार को भी यही स्थिति थी. हालांकि, अब लोगों की सहूलियत के लिए यहां टोकन सिस्टम लागू किया जा चुका है. इस नयी व्यवस्था से अन्य कामों के लिए पहुंचे लोगों को काफी राहत मिली. जबकि, अन्य दिनों में कार्यालय में घुसना भी मुश्किल था. शुक्रवार को कुल 212 लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस का काम कराया. हर दिन 200 से अधिक लोग ड्राइविंग लाइसेंस के काम के लिए पहुंच रहे हैं. शुक्रवार को 212, गुरुवार को 258 और बुधवार को 201 से अधिक लोग पहुंचे.

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