रांची : शुक्रवार को कांटा टोली चौक पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा एक ऑटो को पकड़ने जाने पर हंगामा हुआ था. इस मामले में आजाद बस्ती निवासी ऑटो मालिक मोइनुल हक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोप यह लगाया था कि कार का नंबर (जेएच-01एपी-4292) लगा कर ऑटो चलाया जा रहा था. जब ऑटो को पकड़ा गया और इस संबंध में पूछताछ की गयी तो ऑटो मालिक ने हंगामा किया. साथ ही सरकारी काम में बाधा उत्पन्न किया.
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एफ व पी के चक्कर में ऑटो मालिक गया जेल
रांची : शुक्रवार को कांटा टोली चौक पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा एक ऑटो को पकड़ने जाने पर हंगामा हुआ था. इस मामले में आजाद बस्ती निवासी ऑटो मालिक मोइनुल हक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोप यह लगाया था कि कार का नंबर (जेएच-01एपी-4292) लगा कर ऑटो चलाया जा रहा था. […]
दूसरी ओर इसको लेकर लोगों द्वारा सवाल उठाये जा रहे है. लोगों का कहना है कि ऑटो का नंबर जेएच-01एफ-4292 है. इसका मालिक मोइनुल हक है. बैंक ऑफ बड़ौदा से ऑटो को फाइनेंस कराया गया था.
इसका रजिस्ट्रेशन रांची में 19 जून 2010 को कराया गया था. इस डीजल ऑटो की लाइफ नौ साल दो माह और 19 दिन पूरी हो चुकी है. वहीं, पुलिस जिस नंबर (जेएच-01एपी-4292) की बात कर रही है वह टोयोटा कंपनी की कार की नंबर है. यह हिंदपीढ़ी की संगीता कुमारी के नाम से है. रांची में इसका रजिस्ट्रेशन चार नवंबर 2011 को कराया गया है.
यह पेट्रोल कार है. इसकी लाइफ सात वर्ष 10 माह और तीन दिन पूरी हो चुकी है. दोनों ही नंबरों में काफी समानता है, अंतर यह कि ऑटो के असली नंबर में एफ है, जबकि कार के नंबर में एफ की जगह पी है. ऑटो में लगे नंबर देखने से लगता है कि जैसे एफ को रगड़कर पी बनाया गया है. यह काम किसने किया. क्या यह पहले से किया हुआ था? या फिर घटना के बाद किसी ने किया? यह जांच का विषय है. लेकिन घटना को लेकर चर्चा जोरों पर है.
घटना के बाद व्यवस्था को लेकर लगातार उठाया जा रहा सवाल
अॉटो को पकड़े जाने के बाद हंगामा करने और सरकारी काम में बाधा डालने का लगाया गया था आरोप
ऑटो और कार के नंबर में समानता के कारण हो रहा विवाद
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