राणा प्रताप, रांची : धुर्वा में बन रहे झारखंड हाइकोर्ट के भव्य ग्रीन बिल्डिंग का सपना पूरा होने में अभी लंबा समय लगेगा. राज्य सरकार के भवन निर्माण विभाग द्वारा बिल्डिंग के पूरा होने की नयी समय सारिणी तैयार की गयी है. इसमें बताया गया है कि निर्माण पूरा होने में अभी आैर 15 माह का समय लगेगा. हाइकोर्ट बिल्डिंग के नये कार्य व अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए डीपीआर में संशोधन करना होगा.
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झारखंड हाइकोर्ट के भव्य ग्रीन बिल्डिंग का सपना पूरा होने में लगेंगे आैर 15 माह, डीपीआर होगा संशोधित
राणा प्रताप, रांची : धुर्वा में बन रहे झारखंड हाइकोर्ट के भव्य ग्रीन बिल्डिंग का सपना पूरा होने में अभी लंबा समय लगेगा. राज्य सरकार के भवन निर्माण विभाग द्वारा बिल्डिंग के पूरा होने की नयी समय सारिणी तैयार की गयी है. इसमें बताया गया है कि निर्माण पूरा होने में अभी आैर 15 माह […]
पूर्व में हाइकोर्ट बिल्डिंग का निर्माण कार्य दिसंबर 2018 तक पूरा कर लेना था. मिली जानकारी के अनुसार हाइकोर्ट बिल्डिंग का डीपीआर संशोधित किया जायेगा. डीपीआर संशोधित करने में विभाग को 45 दिन का समय लगेगा. सक्षम प्राधिकार (कैबिनेट) से प्रशासनिक स्वीकृति लेने में 30 दिन का समय लग जायेगा. इसके बाद सात दिन में टेंडर का प्रकाशन होगा.
टेंडर फाइनल करने में आैर 45 दिन का समय लगेगा. फिर कार्यादेश देने में 10 दिन का समय लगेगा. इसके बाद बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू होगा, जिसे पूरा करने में 11 माह लग जायेंगे. यदि समय की गणना करेंगे, तो लगभग 15 माह का समय लगेगा़ इसके बाद हाइकोर्ट बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने झारखंड हाइकोर्ट बिल्डिंग के निर्माण के लिए बनाये गये डीपीआर के आधार पर 365 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की थी. टेंडर फाइनल हुआ था. सरकार ने मेसर्स रामकृपाल कंस्ट्रक्शन से 264,58,63,309 रुपये का एकरारनामा किया था. कार्यादेश मिलने के बाद संवेदक ने कार्य प्रारंभ किया.
इस दाैरान करोड़ों रुपये के कई नये कार्यों को बिना टेंडर निकाले कार्य कर रहे संवेदक से करा लिया गया. गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर सरकार की उच्चस्तरीय समिति ने जांच की थी, जिसमें अनियमितताअों का खुलासा हुआ था
. इसके बाद कार्य धीमा हो गया. निर्माण अधूरा रहा. भवन निर्माण विभाग के सचिव ने हाइकोर्ट बिल्डिंग की योजना की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति के लिए प्रस्ताव दिया था. मुख्य अभियंता भवन निर्माण विभाग ने योजना की पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति 697,32,46,500 रुपये पर दी थी.
165 एकड़ में से आठ एकड़ जमीन पर 10 लाख वर्ग फीट में बन रहा है ग्रीन बिल्डिंग
नगड़ी अंचल के धुर्वा के तिरिल माैजा में 165 एकड़ जमीन पर 18 जून 2015 से हाइकोर्ट बिल्डिंग के निर्माण की शुरुआत की गयी थी. बिल्डिंग आठ एकड़ भूमि पर लगभग 10 लाख वर्ग फीट में बनाया जा रहा है. उक्त जमीन एडवोकेट एसोसिएशन की अोर से दायर जनहित याचिका में पारित आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने हस्तांतरित की थी.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ने 2013 में किया था शिलान्यास, 2015 को शुरू हुआ था निर्माण कार्य
झारखंड हाइकोर्ट के नये परिसर की आधारशिला नाै फरवरी 2013 को रखी गयी. सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर ने बिल्डिंग निर्माण की आधारशिला रखी थी, लेकिन बिल्डिंग का वास्तविक निर्माण कार्य 18 जून 2015 को शुरू किया गया.
हाइकोर्ट ने निर्माण कार्य जल्द पूरा करने का दिया निर्देश सरकार को काम पूरा करने का समय बताने को कहा
झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिकाएं लंबित हैं. पिछली सुनवाई के दाैरान हाइकोर्ट ने नये परिसर का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने को कहा था. इसके लिए सरकार को कार्य पूरा करने के लिए समय सारिणी बनाने को कहा था.
नगड़ी अंचल के धुर्वा के तिरिल में 165 एकड़ जमीन पर वर्ष 2015 से बन रहा है हाइकोर्ट का नया भवन
निर्माण कार्य में उच्चस्तरीय जांच के बाद अनियमितताअों का हुआ था खुलासा
365 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी, टेंडर 265 करोड़ में हुआ था फाइनल
बिल्डिंग में नये कार्य से प्राक्कलित राशि पहुंची 697 करोड़
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