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रांची : एयरपोर्ट पर बर्ड हिट के कारणों पर शोध करेगी बीएयू की टीम

राजेश झा सुरक्षित उड़ान के लिए बिरसा मुंडा एयरपोर्ट प्रबंधन ने की नयी पहल रांची : बर्ड हिट यानी उड़ान भर रहे विमानों से पक्षियों का टकराना एक गंभीर समस्या है. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पहले की तुलना में बर्ड हिट की घटनाओं में कमी आयी है. लेकिन, इस पर पूरी तरह से अंकुश लगाने […]

राजेश झा
सुरक्षित उड़ान के लिए बिरसा मुंडा एयरपोर्ट प्रबंधन ने की नयी पहल
रांची : बर्ड हिट यानी उड़ान भर रहे विमानों से पक्षियों का टकराना एक गंभीर समस्या है. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पहले की तुलना में बर्ड हिट की घटनाओं में कमी आयी है.
लेकिन, इस पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए एयरपोर्ट प्रबंधन ने विशेष पहल की है. इसके तहत पहली बार बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के विशेषज्ञों की मदद ली जायेगी. बीएयू के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ एमएस क्यूली के नेतृत्व में विशेषज्ञों की तीन टीमें पक्षियों के एयरपोर्ट की ओर आकर्षित होने के कारणों पर शोध करेंगी. इस शोध की रिपोर्ट के आधार पर एयरपोर्ट प्रबंधन बर्ड हिट पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी कदम उठायेगा.
जानकारी के अनुसार इस मुद्दे को लेकर एयरपोर्ट निदेशक विनोद वर्मा और बीएयू के विशेषज्ञों की बैठक हो चुकी है. विशेषज्ञों को उनके काम की जरूरी जानकारी और आंकड़े उपलब्ध करा दिये गये हैं. शोध कार्य दो से तीन महीने तक चलेगा, जिसके बाद एयरपोर्ट प्रबंधन को रिपोर्ट उपलब्ध करा दी जायेगी. बर्ड हिट की समस्या पर एयरपोर्ट निदेशक ने बताया कि रनवे के आसपास दो तरह के पक्षी अधिक आते हैं.
पहला है चील, जो दिन में आते हैं और दूसरा है उल्लू, जो रात में आते हैं. दरअसल, रनवे के आसपास घास में विभिन्न तरह के कीड़े रहते हैं. ये पक्षी इन्हीं कीड़ों को खाने के लिए रनवे के अासपास मंडराते हैं. इसके अलावा एयरपोर्ट के आसपास मांस, मछली की दुकानें, ठेले पर बिकने वाले चिकन आदि को लोग इधर-उधर फेंक देते हैं. इस करण भी पक्षी एयरपोर्ट के आसपास मंडराते हैं.
पहली बार हो रहा इस प्रकार का शोध कार्य
बिरसा कृषि विवि के विशेषज्ञों के साथ एयरपोर्ट निदेशक ने की बैठक, दी जरूरी जानकारी
दो से तीन महीने तक चलेगा शोध कार्य, रिपोर्ट के आधार पर किये जायेंगे बर्ड हिट रोकने के उपाय
पक्षियों को रोकने के लिए एयरपोर्ट ने किये हैं ये इंतजाम
पक्षियों को रनवे के आसपास आने से रोकने के लिए बिरसा मुंडा एयरपोर्ट प्रबंधन ने कई उपाय किये हैं. विमान की लैंडिंग और टेकऑफ से पहले बर्ड चेजर, पटाखों, स्ट्रीप और जोनल गन से पक्षियों को उड़ाया जाता है.
इसके अलावा रनवे के आसपास घास की कटायी भी शुरू करायी गयी है. हाल के कुछ वर्षों में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर विमानों की संख्या बढ़ी है. ऐसे में यह कार्य सुबह से लेकर रात 9:30 बजे तक संभव नहीं है. इस कारण प्रबंधन ने घास की कटाई के लिए रात का समय निर्धारित किया है. रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच घास कटाई करायी जा रही है.
जनवरी से लेकर अगस्त तक केवल एक बार विमान से पक्षी से टकराया है. भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो, इसको लेकर बीएयू के एक दल के साथ बैठक हुई है. बीएयू का दल शोध करेगा कि किस तरह के पक्षी रनवे के आसपास आते हैं, वहां की मिट्टी कैसी है और ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय क्या होंगे आदि.
विनोद शर्मा, निदेशक, बिरसा मुंडा एयरपोर्ट
Prabhat Khabar Digital Desk
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