रांची : रांची रेल डिवीजन से परिचालित होने वाली ट्रेन में पहली बार नयी तकनीक हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) लगायी गयी है. शनिवार को हटिया-यशवंतपुर ट्रेन में ट्रायल के तौर पर इस तकनीक को लगाया गया. इस तकनीक के लगने से डीजल की बचत होगी़ साथ ही सिर्फ एक ट्रेन से रेलवे को साल में करीब 1.52 करोड़ रुपये की बचत होगी.
इस संबंध में रेलवे के अधिकारी ने बताया कि हटिया-यशवंतपुर में दो जेनरेटर कार लगायी जाती थी, जिससे ट्रेन में लाइट जलती थी और एसी, पंखा चलता था. एक जेनरेटर कार के चलने से प्रति घंटा 52 से 55 लीटर डीजल की खपत होती है. वहीं एचओजी तकनीक लगने से ट्रेन में ओवरहेड तार से बिजली का संचालन होगा. लाइट जलेगी और एसी-पंखा आदि चलेंगे.
जेनरेटर कार में डीजल की खपत नहीं होने व एचओजी लगने से पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा. इससे रेलवे को आर्थिक लाभ होगा व ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होगा. हटिया-यशवंतपुर ट्रेन जो सप्ताह में एक दिन रांची रेल डिवीजन से चलती है, उसमें 4500 लीटर डीजल की खपत होती है. नयी तकनीक लगने से रेलवे को एक साल में 1.52 करोड़ रुपये की बचत सिर्फ एक ट्रेन से होगी.
चार अन्य ट्रेनों में भी एचओजी तकनीक लगायी जायेगी
रेलवे के अधिकारी ने बताया कि रांची रेल डिवीजन से चलने वाली चार अन्य ट्रेनों में भी एचओजी तकनीक लगायी जायेगी. इसमें ट्रेन संख्या 20739/40 राजधानी ट्रेन, ट्रेन संख्या 22837/38 धरती आबा एक्स, ट्रेन संख्या 22846/45 हटिया-पुणे एक्स, ट्रेन संख्या 18609/10 रांची-एलटीटी एक्स शामिल हैं.
नयी तकनीक लगाने का कार्य हटिया डिपो में किया जायेगा. वहीं ट्रेन संख्या 18616/15 क्रियायोगा एक्स की बोगी को एलएचबी कोच में बदला जायेगा. एक रैक रांची आ भी गया है. अन्य कोच आने के बाद इस ट्रेन में एचओजी तकनीक लगेगी.
