रांची: दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा परिणामों से चिंतित राज्य सरकार ने फैसला किया है कि अब से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला लिया जायेगा. छठी से बारहवीं कक्षा तक में एडमिशन लेने के लिये बच्चियों को अब से प्रवेश परीक्षा आधारित दाखिला प्रक्रिया से गुजरना होगा. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसे अनिवार्य कर दिया है.
कस्तूरबा विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा पर आधारित दाखिला का नियम अगले साल से लागू हो जायेगा. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जो सीटें 12वीं कक्षा तक खाली रह जाती है, उनके लिये भी प्रवेश परीक्षा का नियम लागू होगा. प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अब तक सीमित संख्या, आरक्षण सहित अन्य प्राथमिकताओं के कारण गरीब मेधावी बच्चियां यहां दाखिले से वंचित रह जाती थीं.
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में हमने देखा कि, किस तरह दसवीं और बारहवीं बोर्ड का परिणाम का स्तर अच्छा नहीं रहा. इसे दुरूस्त करने के लिये ही ये फैसला किया गया है.
साइंस और कॉमर्स की भी होगी पढ़ाई
बता दें कि राज्य सरकार कस्तूरबा विद्यालयों को लेकर कुछ और अहम फैसले लेने जा रही है. अब कस्तूरबा स्कूलों में बारहवीं में साइंस और आर्टस दोनों विषयों की पढ़ाई होगी. हर जिले में कम से कम एक स्कूल ऐसा चिह्नित किया जायेगा जहां साइंस और कॉमर्स की भी पढ़ाई होगी.