रांची : झारखंड की राजधानी रांची में रविवार को 40 शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया. ये ऐसे शव थे, जिनका कोई दावेदार नहीं था. या यूं कहें कि उनका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं था. ऐसे शवों की आत्मा को मुक्ति दिलाने का बीड़ा मुक्ति संस्था ने उठाया है.
इसी अभियान के तहत संस्था के पदाधिकारियों और सदस्यों ने विधि-विधान के साथ सभी शवों का अंतिम संस्कार किया. मुक्ति संस्था अब तक 799 शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी है.
राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) से मुक्ति संस्था हर महीने लावारिस शवों का एक साथ अंतिम संस्कार करती है. रविवार को 40 शवों के दाह-संस्कार के लिए नगर निगम ने पांच ट्रैक्टर लकड़ी, केरोसिन तेल और पानी का टैंकर भेजा था.
सुबह आठ बजे ही मुक्ति के सदस्य रिम्स पहुंच गये और शवों की पैकिंग शुरू की. संस्था की दूसरी टीम जुमार नदी के तट पर चिता सजाने में जुट गयी. ट्रैक्टर से सभी शव 11 बजे जुमार तट पर पहुंच गये. तब तक चिताएं तैयार हो चुकी थीं. मुक्ति के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने सभी शवों को मुखाग्नि दी.