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प्रभात खबर के एजुकेशन फेयर में विद्यार्थियों को मिले महत्वपूर्ण टिप्स, एक्सपर्ट ने कहा : एमबीए से पहले दो साल नौकरी जरूर करें

रांची : प्रभात खबर करियर एंड एजुकेशन फेयर के अंतिम दिन (शनिवार) विद्यार्थियों की भीड़ जुटी. करियर काउंसेलिंग हुई, जिसमें विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण टिप्स दिये गये. होटल कैपिटोल हिल में चल रहे एजुकेशन फेयर में कोटा स्थित एलन इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ शिक्षक नीलमणि श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को अहम टिप्स दिये और सफलता के गुण बताये. […]

रांची : प्रभात खबर करियर एंड एजुकेशन फेयर के अंतिम दिन (शनिवार) विद्यार्थियों की भीड़ जुटी. करियर काउंसेलिंग हुई, जिसमें विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण टिप्स दिये गये. होटल कैपिटोल हिल में चल रहे एजुकेशन फेयर में कोटा स्थित एलन इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ शिक्षक नीलमणि श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को अहम टिप्स दिये और सफलता के गुण बताये.

कोर्स की चयन प्रक्रिया और उस क्षेत्र में तैयारी के साथ आगे बढ़ने की जानकारी दी. इस दौरान न्यूटन के प्रथम नियम का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि पढ़ाई तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक तैयारी और विषय की पूरी जानकारी न हो. इसके साथ ही विद्यार्थियों को निरंतर प्रयासरत रहकर समय का उचित इस्तेमाल करना होगा. लक्ष्य के प्रति ईमानदारी और नकारात्मक सोच से बचकर ही विद्यार्थी सफलता की सीढ़ी चढ़ सकते हैं.

अपनी कमी को दूर करने का करें प्रयास

नीलमणि ने विद्यार्थियों को खुद का उदाहरण देते हुए हर कार्य को संभव बताया. उन्होंने कहा कि सफल होने के लिए खुद की कमी को पहचानना जरूरी है. अपनी कमी को पहचानने के बाद एकाग्र होकर उसे दूर करने के लिए प्रयास करना चाहिए. अपनी कमी तभी दूर कर सकते हैं जब एकमात्र लक्ष्य को हासिल करने की चाह हो.

साइंस को समझने के लिए आसपास के माहौल से सीखें

नीलमणि ने विद्यार्थियों की काउंसेलिंग के दौरान 12वीं के बाद विषय का चयन करने से पहले आत्मचिंतन करने की बात कही. उन्होंने कहा कि साइंस से भविष्य के द्वार खुले हैं. यह विषय इंजीनियरिंग और मेडिकल के अलावा अन्य विकल्प भी देता है. वैसे विद्यार्थी ही साइंस का चयन करें जिनकी इस विषय के प्रति रुचि है. कोई विषय दबाव में नहीं चुनें. इससे परफॉरमेंस ड्रॉप होता है. साइंस को समझने के लिए विद्यार्थी अपने आसपास के माहौल से सीख लें.

नकारात्मकता को हावी न होने दें

काउंसेलर ने कहा कि विद्यार्थियों में नकारात्मकता जल्दी घर करती है. ऐसे में समय-समय पर मनोरंजन के रूप में खेलकूद का सहारा लें. सोशल मीडिया और अन्य मोबाइल एेप बच्चों के बीच भटकाव की स्थिति बनाते हैं. खुद में परिवर्तन करने के लिए किसी भी आदत को खुद की उम्र की तर्ज पर उतने दिनों तक दोहराव करना होगा.

विद्यार्थियों ने ऐसे सवाल पूछे

  • ग्रेजुएशन (कॉमर्स) के बाद एमबीए बेहतर विकल्प है या सीए की तैयारी करनी चाहिए?
  • एमबीए सिर्फ पढ़ाई नहीं है. विद्यार्थियों को इसकी जरूरत को समझना होगा. एमबीए से पहले विद्यार्थी को कम से कम दो साल नौकरी करनी चाहिए.
  • कोचिंग के बिना हम तैयारी कैसे करें?
  • बाजार में सभी कोर्स के सब्जेक्ट मेटेरियल उपलब्ध हैं. ऐसे विद्यार्थी जिनकी आर्थिक स्थिति कोचिंग में पढ़ने की नहीं है, तो वे इसका लाभ उठा सकते हैं. सब्जेक्ट मेटेरियल को समझने के लिए नियमित पढ़ाई करनी होगी.
  • इंजीनियरिंग व मेडिकल की बेहतर तैयारी के लिए रूटीन कैसे बनायें?
  • स्कूल और कोचिंग के समय को बांट लें. शाम तक सब खत्म होने के बाद घर वापस आने पर सबसे पहले कोचिंग की पढ़ाई का दोहराव करें. इसके बाद स्कूल की पढ़ाई का. इससे कई डाउट क्लियर होंगे और नये डाउट बनेंगे. इससे विषय के प्रति पकड़ मजबूत होगी. इसका लाभ रिजल्ट में दिखेगा.

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