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नक्सली-उग्रवादी संगठन छोड़ बना आर्म्स सप्लायर राजधानी रांची से कर रहा है हथियार की तस्करी
रांची : भाकपा माओवादी नक्सली संगठन और उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ का साथ छोड़ कर मनोज कुमार मंडल ने हथियार खरीदने और बेचने के लिए खुद का बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया है. वर्तमान में वह धुर्वा थाना क्षेत्र के शर्मा रोड में रहता है. वह बड़ी ही चालाकी और गंभीरता से हथियार सप्लाई कर रहा […]
रांची : भाकपा माओवादी नक्सली संगठन और उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ का साथ छोड़ कर मनोज कुमार मंडल ने हथियार खरीदने और बेचने के लिए खुद का बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया है. वर्तमान में वह धुर्वा थाना क्षेत्र के शर्मा रोड में रहता है. वह बड़ी ही चालाकी और गंभीरता से हथियार सप्लाई कर रहा है. इस बात की सूचना पुलिस मुख्यालय डीजीपी डीके पांडेय को मिली है. जिसके बाद मामले में पुलिस मुख्यालय के स्तर से कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.
मामले से संबंधित एक रिपोर्ट भी तैयार की गयी है. जिसमें इस बात का उल्लेख है कि मनोज के पास मुंगेर और जमशेदपुर के अलावा दूसरे स्थानों के अवैध हथियार और गोली विक्रेता आर्म्स पहुंचाते हैं. जिसके बाद मनोज रांची, खूंटी, गुमला एवं लोहरदगा के अपराधियों के साथ हथियार की खरीद-बिक्री करता है.
तैयार रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है मनोज कुमार मंडल का करीबी अजय पुराना हथियार और गोली प्राप्त कर अपने अच्छे मुनाफे पर उसे उपलब्ध करा रहा है. मनोज कुमार मंडल राजधानी में भी धुर्वा, हटिया एवं रांची शहर के विभिन्न जगहों के अपराधियों के साथ हथियार की खरीद- बिक्री कर रहा है.
इसलिए इस बात की भी आशंका है कि हटिया और धुर्वा में अापराधिक घटना को अंजाम देने में शामिल अपराधियों से मनोज का संबंध हो सकता है. रिपोर्ट में आगे मनोज कुमार के बारे में लिखा है कि उसने हाल में ही गुड़गांव के रहने वाले संजय सिंह को हथियार उपलब्ध कराया था. रांची शहर के किनारे स्थित धुर्वा में मनोज कुमार का आवास होने के कारण हथियार की खरीद-बिक्री करनेवाले अपराधी अासानी से रिंग रोड के रास्ते उसके पास पहुंचते हैं.
वहीं, दूसरी ओर गुमला और लोहरदगा क्षेत्र के अपराधी उसके पास पिस्का स्टेशन के रास्ते आकर हथियार खरीदते हैं. रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि मनोज कुमार मंडल का संबंध दूसरे राज्य के अवैध रूप से हथियार बेचने वाले गिरोह के कुणाल रजक से भी है. हालांकि वह मुंगेर का रहनेवाला है.
वर्तमान में वह जमशेदपुर के भुईयाडीह में रहता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मनोज कुमार के पकड़े जाने से अवैध हथियार और गोली खरीदने- बेचने वाले बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है. इसलिए मामले में उसकी गतिविधि का सत्यापन करने के साथ ही उसके गिरोह में शामिल लोगों के बारे में भी जानकारी एकत्र की जाये.
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