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ओबीसी जाति प्रमाण पत्र एक ही बार बनेगा, जानें झारखंड कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
रांची : झारखंड कैबिनेट ने पिछड़ी जातियों (आेबीसी) के लिए हर साल जाति प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता समाप्त कर दी है. अब उनको एक ही बार जाति प्रमाण पत्र बनवाना होगा. अंचल अधिकारी ही जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए सक्षम पदाधिकारी होंगे. कैबिनेट ने जाति प्रमाण पत्र बनाने में पैदा होनेवाली समस्याओं […]
रांची : झारखंड कैबिनेट ने पिछड़ी जातियों (आेबीसी) के लिए हर साल जाति प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता समाप्त कर दी है. अब उनको एक ही बार जाति प्रमाण पत्र बनवाना होगा. अंचल अधिकारी ही जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए सक्षम पदाधिकारी होंगे.
कैबिनेट ने जाति प्रमाण पत्र बनाने में पैदा होनेवाली समस्याओं के समाधान के लिए नयी नीति निर्धारित की है. इसके तहत अब पिछड़ी जाति के लोगों को केवल एक ही बार जाति प्रमाण पत्र बनाना होगा, लेकिन उनको हर साल इस बात का शपथ पत्र दायर करना होगा कि वह क्रीमीलेयर में नहीं हैं. शपथ पत्र गलत होने की स्थिति में उनके विरुद्ध अापराधिक मुकदमा दर्ज कर दंडित किया जायेगा. पहले पिछड़ी जातियों के लिए क्रीमी लेयर का फार्मूला लागू होने की वजह से उनको हर साल जाति प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता था. उसी में उनकी आमदनी का उल्लेख रहता था.
भूमिहीनों का जाति प्रमाण पत्र के लिए ग्रामसभा जांच करेगी
वहीं, छात्रवृत्ति आदि का लाभ लेने के लिए अब एक ही बार जाति प्रमाण पत्र बनाना होगा. इसके लिए आय से संबंधित शपथ पत्र देने की जरूरत नहीं होगी.
राज्य में ओबीसी के लिए लागू छात्रवृत्ति योजनाओं में क्रीमी लेयर का प्रावधान नहीं होने की वजह से ऐसा नियम बनाया गया है. भूमिहीनों का जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए ग्रामसभा के माध्यम से जांच करायी जायेगी. इसमें आवेदक के पूर्वजों की जानकारी शामिल रहेगी. ग्रामसभा की रिपोर्ट के आधार पर भूमिहीनों को जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जायेगा.
पिछड़ी जाति को क्रीमीलेयर में नहींहोने का हर साल देना होगा शपथ पत्र
सिर्फ इनको ही मिलेगा आरक्षण का लाभ
दूसरे राज्य से पलायन कर झारखंड आनेवाले एसटी, एससी व ओबीसी को राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. भारत सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में अनुसूचित जाति का कोई परिवार 10 अगस्त 1950 के पूर्व झारखंड में रह रहा हो, तो ही उसे झारखंड में आरक्षण का लाभ मिलेगा. दूसरे राज्य की अनुसूचित जनजाति अगर छह सितंबर 1950 के पहले से झारखंड में रह रहा हो, तो उनको झारखंड में आरक्षण का लाभ मिलेगा. पिछड़ी जाति के वैसे लोग जिनके पूर्वज 10 नवंबर 1978 के पहले से झारखंड में रह रहे हों, तो वह आरक्षण का लाभ ले सकेंगे.
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
भुइयां जाति की उपजाति क्षत्रीय, पाइक, खंडित पाइक, कोटवार, प्रधान, माझी, देहरी क्षत्रीय, खंडित भुइयां, गड़ाइगरही को अनुसूचित जाति में शामिल करने का फैसला
मोटर वाहन करारोपण संशोधन विधेयक 2018 पर घटनोत्तर स्वीकृति
दुकान प्रतिष्ठान नियमावली में संशोधन. इससे अब किसी दुकानदार को लाइसेंस का नवीकरण नहीं कराना होगा
कक्षा एक से आठ तक के छात्रों को पोशाक, विद्यालय किट, स्कूल बैग आदि उपलब्ध कराने की प्रक्रिया तय
प्रेस एक्रेडिएशन संशोधन अधिनियम स्वीकृत. एक्रेडेशन के लिए स्नातक या समकक्ष होना जरूरी
कांके में पशुओं के लिए संक्रामक रोग निवारण टीका के उत्पादन के लिए 15 करोड़ की मंजूरी
जेबीवीएनएल को रेगुलेशन डिसएलाउंस सपोर्ट देने की अनुमति
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कैबिनेट के अन्य फैसले
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स्व मुकेश वर्मा को एयर एंबुलेंस से रांची से दिल्ली ले जाने की घटनोत्तर स्वीकृति
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में अबुल कलाम को बीआइटी सिंदरी में सहायक प्राध्यापक के पद पर नियुक्त करने का फैसला
300 करोड़ की लागत से 28 जल छाजन परियोजनाओं की स्वीकृति
गोड्डा के महगामा में 81.61 लाख की लागत पर 2.92 एकड़ जमीन रेल परियोजना के लिए एनटीपीसी को देने की सहमति
इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट 2017-18 को विधानसभा में पेश करने की घटनोत्तर स्वीकृति
यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को दिये गये 1128.32 एकड़ भूमि पर खनन पट्टे को अवधि विस्तार
व्यावसायिक पायलट लाइसेंस ट्रेनिंग सेंटर के लिए मेसर्स आर्यन एविएशन के साथ एकरारनामा को सहमति
एसटी, एससी बहुल 10726 टोलों में 510.56 करोड़ की लागत से पाइप लाइन पेयजलापूर्ति योजना की स्वीकृति
चान्हो-दीघिया-पुरनापानी-लापुंग पथ के लिए 178.53 करोड़
लातेहार में कुटमू-गारू-महुआडाड़ पथ के लिए 122.17 करोड़
धनबाद नगर निगम भवन के लिए 48.74 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति
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गुमला में रामपुर-कदमडीह-टांगरटोली-कुरकुरा-कुलबुरु-जीतूटोली पथ के लिए 102.27 करोड़ स्वीकृत
सिकटिया से श्यामलपुर-बनवरिया-मनीगढ़ी सड़क के लिए 58.58 करोड़ स्वीकृत
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हजारीबाग में झुरझुरी मोड़ पथ के लिए 68.90 करोड़
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तीन पहाड़-धमनिया सेक्शन पर पुल निर्माण के लिए 93.94 करोड़
बोकारो में माझीडीह-फुसरो-डुमरी पथ के लिए 52.58 करोड़
गिरिडीह में गोविंदपुर-टुंडी-गिरिडीह पथ के लिए 26.35 करोड़
आसनबनी-सलगाजोरी स्टेशन के बीच लेबल क्रॉसिंग के लिए 29.79 करोड़
जामाडोभा-भागा स्टेशन के बीच लेबल क्रॉसिंग के लिए 14.13 करोड़
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