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साइबर जागरूकता: अब वाट्सएप पर लिंक भेज रहे हैं अपराधी, क्लिक न करें

प्रभात खबर कार्यालय में रांची एसएसपी ने लोगों के सवालों के दिये जवाब रांची : साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने का प्रयास पुलिस जैसे-जैसे कर रही हैै, वैसे-वैसे साइबर अपराध के तरीकों में अपराधी भी शातिराना तरीके से बदलाव कर रहे हैं. यही कारण है कि अच्छे-खासे पढ़े-लिखे और नौकरीपेशा लोग साइबर अपराधियों के झांसे […]

प्रभात खबर कार्यालय में रांची एसएसपी ने लोगों के सवालों के दिये जवाब
रांची : साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने का प्रयास पुलिस जैसे-जैसे कर रही हैै, वैसे-वैसे साइबर अपराध के तरीकों में अपराधी भी शातिराना तरीके से बदलाव कर रहे हैं. यही कारण है कि अच्छे-खासे पढ़े-लिखे और नौकरीपेशा लोग साइबर अपराधियों के झांसे में आ जा रहे हैं.
साइबर अपराध को लेकर जागरूकता अभियान के तहत शनिवार को दूसरी किस्त में प्रभात खबर कार्यालय में रांची के एसएसपी अनीश गुप्ता ने डेढ़ घंटे तक दर्जनों लोगों के सवालों के जवाब दिये. एसएसपी ने कहा कि हाल के दिनों में अब साइबर अपराधी फोन कर जानकारी लेने की जगह वाट्सएप पर लिंक और अधूरा टेक्स्ट मैसेज भेज रहे हैं. जैसे ही लोग इसको क्लिक करते हैं, उनके मोबाइल में मौजूद सारी जानकारी साइबर अपराधियों के पास चली जाती है. जैसे एंड्रायड फोन के ई-मेल, मैसेज और गैलरी में मौजूद जानकारी. अधिकांश लोग बैंक का पासबुक, नंबर आदि मोबाइल में सेव कर रखते हैं.
इसके जरिये साइबर अपराधी आसानी से लोगों को अपना निशाना बना लेते हैं. हाल के दिनों में इस तरह की वारदात बेंगलुरु जैसे शहरों में सामने आयी है. कई बार विभिन्न तरह के सेल या लुभावने ऑफर की बात कह कर भी लोगों से उनकी बैंक संबंधी जानकारी अपराधी ले लेते हैं. इसलिए किसी को किसी सूरत में फोन पर बैंक संबंधी जानकारी नहीं दें. जिस नंबर से कॉल आता है, उसकी शिकायत डायल 100 पर करें. इन सबसे जरूरी है कि साइबर अपराध से बचाव के लिए पूरी तरह सतर्क रहें और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें.
जम्मू कश्मीर से आमिर ए खान (सेना के जवान) का सवाल : दो जनवरी को मेरे खाते से पहले 20 हजार और फिर 14,500 रुपये निकाल लिया गया. बैंक से पता करने पर जानकारी मिली कि बिहारशरीफ और तेल बिगहा के एटीएम से पैसे निकाले गये हैं. जबकि कोई जानकारी मेरे स्तर से किसी को नहीं दी गयी. बैंक ने नियम बनाया है कि एक दिन में एटीएम से 20 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकते. इसकी शिकायत करने पर बैंक ने कुछ नहीं किया. काफी परेशानी के बाद भाई ने अनगड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही.
एसएसपी का जवाब : प्रथमदृष्टया मामला एटीएम क्लोनिंग का प्रतीत होता है. मामले में निश्चित तौर पर जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
योगेंद्र सिंह, हरमू हाउसिंग काॅलोनी, रांची का सवाल : मेरा खाता एसबीआइ के हरमू हाउसिंग कॉलोनी में है. 12 नवंबर 2018 को मैसैज आया कि खाते से 19,999 रुपये ट्रांसफर हुआ है. बैंक से जानकारी ली, तो पता चला कि पेटीएम के जरिये परचेजिंग में पैसे का इस्तेमाल किया गया है. जबकि मेरे द्वारा किसी से भी बैंकिंग संबंधी कोई जानकारी साझा नहीं की गयी. एसबीआइ पैसा देने की जगह कहता है कि सही ट्रांजेक्शन हुआ है. पैसा नहीं लौटा रहा.
एसएसपी का जवाब : देखिए, सबसे पहले आप अपने नजदीकी अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायें. पुलिस तत्काल इस मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई करेगी. साथ ही आप खुद और अपने लोगों को यह जरूर बतायें कि वे साइबर क्राइम की घटना के बाद सबसे पहले एकाउंट के डेबिट पर बैंक से रोक लगवायें. समय-समय पर एटीएम का पासवर्ड जरूर चेंज करें.
विमल उरांव, तुपुदाना, रांची का सवाल : मेरा एकाउंट तुपुदाना एसबीआइ बैंक में है. 15 फरवरी को 20-20 हजार करके चार बार में मेरे खाते से कुल 80 हजार रुपये निकाल लिये गये. पहला मैसेज सुबह सात बजे 20 हजार रुपये निकालने का अाया. बाद में कोई मैसेज नहीं आया. जब बैंक गये, तो पता चला कि 40 हजार रुपये निकाले गये हैं. पैसा पटना के पीएमसीएच स्थित एटीएम से निकाले गये हैं. बैंक कोई कार्रवाई नहीं कर रहा. जबकि मुझे न तो कोई कॉल आया था और न ही मैंने किसी से बैंक खाता संबंधी कोई जानकारी साझा की है. पुलिस भी उचित कार्रवाई नहीं कर रही है.
एसएसपी का जवाब : आपकी बातों से मामला एटीएम क्लोनिंग का प्रतीत होता है. यह भी हो सकता है कि एक बार पैसा एटीएम से निकालने के बाद साइबर अपराधियों ने मल्टीपल एकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया हो. बैंक से डिटेल लेकर मामले में आगे की कार्रवाई की जायेगी. बैंक का दोष होने पर आपको पैसा वापस बैंक से कराया जायेगा. साइबर अपराधियों को पकड़ने का भी प्रयास होगा.
अमित कुमार, अपर बाजार, रांची का सवाल : मेरा खाता एसबीआइ, अपर बाजार शाखा में है. दो माह पहले मुझे मोबाइल नंबर 9934027882 से फोन आया कि मैं ब्रांच मैनेजर बोल रहा हूं. आपका एटीएम बंद हो जायेगा. आपके मोबाइल पर कुछ एसएमएस जायेगा, उसको जल्दी से बतायें. पांच एसएमएस आया. सभी का नंबर बताने के बाद 9,999 रुपये करके पांच बार में 49,950 रुपये कट गया. कोतवाली थाने में आवेदन दिये, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
एसएसपी का जवाब : मामले में साफ है कि आपको जिसने फोन किया, वह बैंक मैनेजर नहीं होकर साइबर अपराधी था. उसने आपका एकाउंट डिटेल पता कर आपको फोन किया. बैंक में निबंधित आपके नंबर पर पांच बार ओटीपी आया और आपने सभी ओटीपी का नंबर अपराधी को बता दिया.
इसके बाद उसने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन आसानी से कर लिया. आप यह बात याद रखें कि बैंक से कभी भी फोन पर इस तरह की कोई जानकारी नहीं मांगी जाती. अगर आपसे बैंक अधिकारी, पुलिस और इंश्यूरेंस आदि सेक्टर के अफसर की बात कह कोई भी व्यक्ति बैंक संबंधी जानकारी मांगे, तो उसे कभी नहीं दे. मामले में उचित कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
दिव्यांग गुप्ता, चुटिया, रांची के सवाल: कुछ दिन पहले मेरे मोबाइल पर 7056503562 नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने कहा कि मैं तुम्हारा लोकेशन देख रहा हूं कि अभी तुम कहां पर हो. तुम अपना एकाउंट नंबर का डिटेल दो. फिर बोला कि एक कोड दे रहा हूं, उसे नोट करो. इसके बाद कॉल कट हो गया.
एसएसपी का जवाब : आप सबसे पहले चुटिया थाने में मामले को लेकर आवेदन दें. संभव हो कि फोन करने वाला साइबर अपराधी हो या फिर कोई ऐसा शख्स जो आप पर नजर बनाये हुए है. मामले में जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
वीरेंद्र नगद्वार, रांची का सवाल : साइबर अपराध का शिकार होने पर पैसा कैसा वापस आयेगा. एसएसपी का जवाब : आपके स्तर से ओटीपी या कोई और जानकारी साइबर अपराधी को नहीं दी गयी है, तो बैंक के स्तर से पैसा वापसी कराने का प्रयास होगा. अगर कोई साइबर फ्रॉड का कॉल आता है, तो आप डायल 100 पर तत्काल उक्त नंबर को दें. पुलिस कार्रवाई करेगी.
पप्पू कुमार मेहता, कचहरी नर्सरी, रांची का सवाल : बार-बार अलग-अलग नंबर से फोन आता है. बैंक संबंधी जानकारी मांगी जाती है. परेशान हूं.
एसएसपी का जवाब : अननोन नंबर जिससे बार-बार कॉल आता हो, उस नंबर को सर्विस प्रोवाइडर को फोन कर ब्लाॅक करा सकते हैं.
जूते के चक्कर में खाते से निकाल लिये 74 हजार रुपये
सेक्टर-2, जगन्नाथपुर, रांची निवासी विकास कुमार ने एसएसपी अनीश गुप्ता को बताया कि क्लब फैक्ट्री से कुछ दिन पहले उसने जूता लिया था. पसंद नहीं आने पर लौटा दिया. एक दिन गूगल से उक्त संस्था का नंबर लेकर फोन कर पैसा लौटाने की बात कही गयी.
तब उधर से कहा कि ठीक है एक-दो दिनों में पैसा लौटा दिया जायेगा. अगले दिन फोन आया. पत्नी ने फोन उठाया. अगले ने कहा कि आपके मोबाइल पर कुछ नंबर जायेगा उसे देखकर जल्दी बतायें, आपका पैसा एकाउंट में चला जायेगा. पांच बार अगल-अलग नंबर आया. पत्नी ने सभी नंबर बता दिया. चार बार में 74 हजार रुपये एकाउंट से निकल गये. थाने में शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई.
एसएसपी का जवाब : आपकी पत्नी ने साइबर अपराधियों को ओटीपी नंबर बता दिया. जिससे उन्होंने आपके एकाउंट से अलग-अलग एकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर दिया. इसलिए ओटीपी या अन्य बैंकिंग जानकारियों को किसी से साझा नहीं करना चाहिए. इससे दूसरे लोगों को भी रूबरू करायें. आपके मामले में पुलिस जांच कर कार्रवाई करेगी.
साइबर अपराधियों के टूल जो अापके लिए जानना जरूरी है
एटीएम क्लोनिंग : स्कीमर डिवाइस के जरिये एटीएम की जानकारी लेकर अपराधी एटीएम का क्लोनिंग तैयार कर साइबर फ्रॉड को अंजाम देते हैं.
फिशिंग अटैक : नये नंबर से फोन कर बैंक संबंधी जानकारी मांगने के लिए डराने की कोशिश करना ताकि सामने वाला जानकारी दे. ऐसे मामले को फिशिंग अटैक कहा जाता है.
एटीएम में भी हाे बायोमैट्रिक वाली सुविधा
जयप्रकाश नगर, बरियातू, रांची निवासी अमरेंद्र श्रीवास्तव ने साइबर अपराध पर रोकथाम के लिए सुझाव दिये. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन लगातार हो रहे साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए यह कोशिश करे कि एटीएम में भी बायोमैट्रिक की तरह सुविधा हो. ताकि मशीन ट्रांजेक्शन के पहले अंगुली और रेटिना से मिलान पर ही कार्रवाई करे.

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