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महिला पुलिस के आठवें राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन, राज्यपाल ने कहा, महिला पुलिसकर्मियों के लिए सशक्त कार्यस्थल जरूरी

कार्यस्थल में महिला-पुरुष का भेदभाव न रहे, सरकार महिला कर्मियों की परेशानियों को दूर करने की दिशा में कार्रवाई करे रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि नयी चुनौतियों के बीच महिला पुलिस कर्मियों के लिए सशक्त कार्य स्थल और काम करने के लिए अनुकूल वातावरण आवश्यक है. क्योंकि वे जब सुरक्षित रहेंगी, तभी […]

कार्यस्थल में महिला-पुरुष का भेदभाव न रहे, सरकार महिला कर्मियों की परेशानियों को दूर करने की दिशा में कार्रवाई करे
रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि नयी चुनौतियों के बीच महिला पुलिस कर्मियों के लिए सशक्त कार्य स्थल और काम करने के लिए अनुकूल वातावरण आवश्यक है. क्योंकि वे जब सुरक्षित रहेंगी, तभी दूसरों की सुरक्षा कर सकेंगी. राज्यपाल मंगलवार को ज्यूडिशियल पुलिस अकादमी में आयोजित महिला पुलिस के आठवें राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन के मौके पर महिला पुलिसकर्मियों को संबोधित कर रही थीं.
उन्होंने कहा कि आज महिलाओं ने पुलिस जगत में भी अपनी मेधा और दक्षता से विशिष्ट पहचान बनायी है. आनेवाले दिनों में पुलिस बल में उनकी भागाीदारी में और वृद्धि होगी, ऐसी अपेक्षा है. संभवत: 33 फीसदी की जगह 50 फीसदी भागीदारी को वह प्राप्त कर लेंगी. राज्यपाल ने यह भी कहा कि कार्यशाला में यह भी चिंतन का विषय है कि महिला पुलिसकर्मी बाहर तो अपने दायित्वों का निर्वहन कर लेती हैं.
क्या अपने घरों में वे पारिवारिक दायित्व का निर्वाह करती हैं. वे माता, बेटी, बहू आदि की भूमिका का कितना निर्वहन कर पाती हैं. अगर नहीं कर पाती हैं, तो यह भी एक तरह का क्राइम है. सरकार महिलाओं कर्मियों की इन परेशानियों को दूर करने की दिशा में कार्रवाई करे.
राज्यपाल ने कहा कि कार्यस्थल में नारी-पुरुष का भेदभाव न रहे़ मुझे आशा है कि यह राष्ट्रीय महिला पुलिस सम्मेलन विभिन्न दृष्टिकोण से राज्य के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा.
कार्यक्रम के दौरान डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि अगले साल महिला पुलिस का नौवां राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन फिर से रांची में हो. कार्यक्रम के दौरान आयोजन समिति की अध्यक्ष बी संध्या, सचिव संपत मीणा, प्रिया दुबे के अलावा विभिन्न राज्यों से आये अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद थे.
महिला पुलिसकर्मियों को अधिकार दिलाने के लिए नेशनल स्टैंडिंग कमेटी गठित होगी : डीजी
डीपीआरएंडडी के डीजी एपी माहेश्वरी ने कहा कि महिलाओं को कार्य करने के लिए अनुकूल वातावरण सामाजिक और भौतिक रूप से मुहैया कराने होंगे.
कार्यस्थल के अलावा महिलाकर्मियों के बच्चों की देखभाल के लिए सरकार के स्तर पर क्या कदम उठाये जाने चाहिए, इस पर चर्चा हुई. कार्यस्थल पर भवनों के निर्माण के दौरान ही महिलाओं को ध्यान में रखकर व्यवस्था की जानी चाहिए. स्वस्थ माहौल को लेकर एक मापदंड तैयार करने का काम बीपीआरएंडडी करेगी. उसके आधार पर सारे राज्यों की रैकिंग की जायेगी, ताकि सुधार की दिशा में काम हो सके. बीपीअारएंडडी नेशनल स्टैंडिंग कमेटी बना रहे हैं.
इस कमेटी में पुलिस अफसरों के अलावा बेहतर कार्य करनेवाले एनजीओ आदि के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जायेगा. महिलाकर्मियों का उपयोग कम्युनिटी पुलिसिंग में किया जा सकता है. इससे भारतीय पुलिस का नक्शा चेंज हो जायेगा. दो दिवसीय कार्यशाला में सिपाही से लेकर डीजी रैंक के महिला और पुलिस अफसर शामिल हुए. उनलोगों ने शोषण की बातें सामने रखी. मीडिया के माध्यम से भी यह बातें सामने आनी चाहिए कि जेंडर बजट का भी प्रावधान किया जाना चाहिए. कार्यशाला में जो अनुशंसाएं हुई है, उसको केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजा जायेगा.

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