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रांची : पारा शिक्षक के निधन पर मिलेंगे ढाई लाख, कल्याण कोष के लिए सरकार देगी 10 करोड़

सुनील कुमार झा रांची : सरकार राज्य के 67 हजार पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष बनायेगी. शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है. कल्याण कोष में पारा शिक्षकों के लिए कई कल्याणकारी प्रावधान किये गये हैं. काेष में पारा शिक्षकों के निधन होने पर परिजनों को ढाई लाख रुपये देने का प्रावधान […]

सुनील कुमार झा
रांची : सरकार राज्य के 67 हजार पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष बनायेगी. शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है. कल्याण कोष में पारा शिक्षकों के लिए कई कल्याणकारी प्रावधान किये गये हैं. काेष में पारा शिक्षकों के निधन होने पर परिजनों को ढाई लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया है.
कल्याण कोष गठन को सरकार के स्तर से सहमति मिल गयी है. कल्याण कोष बनाने के लिए सरकार की ओर से दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी कर दी गयी है. सरकार की ओर से दी जाने वाली एकमुश्त राशि पांच करोड़ से बढ़ाकर दस करोड़ कर दी गयी है. कोष में पारा शिक्षक प्रतिमाह दो सौ रुपये अंशदान के रूप में देंगे.
कल्याण कोष गठन का प्रस्ताव पंजीयन के लिए निबंधन विभाग काे भेजा जायेगा. विभाग द्वारा तैयार किये गये प्रस्ताव में पारा शिक्षक के निधन होने पर ढाई लाख रुपये तक दिये जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
तीन लाख करने पर विचार : हालांकि विभागीय स्तर पर इसे तीन लाख तक करने पर विचार किया जा रहा है. इसके अलावा पारा शिक्षक के बच्चों के अनाथ होने पर बेटी की शादी पर होने वाले खर्च का वहन भी कल्याण कोष से की जायेगी. विभाग ने पुलिस कल्याण कोष के आधार पर ही पारा शिक्षकों के लिए भी प्रारूप तैयार किया है. शिक्षकों को असाध्य रोग होने पर कल्याण कोष से राशि दी जायेगी.
आवेदन के डेढ़ माह के अंदर मिल जायेगी राशि : कल्याण कोष के तहत राशि स्वीकृत करने के लिए जिला व राज्य स्तर पर कमेटी गठित की जायेगी.
जिला स्तरीय कमेटी उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित की जायेगी. पारा शिक्षक कल्याण कोष की तहत राशि लेने के लिए जिला में आवेदन जमा करेंगे. जिला स्तरीय कमेटी आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के अंदर अपनी अनुशंसा राज्य स्तरीय कमेटी को भेज देगी. राज्य स्तरीय कमेटी आवेदन प्राप्त होने अधिकतम एक माह में इस निर्णय लेते हुए राशि निर्गत कर देगी. ऐसे में आवेदन देने के डेढ़ माह के अंदर राशि निर्गत कर दी जायेगी.
मानदेय में भी वृद्धि की तैयारी कर रही सरकार
राज्य सरकार पारा शिक्षकों के मानदेय में भी वृद्धि की तैयारी कर रही है. प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. पारा शिक्षकों को योग्यता के आधार पर अलग-अलग कोटि में बांटा गया है. वैसे पारा शिक्षक जो अब तक अप्रशिक्षित हैं, उनके मानदेय में वृद्धि की जायेगी. शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल पारा शिक्षकों के मानदेय में सबसे अधिक वृद्धि होगी. पारा शिक्षकों के मानदेय में अप्रैल 2017 में दस फीसदी की वृद्धि हुई थी. इसके बाद से मानदेय नहीं बढ़ाया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष अलग -अलग स्लैब में मानदेय में दस फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी की जा सकती है.
67000 पारा शिक्षक कर रहे स्थायीकरण की मांग
राज्य के 67 हजार पारा शिक्षक स्थायीकरण व वेतनमान को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन के प्रथम चरण में शिक्षक प्रमंडलवार राजभवन के समक्ष धरना दे रहे हैं. 15 नवंबर को राज्य के पारा शिक्षक राजधानी में जमा होंगे. स्थापना दिवस कार्यक्रम में पारा शिक्षकों के स्थायीकरण की घोषणा नहीं होने पर काला झंडा दिखायेंगे. 16 नवंबर से मोरहाबादी मैदान में अनिश्चितकालीन घेरा डालो-डेरा डोलो कार्यक्रम शुरू करेंगे.
कार्मिक सचिव की अध्यक्षता में बनी थी कमेटी
राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार करने के लिए कार्मिक सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी. कमेटी की रिपोर्ट के अनुरूप सरकार ने पारा शिक्षकों की मांग पूरी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
कमेटी ने कल्याण कोष के गठन की अनुशंसा की थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार कमेटी ने पारा शिक्षकों के स्थायीकरण की मांग पर विशेष कुछ नहीं कहा है.
आंदोलन में शामिल पारा शिक्षकों का मांगा नाम
शिक्षा विभाग ने भी आंदोलनकारी पारा शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखा है.
29 अक्तूबर से पारा शिक्षकों के राजभवन के समक्ष धरना के दौरान विद्यालय से अनुपस्थित पारा शिक्षकों का नाम देने को कहा गया है. सभी जिलों से दो दिनों विद्यालय से अनुपस्थित पारा शिक्षकों का नाम राज्य परियोजना कार्यालय को देने को कहा गया है.

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