इलाके में पहचान के साथ मिलता है मान-सम्मान
रांची : लीला महतो बीसी (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट) हैं. आज इलाके में उनकी अपनी पहचान है. पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत चक्रधरपुर प्रखंड के चंदरी गांव के लोगों को अब बैंकों में जाकर कतार में खड़ा नहीं होना पड़ता है. अब उन्हें घर पर ही बैंकिंग सुविधा उपलब्ध हो रही है. लीला महतो को बीसी सखी के रूप में काम करने से लोगों से जुड़ाव हुआ और आज लोग उन्हें काफी मान-सम्मान देते हैं.
सखी मंडल से सीखीं बचत करना
साल 2013 में मां गायत्री महिला मंडल से लीला जुड़ीं. उनकी सक्रियता देखते हुए जल्द ही उन्हें सखी मंडल का कोषाध्यक्ष बना दिया गया. इस दौरान वह बचत करना सीखीं और सखी मंडल के लेखा-जोखा का काम करने लगीं.
प्रतिमाह 10-15 लाख रुपये का करती हैं ट्रांजेक्शन
साल 2016 में वह बीसी (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट) बनीं. इस दौरान करीब 500 लोगों का खाता खोला. 445 लोगों का प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना व प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा किया. 1, 420 लोगों को एटीएम दिया गया. बैंक में पैसा जमा करना हो या निकासी करनी हो, वह घर बैठे लोगों को सेवाएं दे रही हैं. वह प्रतिमाह 10-15 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन कर लेती हैं.
परिवार चलाने में पति का कर रही हैं सहयोग
इंटरमीडिएट पास लीला का एक बेटा है. उनके पति दर्जी हैं. बीसी सखी के रूप में काम कर वह परिवार चलाने में पति का सहयोग कर रही हैं. लीला कहती हैं कि जेएसएलपीएस ने उन्हें आगे बढ़ने की राह दिखायी. इसी का नतीजा है कि अाज गांव-समाज में विशेष सम्मान मिलता है