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रांची : आदिवासियों की बची जमीन पर भी सरकार की नजर : बाबूलाल

आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार, कानूनी व नीतिगत पहलू पर कार्यक्रम, बाबूलाल बोले रांची : पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आजादी के बाद से ही विकास के नाम पर आदिवासियों को बेदखल कर उनकी हजारों एकड़ जमीन ली गयी है़ं जाे जमीन बची है, उस पर भी सरकार की नजर है. इसे सरकार उद्योगपतियों […]

आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार, कानूनी व नीतिगत पहलू पर कार्यक्रम, बाबूलाल बोले
रांची : पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आजादी के बाद से ही विकास के नाम पर आदिवासियों को बेदखल कर उनकी हजारों एकड़ जमीन ली गयी है़ं जाे जमीन बची है, उस पर भी सरकार की नजर है. इसे सरकार उद्योगपतियों को देना चाहती है़ आज गरीब आदिवासी बच्चे सरकारी और अमीरों के बच्चे बड़े निजी स्कूलों में पढ़ रहे है़ं
यदि सरकार आदिवासियाें की हिमायती है, तो आदिवासी बच्चों को भी अपने खर्च पर बड़े निजी स्कूलों में पढ़ाये़ आदिवासी समाज को अपने हक व अधिकार के लिए सड़क पर उतरना होगा़ श्री मरांडी रविवार को आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार, कानूनी व नीतिगत पहलू व आदिवासी एकता के विषय पर सेलिब्रेशन बैंक्वेट हॉल, डिबडीह में आयोजित मंथन शिविर को संबोधित कर रहे थे़
वहीं, कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि सरकार आदिवासियों को धर्म के नाम पर तोड़ना चाहती है़ गांव के लोगों को उनकी भाषा में नियम-कानून की जानकारी देनी होगी. आदिवासी आबादी आनुपातिक रूप से घटती ही जायेगी. इसलिए आदिवासी आबादी के संदर्भ में किसी आधार वर्ष की मांग करना जरूरी है़
आदिवासी जमीन की रक्षा होनी चाहिए़ टीएसी सदस्य रतन तिर्की ने कहा कि आदिवासियों को बचाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टी के लोगों को एक मंच पर आने की जरूरत है़ पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में हर सरकारी पदाधिकारी-कर्मचारी को आदिवासी भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए़ अविभाजित बिहार में इन इलाकों में ऐसे ही लोगों के पदस्थापन की परंपरा थी़
सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने कहा कि पलायन व विस्थापन के सबसे बड़े शिकार आदिवासी हुए है़ं आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष प्रेमचंद मुर्मू ने कहा कि यह विडंबना ही है कि टीएसी का अध्यक्ष एक गैर आदिवासी है़
पूर्व आइपीएस और केंद्रीय जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष डाॅ रामेश्वर उरांव ने कहा कि आरक्षण के नाम पर लोगों को बांटने का प्रयास किया जा रहा है़ झामुमो विधायक दीपक बिरुवा ने कहा कि टीएसी का दायित्व है कि आदिवासियों से जुड़े हर विषय को राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति तक पहुंचाये़ कार्यक्रम को लेहमन उरांव, प्रेमशाही मुंडा व सुभाशीष सोरेन ने भी संबोधित किया़
मंच का संचालन पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने किया़ इस अवसर पर पूर्व मंत्री थियोडोर किड़ो, धर्मगुरु वीरेंद्र भगत, जौरा उरांव, शिवा कच्छप, विनोद किस्पोट्टा, ललित मुर्मू, देवाशीष सोरेन आदि मौजूद थे़ कोआर्डिनेशन कमेटी के गठन के लिए बाबूलाल मरांडी व डॉ रामेश्वर उरांव को अधिकृत किया गया है़

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