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रांची : सीसीएल कर्मियों को एरियर भुगतान 15 तक

रांची : सीसीएल सलाहकार समिति की बैठक में तय किया गया है कि कंपनी के सभी कर्मचारी और अधिकारी एक-एक दिन का वेतन केरल बाढ़ पीड़ितों को देंगे. यह राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करायी जायेगी. अगस्त माह के वेतन से यह राशि काटी जायेगी. बैठक में सभी कामगारों व रिटायर कर्मियों को 15 […]

रांची : सीसीएल सलाहकार समिति की बैठक में तय किया गया है कि कंपनी के सभी कर्मचारी और अधिकारी एक-एक दिन का वेतन केरल बाढ़ पीड़ितों को देंगे. यह राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करायी जायेगी. अगस्त माह के वेतन से यह राशि काटी जायेगी. बैठक में सभी कामगारों व रिटायर कर्मियों को 15 सितंबर तक शत प्रतिशत एरियर भुगतान करने का निर्णय लिया गया. सभी कोलियरियों में कैंटीन व विश्रामगृह बनाने का भी निर्णय लिया गया. नये बहाल हुए आश्रितों को दूसरे माह से वेतन मिलना शुरू हो जायेगा. डकरा, मगध-अाम्रपाली, गांधी नगर, ढोरी, नयी सराय, हजारीबाग एवं भुरकुंडा को लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस देने पर भी सहमति हुई.
बैठक की अध्यक्षता कंपनी के सीएमडी गोपाल सिंह ने की. मौके पर निदेशक वित्त डीके घोष, निदेशक कार्मिक आरएस महापात्रा, निदेशक तकनीकी एवं संचालन एके मिश्रा एवं निदेशक योजना एवं परियोजना बीके श्रीवास्तव, श्रमिक संगठनों की ओर से रमेंद्र कुमार, लखन लाल महतो, अशोक यादव (एटक), रघुनंदन राघवन, हरि शंकर सिंह (हिमस), आरपी सिंह (सीटू), मधुसूदन वर्मा, अरुण कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
रांची : राज्य के बड़े बजट वाले विभाग पथ निर्माण व जल संसाधन में वरीय पदों की स्थिति खराब है. अधिकतर ऊंचे पद खाली हैं. किसी तरह कनीय को अधीक्षण अभियंता व मुख्य अभियंता बना कर काम खींचा जा रहा है.
इतना ही नहीं एक-एक इंजीनियर को कई बड़े पद दे दिये गये हैं. प्रभार देने में किसी तरह का कोई सिस्टम नहीं है. कनीय को ऊंचा पद दे दिया गया है, जबकि वरीय को नीचे पद पर ही छोड़ दिया गया है. ये दोनों विभाग बड़े बजट वाले हैं. पथ निर्माण विभाग का बजट तो इस वित्तीय वर्ष का 4000 करोड़ का है. वहीं जल संसाधन का 1500 करोड़ से ज्यादा बजट है.
जल संसाधन विभाग में अधीक्षण अभियंता के 26 पद हैं, जबकि मात्र छह ही अधीक्षण अभियंता हैं. ये सारे मुख्य अभियंता के पद पर प्रभारी व्यवस्था के तहत काम कर रहे हैं. इस विभाग में सामान्य कोटि से सबसे सीनियर इंजीनियर नागेश मिश्रा हैं. वह अभी तक कार्यपालक अभियंता के ही पद पर हैं.
इस विभाग में वीरेंद्र राम कार्यपालक अभियंता हैं, पर वह तीन जगहों पर मुख्य अभियंता हैं. जमशेदपुर में कार्यरत होकर वह स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट के चांडिल व ईचा गालूडीह के मुख्य अभियंता की हैसियत से काम संभाल रहे हैं, जबकि रांची में ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के भी मुख्य अभियंता हैं. इस विभाग में कार्यपालक अभियंता के 195 पद हैं, जबकि 105 पद खाली हैं. ऐसे में स्वीकृत पदों पर सहायक अभियंताअों को प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है. इस विभाग में एक भी मुख्य अभियंता नहीं हैं.
पथ निर्माण विभाग में अधीक्षण अभियंता के कुल 42 पद हैं, पर अभी 14 ही हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में पहली बार अधीक्षण अभियंताअों के पद पर करीब 36 को प्रोन्नति मिली थी. उसके बाद किसी को प्रमोशन नहीं मिला. कई एसइ रिटायर हो गये, अब 14 ही बचे हैं.
ऐसे में कार्यपालक अभियंताअों से एसइ का काम लिया जा रहा है. वहीं एक भी मुख्य अभियंता व अभियंता प्रमुख नहीं होने की वजह से अधीक्षण अभियंताअों को इसका प्रभार दिया गया है. इस विभाग में सीनियर व जूनियर का ख्याल नहीं रखा गया है. सारे जूनियर को ऊपर के पद दे दिये गये हैं. वहीं सीनियर अपने जूनियर के अधीन काम कर रहे हैं.

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