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रांची : एयरपोर्ट पर भाजपा नेताओं ने अस्थि कलश का किया स्वागत, आज नामकुम स्वर्णरेखा घाट पर विसर्जित होंगी अस्थियां
दिल्ली से अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश लाया गया रांची रांची : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश बुधवार को रांची पहुंचा. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर शाम 5.30 बजे अस्थि कलश के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह सांसद लक्ष्मण गिलुवा और विधायक अनंत ओझा इंडिगो के विमान से पहुंचे. एयरपोर्ट […]
दिल्ली से अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश लाया गया रांची
रांची : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश बुधवार को रांची पहुंचा. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर शाम 5.30 बजे अस्थि कलश के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह सांसद लक्ष्मण गिलुवा और विधायक अनंत ओझा इंडिगो के विमान से पहुंचे.
एयरपोर्ट पर भाजपा के वरिष्ठ सांसद कड़िया मुंडा, रामटहल चौधरी, पीएन सिंह, रवींद्र राय समेत प्रदेश के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, खेल मंत्री अमर बाउरी, भाजपा सचेतक दल के नेता राधाकृष्ण किशोर ने स्वागत किया.
एयरपोर्ट परिसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, अटल तेरा नाम रहेगा…’ और ‘भारत माता की जय…’ के नारे लगाये. रांची नगर महानगर भाजपा और रांची नगर ग्रामीण भाजपा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कतारबद्ध होकर अस्थिकलश का स्वागत किया. अस्थि कलश को एक खुली जीप में रख कर प्रदेश अध्यक्ष श्री गिलुवा, रवींद्र राय और अन्य सेलिब्रेशन हॉल तक ले गये.
एयरपोर्ट के अंदर कलश के आगमन को लेकर विधानसभा सदस्य मेनका सरदार, विमला प्रधान, गंगोत्री कुजूर, जीतू चरण राम, ढुल्लू महतो, नवीन जायसवाल समेत महानगर भाजपा अध्यक्ष मनोज मिश्रा, ग्रामीण भाजपा अध्यक्ष रंधीर महतो, गणेश मिश्रा, मीरा जायसवाल समेत सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष कार्यकर्ता मौजूद थे.
राज्य की सभी प्रमुख नदियों में होगा अस्थि का विसर्जन : अनंत ओझा
नयी दिल्ली से कलश लेकर रांची पहुंचे विधायक अनंत ओझा ने कहा कि स्वर्गीय वाजपेयी जी की अस्थियां राज्य की सभी प्रमुख नदियों में प्रवाहित की जायेंगी.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को 11 अशोका रोड में अस्थि कलश सौंपा. इसे सभी राज्यों में आमलोगों को दर्शन के लिए रखने का निर्देश भी दिया गया. उन्होंने कहा कि झारखंड के साहेबगंज स्थित गंगा नदी, दामोदर नदी, स्वर्णरेखा नदी, उत्तरी और दक्षिणी कोयल नदी में यह अस्थि विसर्जित की जायेगी. रांची में 23 को व अन्य जगहों पर 24 अगस्त को अस्थि कलश विसर्जन की तारीख तय की गयी है. उन्होंने कहा कि अटल जी के व्यक्तित्व और उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं था. इसलिए पार्टी की तरफ से यह कार्यक्रम तय किया गया है.
युग पुरुष थे अटल, पीढ़ियां याद करेंगी
प्रार्थना सभा में भारत रत्न स्व वाजपेयी को सबने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि, कहा
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सार्वजनिक श्रद्धांजलि सभा में सारी राजनीतिक धारा सिमट कर एक हुई. अटल के व्यक्तित्व, उनके कार्यों और देश के समर्पण को सबने याद किया. पक्ष-विपक्ष के नेता, सामाजिक संगठन, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि सभी ने एक स्वर में कहा कि अटल जी के व्यक्तित्व को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता है.
वह युग पुरुष थे. आनेवाली पीढ़ियां उनको याद करेगी. हमें उनके सपनों का देश बनाना है. अटल ने जो राजनीतिक आचरण सिखाया, उस पर चलने की बात की. अटल जी के आदर्शों और सपनों का देश बनाने का संकल्प लिया. राजधानी के कॉर्निवल हॉल में आयोजित सार्वजनिक प्रार्थना सभा में स्व वाजपेयी की विराट छवि, राष्ट्र के प्रति उनके योगदान और स्मृतियों जीवंत हुई़
वाजपेयी जी ने झारखंड की मिट्टी का महत्व समझा : स्पीकर
प्रार्थना सभा में स्पीकर दिनेश उरांव ने कहा कि अटल जी बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे. उनके गुणों की व्याख्या नहीं हो सकती है. केवल चिंतन किया जा सकता है. हम शीश झुका कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. झारखंड से उनका विशेष लगाव था. यहां के सीधे-सादे लोगों को राज्य बना कर तोहफा दिया. वह आदिवासियों का दर्द जानते थे़ उनके दिये गये राज्य को हमें संवारना है. अटल जी ने झारखंड की मिट्टी का महत्व समझा था.
अटल जी ने जनजातीय समुदाय की चिंता की : सुदर्शन भगत
केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि अटल जी राष्ट्र के लिए समर्पित थे. उन्होंने देश के लिए भरसक जीया. राष्ट्र निर्माण में अटल जी का योगदान रहा है. उन्होंने देश के जनजातीय समुदाय की चिंता की. पहली बार जनजातीय समुदाय के लिए अलग मंत्रालय बना. उनकी चिंता थी कि कैसे समाज के लोग आगे बढ़े़ं अब हमें उनके दिखाये रास्ते पर आगे चलकर राष्ट्र को संवारना है.
कोई दल विरासत में नहीं मिला राष्ट्र नेता थे : जयंत सिन्हा
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी युग पुरुष थे़ देशवासियों का सौभाग्य है कि उनके जैसा नेता मिला. कोई दल उनको विरासत में नहीं मिला था. जिस दल को उन्होंने बनाया था, उसके प्रधानमंत्री और 20 मुख्यमंत्री उनकी अंतिम यात्रा में साथ चल रहे थे. वह यशस्वी और आधुनिक भारत के निर्माता थे. अटल जी की कविताओं में गहराई थी. उनकी कविताएं अमर रहेंगी़
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नायक थे : अर्जुन मुंडा
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नायक थे. भारत माता के सपूत थे. प्रकृति का शाश्वत नियम है कि प्रत्येक जीव का प्राब्धय है. उनका नेतृत्व महान था. उन्होंने हमेशा कहा था कि लोकतंत्र एकाकी नहीं हो सकता है. उन्होंने हमेशा इस बात की पैरवी कि लोकतंत्र प्रतिबिंबित होना चाहिए. उसमें पूरा राष्ट्र दिखे. उन्होंने परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए विकास की बात कही़ं
आज नामकुम स्वर्णरेखा घाट पर विसर्जित होंगी अस्थियां
रांची : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां गुरुवार को नामकुम स्थित स्वर्णरेखा घाट पर विसर्जित की जायेंगी. इसके मद्देनजर बुधवार को दिन भर रांची नगर निगम ने स्वर्णरेखा घाट पर सफाई अभियान चलाया. यहां उग आयी झाड़ियों को काटा गया, साथ ही जगह-जगह ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया गया. नगर आयुक्त डॉ शांतनु अग्रहरि ने सफाई व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने सभी कर्मचारियों को गुरुवार सुबह तक घाट की सफाई कार्य को पूरा करने का िनर्देश दिया.
अस्थि कलश यात्रा के दौरान डायवर्ट होगा रूट
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा गुरुवार को निकलेगी. जिस मार्ग से यात्रा गुजरेगी, उस रूट के वाहनों को डायवर्ट किया जायेगा़ अस्थि कलश यात्रा भाजपा प्रदेश कार्यालय से निकल कर अरगोड़ा चौक, कडरू ब्रिज के नीचे से होते हुए रेडिशन ब्लू होटल होते हुए बिग बाजार पहुंचेगी. वहां से सुजाता चौक, सिरम टोली चौक, चुटिया होते हुए नामकुम के स्वर्णरेखा घाट पहुंचेगी. ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह ने बताया कि इसके लिए 300 अतिरिक्त पुलिस लगाये जायेंगे.
सत्ता शीर्ष पर बैठे लोग वाजपेयी की शिक्षा पर अमल करें : हेमंत
रांची : नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने बुधवार को कॉर्निवल बैंक्वेट हाॅल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी ने अपने संघर्ष विचारों के प्रति प्रतिबद्धता और सबके प्रति आदर का भाव रख कर हमलोगों के लिए राजनीतिक आचरण की मिशाल पेश की है. अगर इसका अनुसरण किया जाये, तो राजनीतिक कटुता के साथ-साथ परायों की खड़ी की गयी दीवार टूट जायेगी.
उन्होंने कहा कि वाजपेयी की जीवन गाथा को बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल करना उतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना कि आज सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग उनकी शिक्षा पर अमल करें. वाजपेयी जी ने सदैव शिक्षा दी है कि मतभेद लोकतंत्र का वरदान है, जबकि मनभेद अभिशाप. वे विचारों की भिन्नता को पाटने के लिए हमेशा संवाद का सहारा लेते थे.
वाजपेयी जी के व्यक्तित्व और उनके बोलने की कला का पूरा देश कायल रहा. इसके बावजूद उनके प्रधानमंत्रित्व काल में उनका मंच साझा कर रहे किसी दूसरे दल के मुख्यमंत्री ने हूटिंग नहीं की. राजनीतिक विरोध के बावजूद एक दूसरे के प्रति आदर और सम्मान रखने की सीख वाजपेयी जी से लेनी चाहिए.
झारखंड मैथिली मंच ने दी अटलजी को श्रद्धांजलि
रांची : झारखंड मैथिली मंच ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर बीएसएनएल के मुख्य महाप्रबंधक किशोर कुमार ठाकुर ने कहा कि मैथिल, मैथिली एवं मिथिलांचल के लिए वाजपेयी जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है.
विद्यानाथ झा विदित, अशोक प्रियदर्शी, प्रमोद कुमार झा, सुबोध चौधरी, केके ठाकुर, अर्जुन राम, अमर झा, इंद्र नारायण झा आदि ने वाजपेयी जी की जीवनी पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर मंच द्वारा काव्यांजलि का भी आयोजन किया गया. अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार झा ने की. धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष जयंत झा व संचालन उपाध्यक्ष अमरनाथ झा ने किया. मौके पर भारतेंदु झा, वरिष्ठ संरक्षक सुबोध चौधरी, नवल किशोर महतो, प्रेम चंद्र झा आदि थे.
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