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रांची : संताल परगना के 75 मदरसों को मान्यता के लिए जमीन की शर्त में छूट
रांची : संताल परगना प्रमंडल के 75 मदरसाें को मान्यता के लिए तय जमीन की शर्त से छूट मिलेगी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के निर्देश पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने संबंधित जिलाें के उपायुक्तों से जिलों में संचालित मदरसे के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी. उपायुक्त द्वारा पूर्व में भेजी गयी जांच रिपोर्ट […]
रांची : संताल परगना प्रमंडल के 75 मदरसाें को मान्यता के लिए तय जमीन की शर्त से छूट मिलेगी. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के निर्देश पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने संबंधित जिलाें के उपायुक्तों से जिलों में संचालित मदरसे के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी.
उपायुक्त द्वारा पूर्व में भेजी गयी जांच रिपोर्ट में इन मदरसों के पास प्रावधान के अनुरूप जमीन नहीं होने की बात कही गयी थी. संताल परगना के मदरसाें को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के समय जमीन की शर्त में छूट दी गयी थी.
संताल परगना प्रमंडल के किसी मदरसे के पास अगर निबंधित जमीन नहीं है तो भी उसे मान्यता दी जा सकती है. मदरसों की मान्यता के लिए किये प्रावधान में कहा गया है कि अगर जमीन मदरसा के अधीन है और उस पर मदरसा संचालित है तो उसे मान्यता दी जा सकती है. इसके लिए संबंधित प्रखंड के सीओ द्वारा दी गयी रिपोर्ट पर यह लिखा होना चाहिए कि मदरसा द्वारा दावा किये गये भूमि पर मदरसा संचालित है.
करायी गयी थी जांच : गौरतलब है कि स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा पूर्व में करायी गयी जांच में संताल परगना प्रमंडल के अधिकतर मदरसे जमीन की शर्त को पूरा नहीं कर रहे थे. मदरसा संचालकों का कहना था कि सरकार के प्रावधान के अनुरूप जमीन उनके कब्जे में है, इसके बाद भी उनकी मान्यता रद्द की जा रही है.
इसके बाद संताल परगना प्रमंडल में मदरसों को जमीन की शर्त में मिली छूट को देखते उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगी गयी. रिपोर्ट में 75 मदरसाें को जमीन की शर्त में छूट का लाभ देने योग्य पाया गया. जिलों से भेजी गयी रिपोर्ट को जैक की मान्यता समिति की बैठक में रखा गया. समिति से स्वीकृति के बाद जैक बोर्ड से भी रिपोर्ट को मंजूरी मिल गयी. रिपोर्ट के आधार पर जैक मदरसों की मान्यता के संबंध में स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को अनुशंसा भेजेगा.
जमीन का निबंधन होना अनिवार्य : नियमावली के प्रावधान के अनुरूप मदरसा के नाम से जमीन का निबंधन होना अनिवार्य है. राज्य में आधे से अधिक मदरसे संताल परगना प्रमंडल में हैं. लेकिन यहां एसपीटी एक्ट के कारण मदरसों के नाम से जमीन का निबंधन नहीं हुआ है. जिस मदरसे के पास जमीन है भी तो उसका निबंधन मदरसा के नाम से नहीं हुआ है. इस कारण सरकार ने मदरसों को जमीन की शर्त में छूट दी थी.
शिक्षा मंत्री के आदेश पर हुई थी जांच
शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव के निर्देश पर गत वर्ष जुलाई में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी उपायुक्तों से एक सप्ताह में जिले के सभी अराजकीय मदरसों का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट देने को कहा था.
इस क्रम में इस बात पर ध्यान देने के लिए कहा गया था कि संस्थान द्वारा तय मानक का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं. जांच टीम में अनुमंडल स्तर से नीचे के पदाधिकारी को शामिल नहीं करने के लिए कहा गया था.
स्कूल-कॉलेज को नहीं मिली है छूट
संताल परगना प्रमंडल में केवल मदरसे को ही जमीन की शर्त में छूट का लाभ दिया गया है. हाइस्कूल, इंटर कॉलेज को मान्यता के लिए जमीन संस्थान के नाम से निबंधित होना अनिवार्य है. संताल परगना प्रमंडल में जमीन का निबंधन नहीं होने के कारण स्कूल- कॉलेजों की मान्यता समाप्त की गयी है. इसके अलावा शिक्षण मान्यता भी नहीं मिल रही है.
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