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60 की उम्र में बाइक राइडर शरत कह रहे हैं ”My Way is High Way ”

।।पंकज कुमार पाठक ।। आमतौर पर 60 साल की उम्र का एक आदमी क्या सोचता है ?. काम से रिटायरमेंट, एक छोटा सा घर और आराम की जिंदगी. लेकिन हर कोई ऐसा साेचे, यह संभव भी तो नहीं .अगर ऐसा होता तो 30 साल की उम्र में जिस सपने को शरत शर्मा ने देखा था, […]

।पंकज कुमार पाठक ।।

आमतौर पर 60 साल की उम्र का एक आदमी क्या सोचता है ?. काम से रिटायरमेंट, एक छोटा सा घर और आराम की जिंदगी. लेकिन हर कोई ऐसा साेचे, यह संभव भी तो नहीं .अगर ऐसा होता तो 30 साल की उम्र में जिस सपने को शरत शर्मा ने देखा था, उसे 60 की उम्र में पूरा नहीं कर रहे होते. उन्हीं के शब्दों में समझें, तो सपने देखने की कोई उम्र नहीं होती है.

उम्र के किसी पड़ाव में आपने सपने देखे हैं और अगर वह सपना अधूरा रह गया , तो आराम ना करें. अधूरे सपने आपको बार-बार दस्तक देंगे. यही बातें शरत शर्मा के जेहन में आयीं और उन्होंने 28000 किमी की यात्रा के अपने सपने को लगभग आधा (14800 किमी ) पूरा कर लिया है. वह दिल्ली से यात्रा की शुरुआत कर सेवन सिस्टर्स (उत्तर पूर्व के राज्य) के साथ- साथ गुजरात, राजस्थान, भूटान, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार की यात्रा कर झारखंड पहुंचे हैं.

सपना पूरा करने में लगाया रिटायरमेंट का पैसा
शरत शर्मा दिल्ली में रहते हैं और टाइम्स ऑफ इंडिया, दिल्ली से अच्छे पद से रिटायर्ड हैं. उनके लिए 29 राज्य व चार केंद्र शासित प्रदेश घूमने का सपना छोटा नहीं है. अपने इस भारत भ्रमण के सपने को वे रॉयल एनफील्ड की हिमालयन बाइक से पूरा कर रहे हैं. वे कहते हैं कि मैंने रिटायरमेंट का सारा पैसा इस सपने का जीने में लगा दिया. हालांकि अभी सफर आधा ही हुआ है, लेकिन उनके चेहरे पर इस सपने को जीने की रौनक नजर आने लगी है. शरत कहते हैं, दिल्ली में पत्रकारिता करते वक्त ही ठान लिया था कि भारत घूमना है. लेकिन बाइक से ही यह यात्रा़ ऐसा क्यों? इसके जवाब में वह कहते हैं कि कहीं भी रुकने की आजादी बाइक ही देती है. अब तक 14800 किमी की यात्रा कर चुका हूं. सिर्फ घूमना लक्ष्य नहीं है, हर जगह की संस्कृति,खान -पान से रिश्ता बनाना है. शहर सिर्फ छू कर चले गये, तो क्या घूमे ? शहर का दिल जब तक ना समझा तो समझो,यात्रा अधूरी रह रही है.
60 की उम्र केवल रिटायर होने की नहीं
शरत कहते हैं, मैं चाहता तो इस सपने को 60 साल की उम्र से पहले भी पूरा कर सकता था, लेकिन मैंने 60 के बाद इसकी शुरुआत की. इसके पीछे मेरा मकसद था कि लोगों को अपने इस सफर के माध्यम से संदेश दे सकूं कि 60 की उम्र केवल रिटायर होने की नहीं होती है. असल में यही तीसरी पारी है, जिसे शानदार तरीके से खेलना ज्यादा जरूरी है. पहली पारी तो पढ़ाई और खुद को नौकरी के लिए तैयार करने में खत्म हो जाती है. दूसरी नौकरी और कई जिम्मेदारियां निभाने में. तीसरी पारी जो मैं खेल रहा हूं, वह सारे सपने जो मैं पूरा नहीं कर सका, अब पूरा कर रहा हूं. इन सपनों को पूरा करने के लिए खुद को फिट रखना जरूरी है.
बाइक की यात्रा में हेलमेट जरूर पहनें
इस यात्रा से पहले किसी ने रोका नहीं? इसके जवाब में वह कहते हैं, घर में मां हैं. पत्नी और दो बेटे हैं. सभी मेरे शौक को समझते हैं. मां ने भी इजाजत दी और हिदायत भी, कहा- सुरक्षित रहना. अच्छे से बाइक चलाना. मैंने निकलने से पहले पूरी तैयारी की, जो लंबी राइड से पहले करनी जरूरी है. सड़क पर ज्यादातर मौतें हेलमेट नहीं पहनने की वजह से होती हैं. आजकल के युवाओं को इसका खास ध्यान रखना चाहिए.

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