मशीन आये साल भर हो गये, अब तक इन्हें चलाने का प्रशिक्षण नहीं मिला
रांची : रिम्स के चर्म रोग विभाग में त्वचा से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए लाखों रुपये की लागत से अत्याधुनिक मशीनें करीब साल भर पहले खरीदी गयी हैं. इन मशीनों की मदद से शरीर और चेहरे के दाग-धब्बे, तिल आदि हटाने के साथ-साथ चर्मरोग संबंधित अन्य कई की बीमारियों का इलाज संभव है. हालांकि, इन मशीनों को यहां स्थापित करने का मकसद पूरा नहीं हो पा रहा है. क्योंकि, इनके उपयोग के लिए विभाग के डॉक्टरों को अब तक प्रशिक्षित नहीं किया गया है. खास बात यह है कि रिम्स प्रबंधन को डॉक्टरों के प्रशिक्षण की जानकारी भी नहीं है.
रिम्स के चर्म रोग विभाग में सीओ-2 लेजर मशीन और एनडी याग लेजर मशीन जैसी अत्याधुनिक मशीनें करीब एक साल पहले खरीदी गयी थीं. सीओ-2 लेजर मशीन की कीमत लगभग छह लाख रुपये है. वहीं, एनडी याग लेजर मशीन की कीमत लगभग 40 लाख रुपये है.
मौजूदा समय में एनडी याग मशीन से केवल गोदना (टैटू) हटाने के अलाव इक्का-दुक्का बीमारियों को इलाज किया जा रहा है. चर्म रोग विभाग में अधिकतर लोग टैटू हटवाने के लिए आते हैं. कुछ लोग चेहरे में दाग, तिल, मस्सा सहित अन्य चर्म रोग संबंधित इलाज के लिए आते हैं. चूंकि विभाग के ज्यादातर डॉक्टरों को इन मशीनों को ऑपरेट करने का तरीका नहीं पता है. इसलिए कई मरीजों को यहां से निराश लौटना पड़ रहा है.
चर्म रोग विभाग में नहीं हैं पर्याप्त डॉक्टर
रांची : रिम्स के चर्म रोग विभाग में जरूरत में मुताबिक डॉक्टर नहीं हैं. इस वजह से विभाग के अन्य डॉक्टरों पर काम का दबाव बढ़ गया है. वर्तमान में विभाग में दो प्रोफेसर, चार एसोसिएट प्रोफेसर और एक सीनियर रेजीडेंट कार्यरत है. जबकि, संस्थान में एक भी असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं है. ऐसी स्थिति में ओपीडी व इंडोर में इलाज मरीजों को भी परेशानी हो रही है.
जानकारी के अनुसार एक सीनियर रेजीडेंट पहले ही इस विभाग से जा चुकी हैं. अब सितंबर माह में शेष बचे सीनियर रेजीडेंट का भी कार्यकाल समाप्त हो जायेगा. सीनियर रेजीडेंट का कार्यकाल समाप्त होते ही विभाग की पूरी जिम्मेवारी प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर की हो जायेगी. इस संबंध में विभाग ने रिम्स प्रबंधन को पूरी जानकारी दे दी है. बताया गया है कि विभाग को आउटडोर के साथ-साथ इनडोर में भी सेवा देनी पड़ती है. विभाग की वर्तमान व्यवस्था को देखते हुए विभाग में चार असिस्टेंट प्रोफेसर की तत्काल आवश्यकता है. इसके अलावा दो सीनियर रेजीडेंट की भी जरूरत है.
चर्म रोग विभाग में कई अत्याधुनिक मशीनें मौजूद हैं. लेकिन, चिकित्सकों को इन मशीनों को अॉपरेट करने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है. जल्द ही विभागाध्यक्ष से इसकी जानकारी लूंगा.
डॉ विवेक कश्यप, अधीक्षक, रिम्स
