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रांची : सेवानिवृत्त सैनिक करेंगे रिम्स की सुरक्षा, इसी माह से शुरू होगा ई-हॉस्पिटल सेवा

इलाज के दौरान अक्सर होनेवाले विवाद के मद्देनजर प्रबंधन ने लिया फैसला रांची : रिम्स प्रबंधन अस्पताल की सुरक्षा के नाम पर हर महीने करीब 50 लाख रुपये खर्च करता है. इसके बावजूद रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था बेहद लचर है. आये दिन मरीजों के परिजन और नर्सों/डॉक्टरों के बीच विवाद हो जा रहा है. एक […]

इलाज के दौरान अक्सर होनेवाले विवाद के मद्देनजर प्रबंधन ने लिया फैसला
रांची : रिम्स प्रबंधन अस्पताल की सुरक्षा के नाम पर हर महीने करीब 50 लाख रुपये खर्च करता है. इसके बावजूद रिम्स की सुरक्षा व्यवस्था बेहद लचर है. आये दिन मरीजों के परिजन और नर्सों/डॉक्टरों के बीच विवाद हो जा रहा है.
एक जून को रिम्स में भर्ती एक महिला मरीज की मौत के बाद उसके परिजन और नर्सों में मारपीट हो गयी थी. इससे नाराज नर्सों अौर जूनियर डॉक्टरों ने दो दिन तक हड़ताल कर दी थी, जिससे मरीजों को काफी परेशानी हुई थी. हड़ताल के दौरान हुई वार्ता में भी जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) और नर्सों ने मांग की थी कि वर्तमान सुरक्षा एजेंसी को हटाया जाये.
इसके बाद रिम्स प्रबंधन ने सेवानिवृत्त सैनिकों को अस्पताल की सुरक्षा में तैनात करने की योजना बनायी है. अस्पताल प्रबंधन भी यह मान रहा है कि सेवानिवृत्त सैनिकों के हवाले होने से नियम कानून का पूरी तरह पालन होगा. मारपीट नहीं होगी. वहीं, मरीजों के साथ-साथ डॉक्टर और नर्सों को भी सुरक्षा की गारंटी होगी.
खत्म हो चुका है निजी एजेंसी का अनुबंध : रिम्स में निजी सुरक्षा एजेंसी का अनुबंध 2016 को ही समाप्त हो गया था. प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने तक एजेंसी को कार्य करने की अनुमति दी थी.
इसी के आधार पर निजी सुरक्षा एजेंसी रिम्स में काम कर रही है. हालांकि, करीब तीन माह पहले निविदा के माध्यम से नयी एजेंसी का चयन हुआ था. नयी एजेंसी को कार्यादेश भी मिल गया था, लेकिन कार्यरत सुरक्षा एजेंसी की शिकायत पर कार्यादेश के अगले दिन ही पूर्व आदेश को रद्द कर दिया गया था. इसके बाद पूर्व कार्यरत एजेंसी ही सेवा दे रही है. वहीं, सूत्र बताते हैं कि अस्पताल में जितने सुरक्षा गार्ड होने चाहिए, उतने नहीं हैं.
सैनिक कल्याण बोर्ड को स्वास्थ्य विभाग ने लिखा है पत्र
200 सेवानिवृत्त सैनिक उपलब्ध कराने की मांग की
निजी सुरक्षा एजेंसी को रिम्स ने भेजा नोटिस
रिम्स में दो और तीन जून की हड़ताल के बाद सरकार, रिम्स प्रबंधन, जेडीए व नर्सेस एसोसिएशन के बीच हुई बैठक में सुरक्षा एजेंसी को हटाने पर निर्णय लिया गया था. इसके तहत रिम्स प्रबंध ने बुधवार को एजेंसी को नोटिस जारी किया है.
नोटिस में एजेंसी से कहा गया है कि आपके सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद कई ऐसी घटनाएं सामने आयी हैं. इससे रिम्स व सरकार की छवि खराब हुई है. मारपीट की घटना के रोकथाम में आपके सुरक्षाकर्मी फेल हुए हैं. ऐसे में क्यों नहीं आपको हटाने की कार्यवाही की जाये? एजेंसी को यथाशीघ्र अपना पक्ष रखने को कहा गया है.
रिम्स की सुरक्षा भूतपूर्व सैनिकों के हवाले करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है. सैनिक कल्याण बाेर्ड से 200 रिटायर्ड सैनिकों की मांग की गयी है.
सहमति मिलते ही वर्तमान सुरक्षा एजेंसी को हटा दिया जायेगा. दो दिन तक हड़ताल के बाद स्वास्थ्य मंत्री व मुख्य सचिव के निर्देश पर निजी सुरक्षा एजेंसी को नोटिस जारी कर दी गयी है.
डॉ आरके श्रीवास्तव, निदेशक, रिम्स
रिम्स में इसी माह से ई-हॉस्पिटल सेवा
रांची : रिम्स में इसी महीने ई-हॉस्पिटल की सेवा शुरू हो जायेगी. इसके तहत प्रारंभिक अवस्था में कुछ सेवाएं ही शुरू की जायेगी. रिम्स को पूरी तरह ई-हॉस्पिटल होने में करीब छह माह लगेंगे. सेवा को नेशनल इंफाॅर्मेटिक सेंटर(एनआइसी) के सहयोग से शुरू किया जा रहा है.
एनआइसी के निदेशक शाहिद अहमद ने बताया कि कंप्यूटर की खरीदारी व रिम्स में नेटवर्किंग का कार्य कर लिया गया है. कर्मचारियों का प्रशिक्षण पूरा हो गया है. बुधवार को ई-हॉस्पिटल के कार्य की प्रगति का जायजा लेने के लिए एनआइसी के निदेशक ने रिम्स का भ्रमण किया. कार्य की प्रगति का जायजा लेने के बाद एनआसी के निदेशक ने रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव के साथ बैठक की.
ई-हॉस्पिटल से ये होगा लाभ : रिम्स में ई-हॉस्पिटल की सेवा शुरू होने से आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम सेवा के अलावा, आॅनलाइन ओपीडी की सेवा भी शुरू हो जायेगी.
मरीज के भर्ती होते ही उसकी सारी जानकारी ऑनलान होगी. डॉक्टर मरीज का पंजीयन संख्या दर्ज करते ही उसकी पूरा डाटा देख सकेंगे. मरीज को कौन सी दवा दी जा रही है, कौन-कौन जांच हुई है व वार्ड में भर्ती होने के बाद मरीज की स्थित क्या है.

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