उपचुनाव में झामुमो के साथ मैदान मेें दिख रहे हैं कांग्रेसी व झाविमो के लोग, सिल्ली में आजसू डटी, गोमिया में भाजपा की गोलबंदी
रांची : सिल्ली और गोमिया उपचुनाव में पक्ष-विपक्ष आमने-सामने हैं. विपक्ष की ओर से झामुमो के उम्मीदवार दोनों ही सीट पर चुनावी जंग में उतरे है़ं वहीं सत्ता पक्ष की ओर से सिल्ली में आजसू और गोमिया में आजसू-भाजपा दोनों के उम्मीदवार मैदान में है़ं
चुनावी अभियान में विपक्ष की मोर्चाबंदी दिख रही है़ मैदान में भी झामुमो के साथ कांग्रेस-झाविमो के कार्यकर्ता दिख रहे हैं. यही नहीं वामदल के नेता भी अभियान चला रहे है़ं पिछले दिनों सिल्ली और गोमिया में प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन के कार्यक्रम में कांग्रेस के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय से लेकर भाकपा भुनेश्वर प्रसाद मेहता तक पहुंचे़
विपक्ष ने इन दोनों ही सीटों को साख का सवाल बना लिया है. उधर एनडीए में दूरी है़ गोमिया मेें तो भाजपा-आजसू फ्रेंडली लड़ रहे हैं. वहीं सिल्ली में सुदेश महतो की उम्मीदवारी को देखते हुए भाजपा ने उम्मीदवार नहीं दिया. लेकिन सिल्ली में भी भाजपा की दूरी साफ दिख रही है. भाजपा के कैडर चुनावी अभियान से दूर हैं. सिल्ली की लड़ाई आजसू अपने दम पर लड़ रही है. एनडीए के अंदर इस उपचुनाव में सियासी राजनीति गरम है़
क्या कहते हैं पार्टी के नेता
सिल्ली और गोमिया में विपक्ष के सभी दलों का सहयोग मिल रहा है. यह सीट झामुमो की है और रहेगी. विपक्षी दलों की एकजुटता आगे भी कायम रहेगी. आनेवाले दिनों में विपक्षी एकता के बल पर भाजपा को शिकस्त दी जायेगी. यह राज्य की राजनीति के लिए सुखद संकेत है़
विनोद पांडेय, झामुमो महासचिव
राज्य को भाजपा के शासन से मुक्त कराना है. कांग्रेस ने गठबंधन धर्म निभाया है. राज्य में विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने हमेशा पहल की है. यह एकता महज चुनाव के लिए नहीं है, आनेवाले दिनों में जन सवालों पर भी हम मिल कर संघर्ष करेंगे़
राजेश ठाकुर, कांग्रेस प्रवक्ता
एनडीए इंटैक्ट है. इसको उपचुनाव के दायरे में नहीं देखना चाहिए. उपचुनाव में कुछ परिस्थितियों के कारण ऐसी स्थिति बनी है. सिल्ली में भाजपा ने सुदेश महतो का खुले दिल से समर्थन किया है. भाजपा के कार्यकर्ता वहां लगे हुए भी हैं. बड़े नेताओं को आजसू की आेर से निमंत्रण मिलेगा, तो वो भी जायेंगे. दोनों ही सीट एनडीए के खाते में आयेगी़
प्रतुल शाहदेव, भाजपा प्रवक्ता
