रांची : चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 45ए/96 (दुमका कोषागार से जुड़े दूसरे मामले) में सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने 42 आरोपियों में से 37 को दोषी करार दिया है.
सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार काका ने बताया कि अदालत ने शेष पांच आरोपियों को बरी कर दिया. दोषी करार दिये गये सभी अभियुक्तों को कस्टडी में ले लिया गया है. अदालत प्रतिदिन सात अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर सुनवाई करेगी.
अभियुक्तों पर बहस उनके नाम के अनुसार अल्फाबेटिकली क्रम में होगा. अदालत ने मामले में फरार चल रहे पांच आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है. जिनके खिलाफ वारंट जारी हुआ है उनमें आनंद कुमार, मनोरंजन प्रसाद, सत्येंद्र प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद वर्मा अौर फूल सिंह शामिल हैं.
सोमवार को अदालत की कार्रवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. मामले के जो आरोपी फिलहाल जेल में हैं, उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया. जबकि अन्य आरोपी सिविल कोर्ट परिसर स्थित वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम में पहुंचे.
जज ने अधिवक्ताअों से कहा कि बरी होनेवालों का नाम पहले बता दें या दोषियों का? इसके बाद उन्होंने बरी होने वाले आरोपियों का नाम पढ़कर सुनाया. इनमें वेणु झा, सरस्वती चंद्र, मधु मेहता, लाल मोहन प्रसाद, हरीश खन्ना शामिल हैं. जज ने कहा, आप सभी लोग बाहर जा सकते हैं, आपको बरी किया जाता है.
इन्हें दोषी करार दिया गया
अदालत ने अजीत कुमार सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा, अरुण कुमार, अजीत कुमार वर्मा, विमलकांत दास, विनोद कुमार झा, दयानंद कश्यप, दिनेश कुमार सिन्हा, फ्रेडी केरकेट्टा, दिनेश्वर प्रसाद शर्मा, गोपीनाथ दास, हरेंद्र नाथ वर्मा, हरीश चंद्र अग्रवाल, कृष्ण कुमार प्रसाद, कृष्ण मुरारी साह, मनोरंजन प्रसाद, मनोज कुमार श्रीवास्तव, मोहिंदर सिंह बेदी, नंद किशोर प्रसाद, अोम प्रकाश दिवाकर, पंकज मोहन भोई, पितांबर झा, प्रकाश कुमार लाल, रघुनंदन प्रसाद, राधा मोहन मंडल, राकेश कुमार अग्रवाल, राम अवतार शर्मा, रवि कुमार सिन्हा, राकेश गांधी उर्फ सुनील गांधी, राजन मेहता, शशि कुमार सिन्हा, सर्वेंदु कुमार दास, संजय शंकर, संजय अग्रवाल, सुनील कुमार सिन्हा, सुशील कुमार सिन्हा व त्रिपुरारी मोहन प्रसाद को दोषी करार दिया है.
71 आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला, 60 के खिलाफ चार्जफ्रेम
चारा घोटाला से जुड़ा यह मामला दुमका कोषागार से 34 करोड़ 91 लाख 54 हजार रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है. 1991-92 अौर 1995-96 की अवधि में सरकारी खजाने से अवैध तरीके से राशि की निकासी की गयी थी. मामले में 71 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में पशुपालन विभाग के अधिकारी, पशु चिकित्सक अौर आपूर्तिकर्ता शामिल हैं. इसमें कोई भी राजनेता नहीं है.
अवैध निकासी से संबधित मामला दुमका टाउन थाना में 22 फरवरी 1996 को दर्ज कराया गया था. सीबीआइ में यह मामला 15 अप्रैल 1996 को आया था. 60 आरोपियों के खिलाफ चार्जफ्रेम किया गया था. 42 के खिलाफ ट्रायल चल रहा था. 14 आरोपियों का निधन हो चुका है. दो ने पूर्व में ही अपराध स्वीकार कर लिया है. पांच आरोपी फरार चल रहे थे.
इस मामले में सीबीआइ ने 197 गवाहों की गवाही दर्ज करायी जबकि बचाव पक्ष की अोर से महज तीन गवाही दर्ज हुई. एक आरोपी का मामला हाईकोर्ट से क्वैश हो गया है. इस मामले में सीबीआइ ने पांच आरोपियों को गवाह बनाया था. इनमें डॉ मो सईद, रामेश्वर चौधरी, शिव कुमार पटवारी, नरेश प्रसाद अौर शैलेश प्रसाद सिंह शामिल हैं.
