रांची : चारा घोटाले के अभियुक्त लालू प्रसाद मामले की सुनवाई कर रहे जजों को बदलने की मांग करते रहे हैं. केस आरसी 64ए/96 में भी सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश को बदलने की मांग कर चुके हैं. हालांकि झारखंड हाइकोर्ट ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया था. कांड संख्या आरसी 20ए/96 में सीबीआइ के तत्कालीन जज पीके सिंह को बदलने की मांग उन्होंने की थी. सुप्रीम कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था. दोनों ही मामलों में लालू प्रसाद ने अलग-अलग आधार बता कर जजों को बदलने की मांग की थी.
आरसी 64ए/96 में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश को बदलने की मांग को लेकर दायर याचिका में कोर्ट के व्यवहार को गलत बताया गया था. याचिका में लालू प्रसाद की ओर से यह कहा गया था कि शिवपाल सिंह की अदालत में 64ए/96 और आरसी 38ए/96 की सुनवाई हो रही है. इस न्यायालय द्वारा उनके गवाहों को अपमानित किया जाता है. यह न्यायसंगत नहीं है.अदालत के इस रवैये की वजह से उन्हें अपने मामलों में न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. इसलिए अदालत इसमें हस्तक्षेप करते हुए इन मामलों की सुनवाई दूसरे किसी न्यायाधीश की अदालत में करने का आदेश दे. हाइकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के बाद लालू प्रसाद की याचिका को खारिज कर दिया गया. इसके बाद इस मामले की सुनवाई फिर से शिवपाल सिंह की अदालत में शुरू हुई.
लालू प्रसाद ने आरसी 20ए/96 में अंतिम समय में तत्कालीन विशेष न्यायाधीश को बदलने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गये थे. जज बदलने के लिए लालू प्रसाद की ओर से राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का मामला उठाया गया था. लालू प्रसाद की ओर से यह कहा गया था कि सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके सिंह बिहार के एक राजनेता के रिश्तेदार हैं. संबंधित नेता उनके विरोधी हैं. वह फैसले को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. इसलिए आरसी20ए/96 को किसी दूसरे न्यायालय में सुनवाई के लिए भेज दिया जाये. सुप्रीम कोर्ट ने लालू की याचिका पर सीबीआइ का पक्ष सुनने के बाद लालू की याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद पीके सिंह की अदालत ने फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की और फैसला सुनाया.