21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

राष्ट्रपति ने योगदा सत्संग मठ में ‘ईश्वर-अर्जुन संवाद’ का किया विमोचन, कहा : अध्यात्म भारत की अात्मा व दुनिया को महत्वपूर्ण देन

रांची : योगदा सत्संग सोसाइटी ने दुनिया भर में योग विज्ञान का प्रचार-प्रसार किया है. दरअसल, अध्यात्म भारत की अात्मा है, जो भारत की अोर से पूरी दुनिया को महत्वपूर्ण देन है. पहले विवेकानंद व फिर परमहंस योगानंद जी ने अध्यात्म का यह मार्ग प्रशस्त किया था.सोसाइटी से जुड़े लोग, जो सेल्फ रियलाइजेशन (अात्म साक्षात्कार) […]

रांची : योगदा सत्संग सोसाइटी ने दुनिया भर में योग विज्ञान का प्रचार-प्रसार किया है. दरअसल, अध्यात्म भारत की अात्मा है, जो भारत की अोर से पूरी दुनिया को महत्वपूर्ण देन है. पहले विवेकानंद व फिर परमहंस योगानंद जी ने अध्यात्म का यह मार्ग प्रशस्त किया था.सोसाइटी से जुड़े लोग, जो सेल्फ रियलाइजेशन (अात्म साक्षात्कार) व मेडिटेशन (ध्यान) के रास्ते पर चल रहे हैं, उन्हें मेरी शुभकामनाएं. ये बातें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कही. वह बुधवार को योगदा सत्संग सोसाइटी में ईश्वर-अर्जुन संवाद का विमोचन कर लोगों को संबोधित कर रहे थे.

गुड न्यूज : झारखंड में सेंट्रल बैंक से लिया है होम लोन, तो 20 नहीं, 30 साल में चुकायें

उन्होंने कहा कि गीता का यह प्रकाशन समयानुकूल है व उपयोगी भी. इस किताब का मर्म मनुष्य के अंदरूनी झंझावत का हर युद्ध लड़ता है. अादमी एेसी लड़ाई अपने विवेक से नहीं अध्यात्म से ही जीत सकता है. योगानंद जी ने 1918 से 1920 तक रांची के इसी अाश्रम को अपनी कर्म स्थली बनाया था. इसके बाद वह अगले 32 वर्षों तक अमेरिका में क्रिया योग का प्रचार-प्रसार करते रहे. बाद में 1935 में वह फिर रांची आये थे. गांधीजी भी 1925 में अाश्रम आये थे. राष्ट्रपति ने कहा कि धर्म जहां रुक जाता है. अध्यात्म वहीं से शुरू होता है.
अपने संबोधन के क्रम में राष्ट्रपति ने परमहंस की आत्मकथा अॉटोबायोग्राफी अॉफ योगी की भी चर्चा की अौर कहा कि यह आत्मकथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है. मैंने भी यह किताब पढ़ी है. सोसाइटी के अध्यक्ष चिदानंद जी ने कहा कि ईश्वर-अर्जुन संवाद भारत सहित दुनिया को एक उपहार है. यह गीता के ज्ञान की वैज्ञानिक व्याख्या है.
परमहंस ने भारत के राज योग विज्ञान का दुनिया भर खास कर पश्चिम में प्रचार-प्रसार किया. इसलिए पश्चिमी देशों में इन्हें फादर अॉफ योगा कहा जाता है. भारत सचमुच दुनिया भर के लिए आध्यात्मिकता का केंद्र है. मैं खुद इसका सबसे बड़ा लाभुक हूं. मेरा जन्म पश्चिम में जरूर हुआ, पर मेरी धरती भारत है. मेरा मानना है कि आध्यात्मिकता हर आत्मा को जोड़ती है, तोड़ती नहीं. यह मानव के बेहतर विकास व इसके अस्तित्व के लिए जरूरी है.
इससे पहले सोसाइटी के महासचिव स्मरणानंद जी ने कहा कि हर अादमी अपने जीवन में निरंतर अानंद, खुशी, विशुद्ध प्यार व सुरक्षा का भाव चाहता है. कौन नहीं चाहता कि यह सब समय, उम्र व मृत्यु से न बंधा हो. हम सभी अपने जीवन में संपूर्णता (परफेक्शन) चाहते हैं. पर क्या एेसा होता है? दरअसल, हम विपरित परिस्थितियों में पलायनवादी रुख अपनाते हैं.

झारखंड : बादलों और बारिश के साथ अचानक बढ़ गयी है ठंड, 9 डिग्री गिरा तापमान, तीन दिन आसामान में छाये रहेंगे बादल

पर परमहंस योगानंद का जीवन व शिक्षा यह संदेश नहीं देती. यह सच्चाई से परिस्थितियों का सामना करना सिखाती है. ईश्वर-अर्जुन संवाद हमें अाश्वस्त करता है कि जिस ईश्वर ने अर्जुन से संवाद किया, वह अापसे भी बात करेंगे. यह संवाद हमारे अंदरूनी व बाहरी जीवन में शांति व आनंद कैसे हो, इसका मार्ग दिखाता है.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel