रांची: महुआ से अब सिर्फ शराब ही नहीं बनेंगी बल्कि इससे स्वादिष्ट लड्डू भी बनेंगे, जो भेजे जायेंगे गुजरात में लगने वाले प्रसिद्ध मेले में. अब तक महुआ की पहचान उस शराब के रॉ मैटेरियल के रूप में थी, जिसका सेवन यहां के आदिवासी वर्षों से करते आ रहे हैं. लेकिन महुआ की पहचान बदलेगी.
इस काम का बीड़ा उठाया है मूलत: मांडर की कंपनी ‘लैटिफोलिया इंटरप्राइजेज’ ने. इस कंपनी ने महुआ के लड्डू को लॉन्च किया है. इस लड्डू को रांची के जीईएल चर्च कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक सेमिनार के दौरान लॉन्च किया गया था. इस कंपनी को आदिवासी एकता परिषद की ओर से 50,000 लड्डू गुजरात भेजने का अॅार्डर मिला है.
यह लड्डू मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले मेले का आकर्षण होंगे. यह संस्कृति मेला गुजरात के जाकतनगर के राजपिपला इलाके में लगता है. ‘लैटिफोलिया इंटरप्राइजेज’ से जुड़ी मारिया खलखो ने बताया कि लड्डू को लॉन्च किये जाने के बाद यह पहला बड़ा अॅार्डर हमें मिला है. उन्होंने बताया कि लड्डू की सप्लाई के लिए उन्हें 15000 रुपये का एडवांस भी मिला है.
उन्होंने बताया कि महुआ के लड्डू को बनाने में अतिरिक्त चीनी का इस्तेमाल नहीं होता है. लड्डू में तीसी, नारियल और चिरौंजी का प्रयोग किया जाता है. एक लड्डू 20 का होगा और कीमत सिर्फ दस रुपये. महुआ एक ऐसा फल है, जो त्वचा रोग, लीवर और ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में कारगर साबित हुआ है.