27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Jharkhand : सिमडेगा की लड़की की मौत पर UIDIA ने दी सफाई, कहा : मृतक के परिवार के पास था ‘आधार’

रांची/नयी दिल्ली : सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी ‘आधार’कार्ड जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा है कि झारखंड की 11 वर्षीय उस लड़की के परिवार के पास आधार कार्ड था, जिसकी कथित भुखमरी से मौत हो गयी थी. यूआईडीएआई ने कहा है कि उन लोगों के खिलाफ […]

रांची/नयी दिल्ली : सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी ‘आधार’कार्ड जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा है कि झारखंड की 11 वर्षीय उस लड़की के परिवार के पास आधार कार्ड था, जिसकी कथित भुखमरी से मौत हो गयी थी.

यूआईडीएआई ने कहा है कि उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी, जिन्होंने लड़की को सरकारी लाभ देने से इन्कार कर दिया. विभिन्न संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि 11 वर्षीय बालिका की सिमडेगा जिले में भुखमरी से मौत होगयी थी, क्योंकि उसके परिवार का राशन कार्ड रद्द कर दिया गया था, क्योंकि वह आधार से नहीं जुड़ा था.

सिमडेगा में बच्‍ची की मौत के बाद पहुंचे बाबुलाल मरांडी ने कहा, सिस्‍टम की खराबी से सरकारी योजनाएं फेल

यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि यह आधार की वजह से लाभ न दिये जाने का मामला नहीं है, क्योंकि परिवार के पास वर्ष 2013 से ही आधार कार्ड था.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि 28 सितंबर, 2017 को सिमडेगा जिले के जलडेगा प्रखंड के बारामाटी गांव में एक 11 साल की बच्ची संतोषी कुमारी की मौत हो गयी थी. संतोषी की मां कोयली देवी ने आरोप लगाया था कि उसकीबेटी की मौत भूख के कारण हुई. उसकी बेटी ने ‘भात-भात’करते हुए उसकी गोद में दम तोड़ दिया. कोयली देवी के मुताबिक, राशन कार्ड आधार नंबर से लिंक नहीं था. इसलिए डीलर ने कई माह से राशन देना बंद कर दिया था.

झारखंड : संतोषी की मौत पर रघुवर ने दिया जांच का आदेश, सरयू का ट्वीट – बिना आधार वाले भी राशन के हकदार

हालांकि, जिला प्रशासन संतोषी की मौत की वजह भूख मानने से इनकार कर रहा है. सिमडेगा के डीसी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीन सदस्यीय जांच दल की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बच्ची को मलेरिया था. उसकी मां ने उसका इलाज नहीं कराया और इस वजह से उसकी मौत हो गयी. बहरहाल, केंद्र सकार ने इस संबंध में राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

क्या कहता है खाद्य सुरक्षा कानून

खाद्य सुरक्षा कानून में प्रावधान है कि यदि किसी कारण से किसी परिवार को राशन नहीं मिलताहै, तो लाभार्थी को न्यूनतम समर्थन मूल्य का सवा गुना खाद्य सुरक्षा भत्ता दिया जाये. केंद्र सरकार राज्यों को उसके हिसाब से हर माह अनाज का आवंटन करती है. झारखंड को भी अनाज का आवंटन हुआ. राज्य ने समय पर इसे ले भी लिया. ऐसे में यदि किसी परिवार को अनाज नहीं मिला, तो उसे खाद्य सुरक्षा भत्ता मिलना चाहिए था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें