नयी दिल्ली : झारखंड के भूतपूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर बुधवार को चुनाव आयोग का कोड़ा चला. आयोग के फैसले के बाद मधु कोड़ा तीन साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. चुनावी खर्च का ब्योरा नहीं देने पर चुनाव आयोग ने यह कठोर कार्रवाई की है. कोड़ा ने झारखंड की सिंहभूम लोकसभा सीट से वर्ष 2009 में चुनाव जीता था.
आयोग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोड़ा को कानून द्वारा जरूरी तरीके से अपने चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया. चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं देने का कोई औचित्य भी बताने में वह नाकाम रहे. इसलिए उन्हें तीन साल तक चुनाव लड़ने की दृष्टि से अयोग्य करार दिया जाता है.
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मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोति एवं चुनाव आयुक्त ओपी रावत के हस्ताक्षरवाले आयोग के आदेश में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 10 ए का हवाला देते हुए कोड़ा को अयोग्य करार दिया गया.
आयोग 2009 के बाद कथित रूप से चुनाव खर्च के झूठे दस्तावेज पेश करने के लिए कोड़ा के खिलाफ मामला सुन रहा था. कोड़ा 2009 में निर्दलीय सांसद के रूप में निर्वाचित हुए थे और अक्तूबर, 2010 में चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजकर पूछा था कि उन्हें इस आधार पर अयोग्य करार क्यों ना दिया जाये कि उन्होंने कथित रूप से 18,92,353 रुपये की वास्तविक राशि के उलट अपना चुनाव खर्च बहुत कम दिखाया था.
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49 पन्नों के आदेश में कहा गया है कि झारखंड के नेता द्वारा जमाकियेगये चुनाव खर्च का ब्योरा झूठा था. वहीं, कोड़ा ने चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र पर सवाल खड़े करते हुए दिल्ली हाइकोर्ट का रुख किया था, लेकिन अदालत ने आयोग को नेता के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने की मंजूरी दे दी थी.