मांडू. मांडू निवासी मुबारक हुसैन की मां शकीना खातून (75 वर्ष) की मौत रविवार को हो गयी. तबीयत खराब होने पर परिजन शकीना को मांडू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. यहां चिकित्सक व नर्स मौजूद नहीं थे. अस्पताल में मौजूद कंपाउंडर ने चिकित्सक को फोन किया. डॉक्टर ने महिला का बीपी और शुगर जांच करने की बात कही. इसकी जानकारी फोन से परिजनों व अस्पताल कर्मी को दी गयी. प्राथमिक उपचार नहीं मिलने पर परिजनों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए रामगढ़ ले जाने का निर्णय लिया, लेकिन रास्ते में सांडी भरेचनगर के पास उनकी मौत हो गयी. परिजनों में अस्पताल की लचर व्यवस्था के कारण आक्रोश था. इस संबंध में मृतका के पुत्र मुबारक हुसैन ने कहा कि मांडू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की अनुपलब्धता आम बात है. अस्पताल की व्यवस्था खराब है. मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिलता है. परिजन मिस्टर आलम ने कहा कि मांडू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इमरजेंसी वार्ड व नेत्र चिकित्सा केंद्र अक्सर बंद रहते हैं. मुमताज कुरैशी ने कहा कि डीडीसी आशीष अग्रवाल ने चिकित्सकों को फटकार लगायी थी और व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया था. अभी तक अस्पताल की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुई है.
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