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रामप्रसाद चंद्रभान सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में महावीर जयंती मनायी गयी

बाजार समिति स्थित रामप्रसाद चंद्रभान सरस्वती शिशु विद्या मंदिर रामगढ़ में महावीर जयंती गुरुवार को उत्साह के साथ मनायी गयी.

फोटो फाइल 10आर-15- महावीर जयंती मनाते प्राचार्य. रामगढ़. बाजार समिति स्थित रामप्रसाद चंद्रभान सरस्वती शिशु विद्या मंदिर रामगढ़ में महावीर जयंती गुरुवार को उत्साह के साथ मनायी गयी. इस अवसर पर विद्यालय परिवार के सदस्यों ने संयुक्त रूप से जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के जीवन व उनके सिद्धांतों पर चर्चा की. कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्रधानाचार्य वरुण कुमार चौधरी ने भगवान महावीर के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर व दीप जलाकर किया. इसके बाद भगवान महावीर के जीवन पर आधारित कई प्रसंग व कहानियां कही गयी. आचार्य ने भगवान महावीर के सिद्धांतों पर अपने विचार व्यक्त किये. उनको जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया. विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत हमें अहिंसा, सत्य व आत्म-नियंत्रण के महत्व को समझने में मदद करते हैं. उन्होंने बच्चों को भगवान महावीर के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया. कार्यक्रम का समापन भगवान महावीर के जयकारों के साथ हुआ. इस अवसर पर जयंती प्रमुख शैलेंद्र कुमार सिंह, बबीता राय सहित विद्यालय परिवार के सदस्य मौजूद थे. भगवान महावीर के जन्म कल्याण महोत्सव पर निकाली श्रीजी की पालकी फोटो फाइल 10आर–श्रीजी की पालकी के साथ जैन समाज के लोग. रामगढ़. श्री दिगंबर जैन समाज द्वारा रामगढ़ में महावीर जयंती का भव्य कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार को किया गया. स्थानीय रामगढ़ जिनालय में भगवान महावीर के 2624वें जन्म कल्याण महोत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ. श्रीजी की भव्य पालकी शहर के मुख्य मार्ग पर निकाली गयी. कार्यक्रम की शुरुआत में श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा व नित्य पूजन किया गया. तत्पश्चात सदस्यों के बीच अल्पाहार की व्यवस्था की गयी. अल्पाहार के पश्चात श्रीजी को रजत धातु से नव निर्मित पालकी में विराजमान करके नगर भ्रमण कराया गया. नगर भ्रमण के दौरान जैन श्रद्धालुओं में असीम उत्साह देखा गया. जैन समाज के सभी स्त्री-पुरुष व बच्चे झूमते-गाते शामिल हुए. श्रीजी का जयकारे लगाये गये. जुलूस को जैन मंदिर से शुरू होकर स्थानीय थाना चौक, झंडा चौक, लोहार टोला होते हुए वापस श्रीजी की सवारी को जिनालय में प्रवेश कराया गया. नगर भ्रमण के दौरान विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा जगह-जगह पर श्रीजी की पालकी में शामिल श्रद्धालुओं की आगवानी की गयी. जैन मंदिर में प्रवेश करने के पश्चात श्रीजी का मंत्र उच्चारण के साथ अभिषेक व शांतिधारा की प्रक्रिया की गयी. प्रथम अभिषेक का सौभाग्य योगेश सेठी, निशा सेठी परिवार, अरुणा जैन, डॉ शरद जैन परिवार, अशोक, सुनील, संजय सेठी परिवार व इंद्रमणि देवी चूड़ीवाल परिवार को प्राप्त हुआ. शांतिधारा का सौभाग्य राजेंद्र, राजेश चूड़ीवाल परिवार व इंद्रमणि देवी चूड़ीवाल परिवार को प्राप्त हुआ. नव निर्मित रजत पालकी में श्रीजी को विराजमान करने का सौभाग्य अशोक, सुनील, संजय सेठी को प्राप्त हुआ. बाद में हजारीबाग से आए हुए पंडित दीपक शास्त्री ने कार्यक्रम किया. मध्य प्रदेश के भजन गायक प्रशांत जैन व उनकी मंडली द्वारा भक्तिमय तरीके से श्री महावीर विधान का आयोजन किया गया. विधान के तत्पश्चात सदस्यों के बीच वात्सल्य भोज का आयोजन किया गया. समाज के सचिव योगेश सेठी ने बाहर से आए हुए अतिथियों का अभिनंदन किया. अभिनंदन करने के पश्चात शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सर्वप्रथम महाआरती का आयोजन किया गया. महा आरती के पश्चात् बच्चों एवं महिलाओं द्वारा भगवान महावीर के गर्व में आने के समय माता त्रिशला को आने वाले 16 सपनों के विषय पर आधारित भक्तिमय नाटक का मंचन किया गया. सेठी ने बताया कि यूं तो महावीर भगवान का जन्म कल्याणक रामगढ़ समाज प्रत्येक वर्ष मनाता है, किंतु इस वर्ष पालकी के अंदर शोभायात्रा निकालकर व 2624 वें जन्म कल्याणक का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के भव्य आयोजन से समाज में नई उर्जा का संचार हुआ है. वर्तमान कार्यकारिणी समिति आने वाले समय में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित आने में सदैव प्रत्यन करेगा. कार्यक्रम को सफल बनाने में गुड्डू जैन, माणिक जैन, ललित चूड़ीवाल, प्रदीप पाटनी, अरविंद सेठी, खुशबू चूड़ीवाल, विनोद जैन, सुनील छाबड़ा, देवेंद्र गंगवाल, वीणा जैन, ममता जैन, सुधा जैन, ऊषा अजमेरा, सौरव अजमेरा मुख्य रूप से शामिल थे. ..श्री अग्रसेन स्कूल में मनायी गयी महावीर जयंती 10बीएचयू0001-बच्चों को संबोधित करते शिक्षक. भुरकुंडा. श्री अग्रसेन स्कूल, भुरकुंडा में गुरुवार को भगवान महावीर जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर विशेष प्रातः सभा में विद्यार्थियों को भगवान महावीर के जीवन से अवगत कराया गया. इसके अलावा कक्षाओं में विशेष कार्यक्रम का आयोजन करते हुए विद्यार्थियों को भगवान महावीर का जीवन परिचय कराया गया. साधना सिन्हा ने बताया कि भगवान महावीर जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर हैं. उन्होंने 30 वर्ष की आयु में गृह त्याग कर दिया था. गृह त्याग के बाद 12 वर्षों तक तपस्या करते हुए उन्होंने ज्ञान की प्राप्ति की थी. विद्यार्थियों को भगवान महावीर की अहिंसा और करुणा की शिक्षा का सार समझाया गया. दुनिया में भगवान महावीर के सिद्धांत की प्रासंगिकता के बारे में बताया गया. आचार्य लीलेश्वर पांडेय ने कहा कि महावीर जयंती मनाये जाने का मूल कारण भगवान महावीर के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना है. आज की दुनिया को भगवान महावीर के मार्ग पर चलने की जरूरत है. उन्होंने उनके सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए उस पर चलने की प्रेरणा शिक्षाप्रद कहानियों के माध्यम से दी.

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