:- रैयतों ने उचित मुआवजा व अधिकार की उठायी मांग मगनपुर. गोला प्रखंड क्षेत्र के सोसोकलां गांव स्थित झिंझरी टांड़ के समीप सोमवार को डीवीसी की जमीन नापी कराने पहुंचे अधिकारियों को उस समय निराश लौटना पड़ा, जब नक्शा में त्रुटि पाये जाने के कारण नापी का कार्य स्थगित करना पड़ा. जमीन नापी की सूचना मिलते ही संबंधित रैयत भी स्थल पर पहुंचे, जहां डीवीसी अधिकारियों और रैयतों के बीच लंबी वार्ता हुई. रैयतों ने बताया कि डीवीसी निर्माण को लेकर उनकी रैयती व गैर मजरूआ खास जमीन से संबंधित मामला लंबे समय से झारखंड हाईकोर्ट में विचाराधीन है. रैयतों का कहना है कि गैर मजरूआ खास भूमि पर उनका अधिकार है, जिसका प्रमाण वर्ष 1954 से निर्गत जिम्मेदारी रसीद तथा वर्ष 2005 में सरकार द्वारा जारी रसीद और पट्टा के रूप में मौजूद है. उन्होंने मांग की कि यदि जमीन ली जाती है तो उन्हें उचित मुआवजा दिया जाये. वहीं डीवीसी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि झारखंड सरकार के आदेशानुसार संबंधित भूमि सरकारी है और उसी आधार पर नापी की प्रक्रिया शुरू की जा रही थी. नापी कार्य के लिए पहुंचे निजी अमीन परमेश्वर महतो ने नक्शा में तकनीकी त्रुटि की जानकारी दी, जिसके बाद नापी संभव नहीं हो सकी और कार्य को फिलहाल स्थगित कर दिया गया. अधिकारियों ने रैयतों से खाता नंबर, प्लॉट नंबर, रकबा एवं मोबाइल नंबर लेकर व्हाट्सएप के माध्यम से विभागीय वरीय अधिकारियों को भेज दिया. डीवीसी की ओर से बताया गया कि जल्द ही त्रुटि सुधार कर कार्य शुरू किया जायेगा. मौके पर डीवीसी रामगढ़ के सीनियर मैनेजर मनोज मंडल, आशीष मंडल सहित कलामुल्लाह अंसारी, शिवनारायण साव, बूटन महतो, नेपाल महतो, हाजी कबीर हुसैन, नईम अंसारी समेत कई रैयत मौजूद थे.
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