रामगढ़. मेसर्स धूरिना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को शिक्षा विभाग से गलत तरीके से लाखों रुपये का आवंटन हो गया था. कंपनी ने जिन बच्चों की इंजीनियरिंग परीक्षा का रिजल्ट दिखा कर डीएमएफटी फंड से राशि प्राप्त की थी, उनकी जांच शुरू हो गयी है. शिक्षा विभाग ने आवंटित राशि की वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी नीलम कुमारी ने कंपनी को राशि वापस करने के लिए पत्र लिखा है. हालांकि, अब तक कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. ज्ञात हो कि उदित्य राज पांडे द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र लगाने के बाद धूरिना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड का कार्य संदेह के घेरे में आ गया है. शिक्षा विभाग अब उन नौ बच्चों की तलाश कर रहा है, जिनका नाम व सर्टिफिकेट कंपनी ने विभाग में जमा किया था. इन छात्रों की पढ़ाई के दो वर्ष पूरे हो गये हैं. जेइइ व नीट का रिजल्ट आये एक वर्ष हो गया है. कंपनी ने दस्तावेजों की जालसाजी की है : डीइओ नीलम कुमारी ने बताया कि कंपनी ने दस्तावेजों की जालसाजी की है. जाली कागजात को असली रूप में प्रस्तुत कर सरकारी खातों में हेराफेरी की है. यह आपराधिक विश्वासघात व सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है. उन्होंने बताया कि उदित्य राज पांडे के नाम पर कंपनी ने फर्जी रजिस्ट्रेशन फॉर्म, जेइइ व नीट स्कोर कार्ड तैयार किया. बिना सहमति उसके दस्तावेज का उपयोग किया. डीइओ की ओर से मेहरूनिशा इनक्लेव सेंट्रल स्ट्रीट हिंदपीढ़ी, रांची निवासी कंपनी के कवसेन परवेज (पिता परवेज अख्तर) को प्राथमिक अभियुक्त बनाया गया है. इन पर रामगढ़ थाना में जालसाजी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
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