21 चितरपुर डी. नि:शक्त जितेंद्र कुमार पटेल रजरप्पा. हौसला बुलंद हो तो मंजिल मिलने में देर नहीं लगती है. नि:शक्त होने के बावजूद जितेंद्र कुमार पटेल ने डांसर व क्रिकेटर में प्रतिभा को उजागर किया है. चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के लारी के जितेंद्र कुमार पटेल को जन्म के तीन वर्ष बाद पोलियो ने अपना शिकार बना लिया. इसमें उनकी दोनों पैर नि:शक्त हो गये. लेकिन वे इससे हार नहीं माने और वर्ष 2007 में मैट्रिक की परीक्षा व 2009 में इंटर की परीक्षा पूरी की. वे 2011 में पार्ट टू की भी परीक्षा पास की. इस बीच खेल में भी इनकी रुचि बढ़ी. जहां तीन जनवरी 2009 को वे रामगढ़ जिला टीम में शामिल हुए और उन्हें कप्तान बनाया गया. फिर 15 सितंबर 2012 को झारखंड 11 टीम का कप्तान चुने गये. वर्ष 2013 में झारखंड की ओर से आइडिया कप टूर्नामेंट में भाग लिया. जहां दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था. 13 सितंबर 2013 को बंगलुरू के ओलिंपिक खेल में भी चयन किया गया. पुन: उन्हें तीन मार्च को दिल्ली में आयोजित ओलिंपिक में तैराक के लिये चयन किया गया है. साथ ही ओलिपिंक एथलेटिक्स खिलाड़ी के रूप में भी उनका चयन हो चुका है. जहां उन्होंने चेन्नई में आयोजित पांचवां नेशनल गेम में भाग लिया था. खेल के अलावा जितेंद्र फिल्मी गीतों पर डांस करने में माहिर है. कई जगह इनका कार्यक्रम हुआ. पटेल कहते है कि कभी भी नि:शक्त बच्चों को हीन भावना नहीं लानी चाहिए. कुछ भी पाने के लिए मन में हौसला व जज्बा होनी चाहिए.
नि:शक्त बच्चे हीन भावना नहीं लायें: जीतेंद्र
21 चितरपुर डी. नि:शक्त जितेंद्र कुमार पटेल रजरप्पा. हौसला बुलंद हो तो मंजिल मिलने में देर नहीं लगती है. नि:शक्त होने के बावजूद जितेंद्र कुमार पटेल ने डांसर व क्रिकेटर में प्रतिभा को उजागर किया है. चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के लारी के जितेंद्र कुमार पटेल को जन्म के तीन वर्ष बाद पोलियो ने अपना शिकार […]
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