बोंगसोरी, बयांग, रुंडई व पोटमदगा गांव के लोग होंगे लाभान्वित
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झारखंड में मत्स्य पालन में अव्वल होगा रामगढ़
बोंगसोरी, बयांग, रुंडई व पोटमदगा गांव के लोग होंगे लाभान्वित मछली मार्केटिंग के लिए 12 सदस्यों का बना समूह दो करोड़ 55 लाख रुपये की होगी वार्षिक आय दुलमी : दुलमी प्रखंड के भैरवा जलाशय क्षेत्र में शनिवार को डीएमएफटी योजना से मत्स्य केज अधिष्ठापन कार्य का उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन […]
मछली मार्केटिंग के लिए 12 सदस्यों का बना समूह
दो करोड़ 55 लाख रुपये की होगी वार्षिक आय
दुलमी : दुलमी प्रखंड के भैरवा जलाशय क्षेत्र में शनिवार को डीएमएफटी योजना से मत्स्य केज अधिष्ठापन कार्य का उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि पेयजल व स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी व विशिष्ट अतिथि रामगढ़ जिला परिषद अध्यक्ष ब्रह्मदेव महतो ने किया. यह योजना लगभग चार करोड़ 15 लाख रुपये की है. मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि भैरवा जलाशय योजना का लाभ सिंचाई के साथ – साथ मत्स्य पालन में मिलेगा.
झारखंड में मत्स्य पालन में रामगढ़ अव्वल होगा. सरकार ने विभिन्न गांवों में मछली उत्पादन के लिए 83-83 लाख रुपये का आवंटन किया है. इससे यहां प्रत्येक वर्ष 425 टन मछली का उत्पादन होगा. इसका बाजार मूल्य दो करोड़ 55 लाख होगा. जिप अध्यक्ष श्री महतो ने कहा कि भैरवा जलाशय योजना किसानों व इस क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगा. ब्रजमोहन चौधरी, झालो देवी, गीता देवी, विषुण केंवट के बीच मछली बिक्री उपकरण का वितरण किया गया.
मौके पर डीडीसी संजय सिन्हा, जिला मत्स्य पदाधिकारी मनोज कुमार ठाकुर, गंगाधर महतो, गजेंद्र चौधरी, बलराम महतो, किलश महतो, राजीव मेहता, सुनील कुमार, बैजनाथ महतो, रीझु महतो, चितरंजन कुमार, मनोहर महतो, अभय पद्मराज, परमेश्वर महतो, मुर्तूजा अंसारी मौजूद थे. इन गांवों को मिलेगा लाभ : भैरवा जलाशय के ग्राम बोंगासोरी के निकट मत्सय केज का अधिष्ठापन व मछली उत्पादन के लिए 83 लाख 920 रुपये, बयांग, रुंडई व पोटमदगा के लिए भी 83-83 लाख का आवंटन किया गया है.
इससे 335 सदस्य प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे. मछली उत्पादन कार्य का संचालन स्थानीय निबंधित मत्स्य जीवी सहयोग समिति करेगी. मछली की मार्केटिंग के लिए 12 सदस्यों का समूह बनाया गया है. मछली का क्रय कर बाजारों में बिक्री की व्यवस्था की जायेगी. इससे प्राप्त आय को लाभुक समिति के बैंक खाता में जमा किया जायेगा. इसमें 50 फीसदी राशि लाभांश के रूप में एवं 50 फीसदी शेष राशि अगले वर्ष में इनपुट व मार्केंटिंग के लिए वाहन व्यवस्था एवं अन्य मद में खर्च की जायेगी.
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