प्रतिनिधि, हरिहरगंज
हरिहरगंज प्रखंड क्षेत्र में सरसोत मोड़ NH 139 से बेला घाट होते हुए ढकचा गांव तक बिहार सीमा तक की सड़क पिछले दो दशकों से जर्जर हालत में है, जिससे स्थानीय लोगों और किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क पर सिर्फ नुकीले पत्थर और बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिससे वाहनों की आवाजाही धीमी और खतरनाक हो गयी है.
मरम्मत के अभाव में बदहाल सड़क
हादसों का खतरा और स्वास्थ्य समस्या
टूटी सड़क पर रोजाना दोपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे हैं. यह मार्ग सलैया, पचमो, पड़रिया, मझिगांवा, कोकरो, ढकचा, भुजवा सहित दर्जनों गांवों और बिहार को आपस में जोड़ता है. भारी वाहनों के संचालन से उड़ती धूल के कारण राहगीर और स्थानीय लोगों को सांस संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. उड़ती धूल के प्रभाव से करीब साठ एकड़ भूमि में लगे ताइवान पिंक अमरूद फल को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है, जिससे किसान अजय कुमार मेहता सहित अन्य किसानों को प्रति वर्ष लाखों का नुकसान हो रहा है.दिखावे का पानी का छिड़काव
अच्छी सड़क की बाट जोह रहे ग्रामीण
सरसोत, सलैया और ढकचा पंचायत में लोग अच्छी सड़क के लिए तरस रहे हैं. सरसोत मोड़ NH 139 से बिहार को जोड़ने वाली बेला घाट और ढकचा तक की लगभग 15 किलोमीटर लंबी यह मुख्य सड़क पिछले दो दशकों से खराब स्थिति में है. सड़क बनाने को लेकर कई बार आंदोलन भी किये गये, लेकिन ग्रामीणों को अब भी अच्छी सड़क का इंतजार है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है